गुरुवार, 31 जुलाई 2008

उसे ढूंढ़कर फौज मार दे फौरन गोली

घटनाएं आतंक की बढ़ें हिंद में रोज
उग्रवादियों की मगर हुई न पूरी खोज
हुई न पूरी खोज छिपे जो चप्पे-चप्पे
आंखमिचौनी खेलें देकर लारे-लप्पे
दिव्यदृष्टि देती पनाह उनको जो टोली
उसे ढूंढ़कर फौज मार दे फौरन गोली

बुधवार, 30 जुलाई 2008

उनकी नींद हराम करें अब जग्गू दादा

डालमिया के हाथ में आया ज्यों ही कैब
विस्मृत हुए अतीत के उनके सारे ऐब
उनके सारे ऐब लोग जमकर झुठलाएं
चापलूस सब उन्हें दूध का धुला बताएं
दिव्यदृष्टि जो समझ रहे थे उनको प्यादा
उनकी नींद हराम करें अब जग्गू दादा

मंगलवार, 29 जुलाई 2008

सुषमाजी जाकर वहीं जमा रही हैं धाक

बम विस्फोटों से हुए मोदी जहां अवाक
सुषमाजी जाकर वहीं जमा रही हैं धाक
जमा रही हैं धाक, बेतुकी भाषा बोलें
अतिवादी घटनाओं को रिश्वत से तोलें
दिव्यदृष्टि नाहक पीटे तू अपना माथा
चले भाजपा में ऐसी बचकानी गाथा

सोमवार, 28 जुलाई 2008

इंसां की खातिर बने दुनिया के सब धर्म

इंसां की खातिर बने दुनिया के सब धर्म
मेल-मुहब्बत-प्यार ही मानवता का मर्म
मानवता का मर्म, शर्म आंखों में रखिए
निर्दोषों का खून नहीं बेमतलब चखिए
दिव्यदृष्टि यह बात जिहादी समझें शातिर
दुनिया के सब धर्म बने इंसां की खातिर
पढ़ना-लिखना छोड़ जो थाम रहे बंदूक
वही तालिबे इल्म सब करते भारी चूक
करते भारी चूक, इल्म से रहते गाफिल
इसीलिए गुमराही में बन जाते कातिल
दिव्यदृष्टि वे फौरन छोड़ें खून बहाना
पड़े जिंदगी भर वरना उनको पछताना

मुरली-मेंडिस ने किया ऐसा बेड़ा गर्क

मुरली-मेंडिस ने किया ऐसा बेड़ा गर्क
जंबो को आया नजर कोलंबो में नर्क
कोलंबो में नर्क, तर्क झूठे सब निकले
राहुल दादा सचिन धुरंधर सारे फिसले
दिव्यदृष्टि सहवाग पिटे भहराए भज्जी
हारे सिंहल द्वीप लगी चेहरे पर कज्जी।

शनिवार, 26 जुलाई 2008

पाकर फॉलोआन इंडियन बने फिसड्डी

श्रीलंका ने रनों का निर्मित किया पहाड़
सभी सिंहली शेर फिर मारे खूब दहाड़
मारे खूब दहाड़, डरे 'जम्बो' के चीते
सारे साबित हुए खिलाड़ी गुजरे बीते
दिव्यदृष्टि मेंडिस-मुरली ने तोड़ी हड्डी
पाकर फॉलोआन इंडियन बने फिसड्डी।

शुक्रवार, 25 जुलाई 2008

पता लगाएं सोम दा किसने भेजी घूस

पता लगाएं सोम दा किसने भेजी घूस
कैसे पहुंचे नोट के बंडल लेकर मूस
बंडल लेकर मूस सदन के अंदर आए
चौकीदारों को कैसे वह धता बताए
दिव्यदृष्टि जासूस बताएं राम कहानी
करें दूध का दूध और पानी का पानी

गुरुवार, 24 जुलाई 2008

रुष्ट माकपा ने लिया सोमनाथ को लूट

नहीं बुढ़ापे में मिली कतई उनको छूट
रुष्ट माकपा ने लिया सोमनाथ को लूट
सोमनाथ को लूट, हथौड़ा मारे जालिम
बुद्धि हो गई भ्रष्ट मगर कहलाते आलिम
दिव्यदृष्टि जो भद्र पुरुष को मारे हंसिया
लोग करेंगे खड़ी उसी की फौरन खटिया

बुधवार, 23 जुलाई 2008

नैतिकता के बाल कौन तब गिन पाएगा?

