जिसे लगाया काम पर करके सोच-विचार
उसे हटा सकती नहीं किसी तरह सरकार
किसी तरह सरकार, सुनें गोपाला स्वामी
बिलावजह मत करें चावला की बदनामी
दिव्यदृष्टि मिल गया हंस का स्नेहिल साया
करके सोच-विचार काम पर जिसे लगाया
मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009
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2 टिप्पणियां:
vah bahut khoob likhaa hai
आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
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