रविवार, 30 नवंबर 2008

तकिये में सब कुली छिपा बंदूकें सोये

घटना से आतंक की घबराए अमिताभ
रहे देखते रात भर मारधाड़ का ख्वाब
मारधाड़ का ख्वाब, सीन फिल्मी हो जैसे
कहीं न 'कट' का नाम जंगजू आए कैसे
दिव्यदृष्टि 'मजबूर' रहे जलसा में खोये
तकिये में सब कुली छिपा बंदूकें सोये

गुरुवार, 27 नवंबर 2008

टेस्ट करेगी दुनिया आखिर, कब तक टीस हमारी

भारत में आतंकवाद की चलती रोज दुधारी
बेमतलब ही आए दिन जनता जाती है मारी
हर हमले के बाद जरा-सी जुंबिश पड़े दिखाई,
लेकिन उसके बाद चैन से सोते हैं अधिकारी
लोकतंत्र पर हावी लोकल तंत्र बहुत है भाई,
इसीलिए नाकामयाब होता अमला सरकारी
सेकुलर चोले में फिरते हैं चारो ओर कसाई,
सुनें गोश्त के सौदागर फिर कैसे पीर हमारी
वोट नशेड़ी रक्तपात कर लेते हैं अंगड़ाई,
करें सुरक्षा उनकी चौकस सारे वर्दीधारी
पीस बनाए रखने की बातें पड़ रहीं सुनाई,
हत्यारों पर किंतु करोगे किस दिन गोलीबारी
दिव्यदृष्टि हैं सफल पड़ोसी के नापाक इरादे,
विफल हो गई मनमोहन तेरी सारी सरदारी

सारा खुफिया तंत्र देश का फेल हो गया

फेल हो गया देश का सारा खुफिया तंत्र
पाक पड़ोसी का नहीं बूझ सका षड्यंत्र
बूझ सका षड्यंत्र घुसे होटल में कातिल
गाएं सेकुलर राग मगर मुम्बइया पाटिल
दिव्यदृष्टि मरना बच्चों का खेल हो गया
सारा खुफिया तंत्र देश का फेल हो गया

बुधवार, 26 नवंबर 2008

शीला जी यह है नहीं धर्म युद्ध का दौर

शीला जी यह है नहीं धर्म युद्ध का दौर
फिर भी मेरे हाल पर आप कीजिए गौर
आप कीजिए गौर, मौर मेरे सिर रखिए
घूमूं केशविहीन प्यार से इसको ढकिए
दिव्यदृष्टि उपकार विजय जौली मानेगा
नहीं आपसे रार पुन: कतई ठानेगा

मंगलवार, 25 नवंबर 2008

मुंगेरी-सा देखते सपना चिरकुट लाल

मुंगेरी-सा देखते सपना चिरकुट लाल
किसे मिलेगा मंत्रिपद कौन उड़ाए माल
कौन उड़ाए माल , दाल किसकी गिर जाए
बिना पड़े ही वोट उन्हें यह प्रश्न सताए
कौन बने बादाम कौन सूखी बेरी-सा
सपना चिरकुट लाल देखते मुंगेरी-सा

करिए मेरे पक्ष में एक बार मतदान

करिए मेरे पक्ष में एक बार मतदान
नम्र निवेदन आपसे श्रीमती-श्रीमान
श्रीमती-श्रीमान , आपकी महिमा गाऊं
पांच वर्ष फिर नहीं आपके द्वारे आऊं
दिव्यदृष्टि इसलिए हमारी झोली भरिए
एक बार मतदान पक्ष में मेरे करिए

रविवार, 23 नवंबर 2008

छीने खूब सीरीज मारकर धोनी धक्का

चौथे वनडे में पड़ा वर्षा से व्यवधान
गीले सारे हो गए विक्ट्री के अरमान
विक्ट्री के अरमान, कांपते फिरते गोरे
उधर जीत का जश्न मनाते हिंदी छोरे
दिव्यदृष्टि लंदन वाले हैं हक्का-बक्का
छीने खूब सीरीज मारकर धोनी धक्का

