शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

जीते कैसे जंग भला फिर फौजी दस्ता

अरबों रुपये खर्च कर आए जो हथियार
उनमें से अधिकांश अब पड़े हुए बेकार
पड़े हुए बेकार, किसी की गोली गीली
लगा किसी को जंग तोप है कोई ढीली
दिव्यदृष्टि है हथियारों की हालत खस्ता
जीते कैसे जंग भला फिर फौजी दस्ता

गुरुवार, 30 जुलाई 2009

शीला की हट्टी गए लेने सस्ती दाल

सारे धंधे छोड़कर चाचा चिरकुटलाल
शीला की हट्टी गए लेने सस्ती दाल
लेने सस्ती दाल, माल का टोटा भारी
हुई सुबह से शाम न दीखी कोई लारी
दिव्यदृष्टि जब नहीं एक भी दाना पाए
सिर धुनते पछताते लौटे मुंह लटकाए

बुधवार, 29 जुलाई 2009

महबूबा के हमलों का हो गया कबाड़ा

फंसे शोपियां कांड में जो नेता मुंहजोर
मचा रहे कश्मीर में वे ही शातिर शोर
वे ही शातिर शोर बेवजह करते चुगली
अत: उमर ने फेंकी इस्तीफे की गुगली
दिव्यदृष्टि नैतिकता का है बजा नगाड़ा
महबूबा के हमलों का हो गया कबाड़ा

मंगलवार, 28 जुलाई 2009

दाल-भात के बदले मुर्गी रोल मिलेगा

बैठें अगर विमान में शाकाहारी लोग
जरा गौर से वे करें खाने का उपयोग
खाने का उपयोग बंद पैकेट जो पाएं
पहले सूंघें, पढ़ें तभी वे उसको खाएं
दिव्यदृष्टि वर्ना लोगों का हृदय हिलेगा
दाल-भात के बदले मुर्गी रोल मिलेगा

सोमवार, 27 जुलाई 2009

महबूबा की मांग पर उमर न देते कान

महबूबा की मांग पर उमर न देते कान
घाटी में कानून का रोज गिर रहा मान
रोज गिर रहा मान खूब गुस्से में मुफ्ती
करें सदन में शोर देख सरकारी सुस्ती
'दिव्यदृष्टि' पीडीपी करती हल्ला-गुल्ला
मौज मनाएं मगर मस्त बैठे अब्दुल्ला

शनिवार, 25 जुलाई 2009

भेज रही कश्मीर में नित नफरत के नाग

भेज रही कश्मीर में नित नफरत के नाग
जिनके विष से फैलती उग्रवाद की आग
उग्रवाद की आग, सज्जनों को झुलसाये
किंतु दुर्जनों के मन को काफी हुलसाये
दिव्यदृष्टि मक्कार बहुत आई एस आई
अमरीकी जनरल ने जग को बात बताई

शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

चाटुकारिता चर्म पर है मित्रो आसीन

चाटुकारिता चर्म पर है मित्रो आसीन
रोज सदन में बाजती बेशर्मी की बीन
बेशर्मी की बीन करें प्रतिनिधि हंगामा
नाम सुरक्षा का लेकर होता नित ड्रामा
समय कीमती नष्ट करें एमपी झगड़ालू
पर बैठे खामोश मुलायम-माया-लालू

पटना की घटना बहुत शर्मनाक है मित्र

पटना की घटना बहुत शर्मनाक है मित्र
उससे धूमिल हो रहा लोकतंत्र का चित्र
लोकतंत्र का चित्र, छेड़खानी जो करते
वह वैयक्तिक आजादी ज्वाला पर धरते
दिव्यदृष्टि युवती को कर देना निर्वसना
शर्मनाक है मित्र बहुत पटना की घटना

बुधवार, 22 जुलाई 2009

लोग कहें बेशर्म, बड़ी हरकत बचकानी

किये शर्म अल शेख में मनमोहन जो कर्म
भारत में उसको अधिक लोग कहें बेशर्म
लोग कहें बेशर्म, बड़ी हरकत बचकानी
काफी महंगी पड़े हिन्द को वह नादानी
कोतवाल को दिव्यदृष्टि ज्यों डाकू डांटे
मार रहे गीलानी त्यों ही मुंह पर चांटे

फौरन ही उस पर गिरे पाबंदी की गाज

पकड़ा जाये पायलट जो भी दारूबाज
फौरन ही उस पर गिरे पाबंदी की गाज
पाबंदी की गाज, नौकरी खोयें शातिर
आसमान में रहें सदा महफूज मुसाफिर
नहीं प्लेन में दिव्यदृष्टि कतई चढ़ पाये
जो भी दारूबाज पायलट पकड़ा जाये

