फेल हो गया देश का सारा खुफिया तंत्र
पाक पड़ोसी का नहीं बूझ सका षड्यंत्र
बूझ सका षड्यंत्र घुसे होटल में कातिल
गाएं सेकुलर राग मगर मुम्बइया पाटिल
दिव्यदृष्टि मरना बच्चों का खेल हो गया
सारा खुफिया तंत्र देश का फेल हो गया
गुरुवार, 27 नवंबर 2008
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2 टिप्पणियां:
सच है, मंत्र से लेकर तंत्र तक सब कुछ फेल हो चुका है। बढ़ते जा रहे हैं आतंक के हौंसले और हमें कुछ ना कर पाने की मजबूरी सताए जाती है। कुछ विस्फोट में मर जाते हैं और हम हर दिन इस दहशत में मरते हैं कि जाने कब हमारा या हमारे परिवार के किसी सदस्य का नाम उस सूची में शामिल हो जाए। कब तक बनती रहेंगी ये सूचियां....बस, अब और नहीं।
क्या यह हिंदू आतंकवादियों का नया कारनामा है या धर्मनिरपेक्ष आतंकवादियों की मजबूरी है? उम्मीद है जल्दी ही इस राज से इंडिया टीवी पर्दा हटायेगा।
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