बुलडोजर लौटाइए मोदी जी चुपचाप

नाजायज मंदिर भले कहीं देखिए आप
बुलडोजर लौटाइए मोदी जी चुपचाप
मोदी जी चुपचाप, पाप लग जाए वरना
राजनीति में तनिक राम से सीखो डरना
दिव्यदृष्टि यदि साफ सुनेंगे सिंघल वाणी
विहिप समर्थन करे वोट दे हिन्दू प्राणी

शुक्रवार, 21 नवंबर 2008

एटीएस के साथ मिल चली केंद्र ने चाल

एटीएस के साथ मिल चली केंद्र ने चाल
गई बैकफुट भाजपा बिखरी उसकी दाल
बिखरी उसकी दाल , सियासी भूख सताए
उग्रवाद का भात भला अब कैसे खाए
दिव्यदृष्टि छिन गई आडवाणी की रोटी
पीएम इन वेटिंग की दीखे किस्मत खोटी

गुरुवार, 20 नवंबर 2008

हुई हार की हैट-ट्रिक पीटरसन बेजार

हुई हार की हैट-ट्रिक पीटरसन बेजार
कान कानपुर में कटे खाई तगड़ी मार
खाई तगड़ी मार, धुरंधर धोनी चमके
खूब उड़ाए धज्जी भज्जी खेले जमके
दिव्यदृष्टि डीएल बाधा भी दूर भगाई
पाई तिहरी जीत दोस्तो तुम्हें बधाई।

बुधवार, 19 नवंबर 2008

सौ में नब्बे नौकरी करें मराठी लोग

सौ में नब्बे नौकरी करें मराठी लोग
महाराष्ट्र की हानि का फिर भी फैले रोग
फिर भी फैले रोग, मुंबई रोज अकारण
करता गुंडा राज रूप नफरत का धारण
दिव्यदृष्टि खुल गई पोल झूठे सब धब्बे
करें मराठी लोग नौकरी सौ में नब्बे

मंगलवार, 18 नवंबर 2008

लीडर के घर बजती शहनाई

महंगाई से हो रही पब्लिक नित बेहाल
महंगे आलू-प्याज हैं महंगे चावल-दाल
महंगे चावल-दाल, रहे बिजली का टोटा
लगा रहे आरोप विकुम* आए बिल मोटा
दिव्यदृष्टि अफसोस जताएं गहराई से
पब्लिक नित बेहाल हो रही महंगाई से
महंगाई बेशक बने जनता पर अभिशाप
नेता पर इसकी मगर नहीं दीखती छाप
नहीं दीखती छाप, पाप सारे धुल जाते
जितना बढ़ता रेट द्वार उतने खुल जाते
दिव्यदृष्टि लीडर के घर बजती शहनाई
जनता पर अभिशाप बने बेशक महंगाई

मुद्दे का टोटा पड़ा परेशान हैं लोग

मुद्दे का टोटा पड़ा परेशान हैं लोग
सभी दलों को खूब ही सता रहा यह रोग
सता रहा यह रोग, कारगर कौन दवाई
किस दुकान पर मिले बताओ हमको भाई
दिव्यदृष्टि हो जाए वरना धंधा खोटा
परेशान हैं लोग पड़ा मुद्दे का टोटा

सोमवार, 17 नवंबर 2008

लगे कांपने फेस देखकर प्लेयर गोरे

समझ रहे थे इंडिया को जो कल तक दूब
उससे ही इंदौर में पिटे पिटरसन खूब
पिटे पिटरसन खूब , मार युवराज लगाए
तीन विकेट सहवाग चार युवी चटकाए
दिव्यदृष्टि फट गए सभी अंग्रेजी बोरे
लगे कांपने फेस देखकर प्लेयर गोरे