मंगलवार, 21 जुलाई 2009

कौन करे प्रतिरोध किसी में शेष न बूता

पूर्व राष्ट्रपति का किए भारत में अपमान
बहुत हुए उद्दंड वे सब अमरीकी स्वान
सब अमरीकी स्वान, सूंघते बटुआ जूता
कौन करे प्रतिरोध किसी में शेष न बूता
दिव्यदृष्टि उनकी बदनीयत को पहचानो
वर्ना देश गुलाम बने यह निश्चित जानो

सोमवार, 20 जुलाई 2009

बसपा शासन में खुलें फौरन उसके भाग

विरोधियों के महल में जो लगवाये आग
बसपा शासन में खुलें फौरन उसके भाग
फौरन उसके भाग, राग माया(वी)गाये
मुंह भर-भरकर रोज सियासी गन्ना खाये
दिव्यदृष्टि दरकार तरक्की की यदि भाई
अग्निकांड करने वालों की कर अगुवाई।

शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

रोजगार की राशि किंतु हाथी खा जाये

पुन: अमेठी क्षेत्र में राहुल दिए बयान
नहीं नरेगा पर जरा है माया का ध्यान
है माया का ध्यान केन्द पैसा भिजवाए
रोजगार की राशि किंतु हाथी खा जाये
काम न कोई दिव्यदृष्टि कुछ दीखे दूजा
बुत बनवाएं रोज करें अपनी शव पूजा

गुरुवार, 16 जुलाई 2009

करे तरक्की देश निरंतर जय हो जय हो

बेबाकी से श्रीधरन व्यक्त किए उद्गार
कार्य संस्कृति में तभी आ पायेगा ज्वार
आ पायेगा ज्वार, खत्म हो दखलंदाजी
बनें न नौकरशाह, सियासी नेता काजी
दिव्यदृष्टि जब काम करेंगे हम निर्भय हो
करे तरक्की देश निरंतर जय हो जय हो

निन्दनीय करतूत बहुत ही उनकी भाई

बोलीं रीता बहुगुणा जितने कड़वे बोल
उसका नहीं समाज में कतई कोई मोल
कतई कोई मोल, भावना जो भड़काए
उसे जेल की हवा खूब कानून खिलाए
दिव्यदृष्टि जिसने उनके घर आग लगाई
निन्दनीय करतूत बहुत ही उनकी भाई

बुधवार, 15 जुलाई 2009

कर ले प्राणायाम मिटे मरियल मोटापा

दुनिया में जिनको लगा मोटापे का रोग
वे सारे जम कर करें भारी मेहनत, योग
भारी मेहनत, योग, मशवरा मन में धारें
तन की चर्बी घटे डंड-बैठक नित मारें
दिव्यदृष्टि तू तज प्यारे गोली का स्यापा
कर ले प्राणायाम मिटे मरियल मोटापा

सोमवार, 13 जुलाई 2009

साफ कहें मायावती करके लंबी नाक

सीबीआई केंद्र की कठपुतली नापाक
साफ कहें मायावती करके लंबी नाक
करके लंबी नाक बताएं अनुभव सांचे
जहां मिले संकेत वहीं पर जाकर नाचे
दिव्यदृष्टि मत करो भरोसा इसपर भाई
कठपुतली नापाक केन्द की सीबीआई

रविवार, 12 जुलाई 2009

बेशक उनको लोग बिहारी बाबू बोलें

उन्हें बिहारी शब्द में तनिक न दीखे हर्ज
मगर मुंबई का बहुत लदा शत्रु पर कर्ज
लदा शत्रु पर कर्ज, यहीं से रोजी-रोटी
हासिल हुई प्रसिद्धि कमाई काफी मोटी
दिव्यदृष्टि इसलिए न उनकी नीयत तोलें
बेशक उनको लोग बिहारी बाबू बोलें

शुक्रवार, 10 जुलाई 2009

बादशाह से डाक्टर बने शाह रुख खान

बादशाह से डाक्टर बने शाह रुख खान
मिला उन्हें इंग्लैंड में पीएच।डी. का दान
पीएच।डी. का दान बघारें जमकर शेखी
बॉलीवुड की शान आज दुनिया ने देखी
दिव्यदृष्टि इसलिए फिल्म में जो हकलाएं
सब 'मन्नत' में डिगरी हेतु कतार लगाएं

