बुधवार, 19 मई 2010

फांसी की फाइल रहीं शीला बैठी दाब

फांसी की फाइल रहीं शीला बैठी दाब
चार बरस जूं कान पर रेंगी नहीं जनाब
रेंगी नहीं जनाब, चिदम्बर ने दी दस्तक
तब ठनका मजबूरी में अंटी का मस्तक
दिव्यदृष्टि क्या खूब राजनीतिक स्टाइल
शीला बैठी रहीं दाब फांसी की फाइल

4 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

very good

ZEAL ने कहा…

badhiya vyang !

kunwarji's ने कहा…

MAAR DAALA!

bahut badhiya ji...

kunwar ji,

दिलीप ने कहा…

bahutahi badhiya

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