शनिवार, 15 नवंबर 2008

पहले कंगारू पिटे फिर गोरे अंग्रेज

आई हिन्दुस्तान से खबर सनसनीखेज
पहले कंगारू पिटे फिर गोरे अंग्रेज
फिर गोरे अंग्रेज, मुसीबत माथे आई
हारे पहला मैच किए युवराज धुनाई
दिव्यदृष्टि बरसाए इतने चौके-छक्के
नानी आई याद रह गए हक्के-बक्के

शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

और कहेंगे मस्जिद की तौहीन कर रही मधुशाला

जिस रचना से अमर हुए हरिवंश राय बच्चन लाला
पड़ा नहीं था उसका अब तक ऐसे लोगों से पाला
जो मजहब का ठेका लेकर पब्लिक को भरमाएंगे
और कहेंगे मस्जिद की तौहीन कर रही मधुशाला
बात तजुर्बे की कहता हूं तनिक न मन मेरा काला
याद खुदा को करता है वह पी लेता जो भी हाला
दिव्यदृष्टि इसलिए मियांजी आप हमें तो माफ करें
अल्ला-ताला का सजदा करवाती मुझसे मधुशाला

लीडर मंगदे वोट कर डेमोक्रेसी डांस

आ जा नच ले वोटरां मिलया तैनूं चांस
लीडर मंगदे वोट कर डेमोक्रेसी डांस
डेमोक्रेसी डांस, लगा वादों का ठुमका
लैण वास्ते वोट दिखाएं करतब दुम का
दिव्यदृष्टि का मान भरोसा ताजा सच ले
मिलया तैनू चांस वोटरां आजा नच ले

गुरुवार, 13 नवंबर 2008

गली-गली में आजकल घूम रहे 'सरवंट'

गली-गली में आजकल घूम रहे ‘ सरवंट ’
मिस्टर वोटर दीजिए चांस उन्हें पेटंट
चांस उन्हें पेटंट , भले पेमंट लीजिए
पांच साल का लेकिन एग्रीमंट कीजिए
‘ दिव्यदृष्टि ’ फिर गुम हो जाएंगे बदली में
घूम रहे ‘ सरवंट ’ आजकल गली-गली में

बैन लगाकर फिल्म पर महाराष्ट्र सरकार

बैन लगाकर फिल्म पर महाराष्ट्र सरकार
करती अपने राज का जमकर पक्ष प्रचार
जमकर पक्ष प्रचार , ' देशद्रोही ' को रोके
नफरत फैलाने वालों को मगर न टोके
दिव्यदृष्टि पड़ रही दिखाई उनकी चाकर
महाराष्ट्र सरकार फिल्म पर बैन लगाकर

मंगलवार, 11 नवंबर 2008

बेटा वंचित टिकट से मां को भारी कोप

बेटा वंचित टिकट से मां को भारी कोप
अपने दल पर ही मढ़ा बिक्री का आरोप
बिक्री का आरोप , आग से खेलीं अल्वा
हुईं सोनिया रुष्ट दिखाया फौरन जलवा
दिव्यदृष्टि छीने सारे सुख सुविधा संचित
मां को भारी कोप टिकट से बेटा वंचित

सोमवार, 10 नवंबर 2008

रिकी पॉन्टिंग के सारे गुर्गे हकलाए

नागपूर में काट ली कंगारू की नाक
जमी टेस्ट सीरीज़ में हिंदुस्तानी धाक
हिंदुस्तानी धाक , धुरन्धर धोनी छाए
रिकी पॉन्टिंग के सारे गुर्गे हकलाए
दिव्यदृष्टि सारी हसरत मिल गई धूर में
कंगारू की नाक काट ली नागपूर में

रविवार, 9 नवंबर 2008

कहां लता मंगेशकर, सचिन कहां हैं आप

कहां लता मंगेशकर , सचिन कहां हैं आप
नाहक ही तुम पर लगी सेलिब्रिटी की छाप
सेलिब्रिटी की छाप , शॉटगन सिन्हा बोले
पिटे बिहारी लोग मगर तुम मुंह ना खोले
दिव्यदृष्टि जो बदमाशों की करे न निन्दा
कहलाए वह अधम व्यर्थ है रहना जिन्दा।