गुरुवार, 9 जुलाई 2009

पत्र-पत्रिका भेज बोरियत दूर कीजिए

कातिल है तो क्या हुआ आखिर है महमान
अजमल आमिर का करें अत: आप सम्मान
अत: आप सम्मान 'अतिथि देवो भव' गाएं
जल्द करें उपलब्ध अल्पसंख्यक सुविधाएं
दिव्यदृष्टि सेवा उसकी भरपूर कीजिए
पत्र-पत्रिका भेज बोरियत दूर कीजिए

बुधवार, 8 जुलाई 2009

रीते मेघ निहार कर चिंतित हुए किसान

रीते मेघ निहार कर चिंतित हुए किसान
वर्षा के उसको कहीं दीखें नहीं निशान
दीखें नहीं निशान धान की रुकी बुआई
उपजा अगर न अन्न बढ़े भारी महंगाई
दिव्यदृष्टि आषाढ़ गया पहले ही रूखा
मरें भूख से लोग रहा यदि सावन सूखा

सोमवार, 6 जुलाई 2009

ज्यादातर बाजार प्रणव से दीखे आहत

जिनको भी थी बजट से चमत्कार की आस
उन सब के पल्ले जरा पड़ा नहीं कुछ खास
पड़ा नहीं कुछ खास, रही नाकाफी राहत
ज्यादातर बाजार प्रणव से दीखे आहत
दिव्यदृष्टि संसद में बेशक धाक जमा दी
पर प्यासे को महज ओस की बूंद थमा दी

गिरमिटियों के देश में पाये ज्यों ही जीत

गिरमिटियों के देश में पाये ज्यों ही जीत
सब को बतलाने लगे धोनी त्यों ही मीत
धोनी त्यों ही मीत तीत अब लगे न कोई
करें सभी से प्रीत नहीं कतई बदखोई
दिव्यदृष्टि विश्वास सभी के लिए जताएं
इसीलिए युवी को दल की रीढ़ बताएं

शनिवार, 4 जुलाई 2009

हुए पराजित गेल रह गए हक्का-बक्का

वर्षा ने डाला भले कितना भी व्यवधान
टीम इंडिया का मगर हुआ नहीं नुकसान
हुआ नहीं नुकसान इंडियन प्लेयर चमके
गौतम और दिनेश खेल दिखलाए जमके
दिव्यदृष्टि धोनी ने मारा जमकर धक्का
हुए पराजित गेल रह गए हक्का-बक्का

शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

ममता दीदी ने किया ममता का इजहार

ममता दीदी ने किया ममता का इजहार
सुविधाओं का रेल में लगा दिया अंबार
लगा दिया अंबार, मुलम्मा नया चढ़ाया
नहीं किसी दर्जे का भाड़ा कहीं बढ़ाया
दिव्यदृष्टि दुखियों मजदूरों की बन आई
सब पायेंगे 'पास पचीसा' मासिक भाई

कहते अपने आपको राहुल नेक किसान

कहते अपने आपको राहुल नेक किसान
किन्तु लग्जरी मॉल में बैठे खोल दुकान
बैठे खोल दुकान, सियासी सौदा तोलें
शपथपत्र दे झूठ रोज पब्लिक से बोलें
दिव्यदृष्टि जनसेवक की है यही निशानी
'माल' बनाएं मॉल बताएं मगर किसानी

गुरुवार, 2 जुलाई 2009

चल मन्नू के साथ बढ़ा परिवार नियोजन

सहमत समलिंगी करें खुलकर यौनाचार
अब उन पर कानून की नहीं गिरे तलवार
नहीं गिरे तलवार, प्यार आपस में कर लें
बेपनाह खुशियां अपने जीवन में भर लें
दिव्यदृष्टि तू तज दे नैतिकता का रोदन
चल मन्नू के साथ बढ़ा परिवार नियोजन

बढ़े तेल के दाम, मुसीबत माथे आई

आम आदमी के लिए हुआ फैसला आम
आम बजट के पूर्व ही बढ़े तेल के दाम
बढ़े तेल के दाम, मुसीबत माथे आई
महंगी हो हर चीज न पूरी पड़े कमाई
दिव्यदृष्टि दुखियारे प्यारे कर ले फाका
ले धीरज से काम झेल सरकारी डाका

बुधवार, 1 जुलाई 2009

मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला

जनमानस था अब तलक गर्मी से बेजार
इन्द्र देव ने की कृपा शीतल पड़ी फुहार
शीतल पड़ी फुहार चतुर्दिक बदली छाई
मिली धूप से मुक्ति घटा घनघोर सुहाई
दिव्यदृष्टि हरषाये तन मन उपवन गीला
मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला
Powered By Blogger

यह मैं हूं

यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव