घटे साल के अन्त तक महंगाई की आयु
तब तक रामगरीब तू खा प्यारे जल वायु
खा प्यारे जल वायु छोड़ रोटी का टुकड़ा
बन संतोषी जीव सुना मत नाहक दुखड़ा
दिव्यदृष्टि मत मार रोज शासन को सोंटी
चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
सोमवार, 24 मई 2010
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- चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
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- सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
- सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
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