बुझा-बुझा चेहरा लिए चिंतित और उदास
मित्र सुधारक अल सुबह आए मेरे पास
आए मेरे पास पड़ा था माथे पर बल
मैंने पूछा मित्र किसलिए अब हो बेकल
जीत गई सरकार झूम कर नाचो-गाओ
अमर सिंह के साथ मुलायम चारा खाओ
इतना सुनते ही हुए मित्र क्रोध से लाल
पीले चेहरे पर नजर आने लगा मलाल
आने लगा मलाल , जोर देकर वह बोले
मक्कारों के साथ मुझे क्यों नाहक तोले
नगरवधू की भांति नहीं हरगिज नाचूंगा
नमकहरामों का कच्चा चिट्ठा बांचूंगा
लख कर उनका आत्मबल हुआ मुझे संतोष
सोचा वाजिब है बहुत सचमुच उनका रोष
सचमुच उनका रोष रंग लाएगा इक दिन
लेंगे लोग हिसाब बेइमानों से गिन-गिन
दिव्यदृष्टि लेकिन जब तक वह दिन आएगा
नैतिकता के बाल कौन तब गिन पाएगा ?

मंगलवार, 22 जुलाई 2008

तभी गले में पड़ी जीत की उनके माला

मनमोहन जी ने किया सरेआम संकेत
दो नंबर के माल से उनका भरा निकेत
उनका भरा निकेत , सांसद बदले पाला
तभी गले में पड़ी जीत की उनके माला
दिव्यदृष्टि संसद पहुंची नोटों की गड्डी
तभी सदन में जुड़ पाई बहुमत की हड्डी

होंगे जिसके यार नाखुदा बागी-दागी

दागी-बागी नाखुदा होंगे जिसके यार
नैया उसकी बाखुदा लग जाएगी पार
लग जाएगी पार, चलाएं गुरुवर चप्पू
हो जाएं संतुष्ट 'कोयला' पाकर पप्पू
दिव्यदृष्टि दक्षिणा वही देगा अनुरागी
होंगे जिसके यार नाखुदा बागी-दागी

सोमवार, 21 जुलाई 2008

बेइमानों के लिए मुंह थैलियों के खुल रहे

कुछ तुले नेपथ्य में प्रत्यक्ष में कुछ तुल रहे।
होड़ तुलने की लगी जीतोड़ कर वे तुल रहे।
रह गए हैं अब तलक दुर्भाग्यवश जो अनतुले,
तोलने वालों से यारो रात-दिन मिलजुल रहे।
बात करते जो यहां पर दीन की, ईमान की,
आशियाने में दिया उनके हमेशा गुल रहे।
द्रवित मत हो दिव्यदृष्टि हौसले से काम ले,
बेइमानों के लिए मुंह थैलियों के खुल रहे।

शनिवार, 19 जुलाई 2008

जिस एमपी के वोट से बचे केंद्र सरकार

जिस एमपी के वोट से बचे केंद्र सरकार
मिले उसी को बाद में झण्डी वाली कार
झण्डी वाली कार, सोनिया मैडम बोलें
सभी सांसद अपना-अपना मान टटोलें
दिव्यदृष्टि जो जितनी ज़्यादा करे भलाई
उसको उतनी अधिक मिलेगी दूध-मलाई

गुरुवार, 17 जुलाई 2008

हो जाएं बेफ्रिक इसलिए शीला मैडम

गोली खाकर हो रहे लोग सड़क पर ढेर
डेडवाल सीपी मगर बनें कागज़ी शेर
बने कागज़ी शेर कहें अपराध हुआ कम
हो जाएं बेफ्रिक इसलिए शीला मैडम
दिव्यदृष्ट यदि लूटें पिटें फिर भी नर नारी
पुलिस कमिश्नर की इसमें क्या जिम्मेदारी

भारत में भगवान बना पद, पावर पैसा

राजनीति से उड़ गए सदाचार के हंस

किंतु प्रतिष्ठित हो रहे कदाचार के कंस

कदाचार के कंस करें शुचिता का दोहन

दिख रहे लाचार मगर फिर भी मनमोहन

दिव्यदृष्टि मत सोच ज़माना आया कैसा

भारत में भगवान बना पद , पावर पैसा।

नहीं आज तक माया से कोई बच पाया

अटल बिहारी का किया जिसने बंटाधार
मनमोहन को अब वही लगा रही फटकार
लगा रही फटकार, मार बसपा की तगड़ी
दीख रही है खतरे में सत्ता की पगड़ी
दिव्यदृष्टि अनुभवीजनों ने है बतलाया
नहीं आज तक माया से कोई बच पाया।