सूबेदारी छोड़कर करें देश की बात

सूबेदारी छोड़कर करें देश की बात

वरना होंगे कष्टमय भारत के हालात

भारत के हालात, मात मानवता खाए

नफरत का नासूर दबे फिर नहीं दबाए

दिव्यदृष्टि इसलिए मित्र सारे नर-नारी

करें देश की बात छोड़कर सूबेदारी।

शुक्रवार, 7 नवंबर 2008

टेस्ट क्रिकेट में सचिन की गूंजे तेज दहाड़

राई जैसा कद मगर करतब किया पहाड़
टेस्ट क्रिकेट में सचिन की गूंजे तेज दहाड़
गूंजे तेज दहाड़ , कान मानो फट जाए
मुकाबले में बिरला ही कोई डट पाए
दिव्यदृष्टि चालीस शतक का अचरज ऐसा
करतब किया पहाड़ मगर कद राई जैसा

पूरे मन भर सचिन ने दिया सैकड़ा ठोक
टेस्ट क्रिकेट में रास्ता कोई सका न रोक
कोई सका न रोक , बढ़े आगे ही आगे
है माई का लाल कौन पीछे जो भागे
दिव्यदृष्टि देखे दुनिया सब नाप-तोल कर
दिया सैकड़ा ठोक सचिन ने पूरे मन भर

गुरुवार, 6 नवंबर 2008

जान-बूझकर पुलिस ने मारा राहुल राज

जान-बूझकर पुलिस ने मारा राहुल राज
निंदनीय है दोस्तो उसका कातिल काज
उसका कातिल काज , मानिए इसको बाबू
अगर चाहती तो कर लेती जीवित काबू
पोस्टमॉर्टम रपट साफ चिल्लाकर बोली
बहुत निकट से उसे गई थी मारी गोली

बुधवार, 5 नवंबर 2008

विजयी बरक हुसैन खूब लेते अंगड़ाई

फैला ओबामेनिया जीत गया अश्वेत

बड़े लड़ाकू रह गए अमरीका में खेत

अमरीका में खेत, पराजय पीड़ा पाई

विजयी बरक हुसैन खूब लेते अंगड़ाई

रिपब्लिकन को दिव्यदृष्टि मारा है धक्का

रचा नया इतिहास इरादा लेकर पक्का

सोमवार, 3 नवंबर 2008

करवाए विस्फोट पहन कर भगवा चोला

भगवा चोला पहन कर करवाए विस्फोट
निर्दोषों की जान पर करे साध्वी चोट
करे साध्वी चोट , खोट नीयत में भारी
कभी न देखी सुनी आज तक ऐसी नारी
दिव्यदृष्टि जो पब्लिक में रखवाए गोला
करवाए विस्फोट पहन कर भगवा चोला

नहीं दिखाई पड़ेंगे जम्बो जेट के विंग

नहीं दिखाई पड़ेंगे जम्बो जेट के विंग
फाइव डे से हो गए दूर कोटला किंग
दूर कोटला किंग, कुम्बले रेस्ट करेंगे
संन्यासी बन नया जोश, उत्साह भरेंगे
दिव्यदृष्टि जब होगी सेहत की भरपाई
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रविवार, 2 नवंबर 2008

सट्टेबाजों की बहुत चिदम्बरम को फिक्र

सट्टेबाजों की बहुत चिदम्बरम को फिक्र
आम आदमी का मगर नहीं कीजिए जिक्र
नहीं कीजिए जिक्र, भले भूखा मर जाए
धन्ना सेठों की खातिर पर ब्याज घटाए
दिव्यदृष्टि परवाह किसे है मोहताजों की
चिदम्बरम को फिक्र बहुत सट्टेबाजों की
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