रेप मामलों के लिए बने सख्त कानून
बचे नहीं रेपिस्ट फिर कोई अफलातून
कोई अफलातून कुड़ी को हाथ लगाए
तुरत सलाखों के पीछे वह भेजा जाए
दिव्यदृष्टि यदि करे दुबारा हरकत टोली
करो कोरिया भांति नपुंसक देकर गोली
गुरुवार, 15 जनवरी 2009
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2 टिप्पणियां:
sahi kaha sir aapne...
रेप मामलों में सख्त कानून बनाने की बाते की जाती है पर ढाक के पात ही है .रेप करेने वाले और रेप करवाने वाले दोनों किस्म के लोग पैदा हो गए है रेप बढ़ते ही जा रहे है . पहले यह सोचा जाना चाहिए कि रेप बढ़ क्यो रहे है फ़िर उसके बाद उन मुद्दों पे विचार कर सर्वसम्मति से कानून बनाये जाने चाहिए और इस दिशा में समाज को जागरुक करने के लिए कार्य योजना बनाई जानी चाहिए . भारतीय समाज में यौन श्किक्षा देने कि कोई जरुरत नही है इससे रेप और बढ़ रहे है .
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