मंगलवार, 11 नवंबर 2008

बेटा वंचित टिकट से मां को भारी कोप

बेटा वंचित टिकट से मां को भारी कोप
अपने दल पर ही मढ़ा बिक्री का आरोप
बिक्री का आरोप , आग से खेलीं अल्वा
हुईं सोनिया रुष्ट दिखाया फौरन जलवा
दिव्यदृष्टि छीने सारे सुख सुविधा संचित
मां को भारी कोप टिकट से बेटा वंचित

4 टिप्‍पणियां:

makrand ने कहा…

दिव्यदृष्टि छीने सारे सुख सुविधा संचित
मां को भारी कोप टिकट से बेटा वंचित
bahut khub

अनुनाद सिंह ने कहा…

अति सुन्दर !!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

वो क्या है कि लोकतन्त्र है, लेकिन टिकट अपनों को ही मिलना चाहिये, आखिर इतने सालों का तजुर्बा है समाज सेवा का

विष्णु बैरागी ने कहा…

मां तो मां है । पूत, कपूत को सकता है, माता, कुमाता नहीं होती । वे दिन गए जब बेटे, मां के लिए न्‍यौछावर हो जाया करते थे । यह तो कलियुग है । बेटे के लिए मां अपनी कुर्बानी दे रही है ।

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