भर जाए अगर बहुमत का गड्ढा

वोट जुटाने के लिए सरेआम उत्कोच
मनमोहन जी दे रहे होकर नि:संकोच
होकर नि:संकोच मुलायम राह बताएं
उसपर फौरन अमल सोनिया जी करवाएं
दिव्यदृष्टि भर जाए अगर बहुमत का गड्ढा
चरण सिंह के नाम करें लखनउवा अड्डा

जुटा कहीं से वोट बचें जिससे मनमोहन

महंगी होती जा रही प्रतिदिन रोटी-दाल
मगर नहीं सरकार को इसका तनिक खयाल
इसका तनिक खयाल , हाल शासन का खस्ता
उधर विरोधी तुले बांध देने को बस्ता
दिव्यदृष्टि तू त्याग दाल-रोटी का रोदन
जुटा कहीं से वोट बचें जिससे मनमोहन

बन गए मुलायम हातिम ताई

चार बरस डाली नहीं कतई जिसको घास
वही सपा अब बन गई मनमोहन की खास
मनमोहन की खास भले झूठन ही खाए
मगर समर्थन की चिट्ठी फौरन दे आए
दिव्यदृष्टि बन गए मुलायम हातिमताई
संभव है कुछ रहम दिखा दे सीबीआई

सुर बदला तत्काल, मसीहा बने मुलायम

किया मुलायम सिंह ने ममता का इज़हार
दमखम दिखलाने लगी मनमोहन सरकार
मनमोहन सरकार, कल तलक थी जो सहमी
सपा समर्थन मिला, बढ़ गई गहमागहमी
दिव्यदृष्टि जब लगा, रहेगी कुर्सी कायम
सुर बदला तत्काल, मसीहा बने मुलायम

सरकार रहेगी तब तक कायम

ले देकर जिस रोज़ हों ' एक ' सियासी गिद्ध
अगले दिन हो सदन में बहुमत उनका सिद्ध
बहुमत उनका सिद्ध भले मर्यादा टूटे
किंतु सदन में मनमोहन का साथ न छूटे
रहे सोनिया संग जब तलक अमर-मुलायम
भानुमति सरकार रहेगी तब तक कायम

बुश अमरीका से भेजे परमाणु दवाई

कष्ट अधिक देने लगे ज्यों ही लाल सियार
अमर सिंह तब आ गए करने को उपचार
करने को उपचार मुलायम मरहम लाए
मनमोहन का घाव तनिक शायद भर जाए
दिव्यदृष्टि यदि फिर भी रिसती रही विबाई
बुश अमरीका से भेजे परमाणु दवाई

कल गिरती हो तो भले आज गिरे सरकार

कल गिरती हो तो भले आज गिरे सरकार
कतई होने दें नहीं हम परमाणु करार
हम परमाणु करार मानते इसको घातक
नहीं बने इसलिए लेफ्ट अमरीकी जातक
दिव्यदृष्टि बुश-बुश करना मनमोहन छोड़ें
कामरेड वर्ना फौरन ही नाता तोड़ें

घर में घुसकर पाक को खूब लगाई मार

वीरू-रैना ने किया जमकर बंटाधार
घर में घुसकर पाक को खूब लगाई मार
खूब लगाई मार , बोलरों का ' पर ' कुतरा
लगी पराजय हाथ मलिक का चेहरा उतरा
' दिव्यदृष्टि ' युवराज दिखाए अदा सलोनी
रही-सही जो कसर कर दिए पूरी धोनी

'बायां बाजू' अब तलक बहुत कर चुका तंग

' बायां बाजू ' अब तलक बहुत कर चुका तंग
इसके कारण उड़ रहा मनमोहन का रंग
मनमोहन का रंग ' लाल ' पीला हो जाए
ऊपर से परमाणु डील का रोग सताए
' दिव्यदृष्टि ' इसलिए मुलायम भाई आओ
' मन ' को मिले ' करार ' देश की आन बताओ

ठगनी की बेटी हुई भले पांचवीं पास

ठगनी की बेटी हुई भले पांचवीं पास
किंतु पता बतला गई अपने घर का खास
अपने घर का खास, जिन्होंने उसको देखा
उनके माथे खिंची तसल्ली की कुछ रेखा
दिव्यदृष्टि जिस दिन रेनू पकड़ी जाएगी
कहां छिपाया माल पुलिस को बतलाएगी।

नहीं नुकलिअर डील का खत्म हुआ है चांस

नहीं नुकलिअर डील का खत्म हुआ है चांस
इसी सोच से कर रहे मनमोहन सिंह डांस
मनमोहन सिंह डांस ऊर्जा अब भी बाकी
किंतु चलाए लेफ्ट निरंतर उल्टी चाकी
दिव्यदृष्टि घट रहा समर्थन लूला लंगड़ा
ऐसे में किस भांति जमे पावर का भंगड़ा
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