राजनीति से उड़ गए सदाचार के हंस
किंतु प्रतिष्ठित हो रहे कदाचार के कंस
कदाचार के कंस करें शुचिता का दोहन
दिख रहे लाचार मगर फिर भी मनमोहन
दिव्यदृष्टि मत सोच ज़माना आया कैसा
भारत में भगवान बना पद , पावर पैसा।
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