शुक्रवार, 23 जनवरी 2009

पीएम का दिल दें बना जबर्दस्त मजबूत

विनती सुन लें गौर से सर्जन सभी सपूत
पीएम का दिल दें बना जबर्दस्त मजबूत
जबर्दस्त मजबूत सिंह की माफिक गरजे
रुक जाए घुसपैठ सियारों का पग लरजे
दिव्यदृष्टि की दुआ बढ़े सांसों की गिनती
सर्जन सभी सपूत गौर से सुन लें विनती

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

आप निवेदन कर रहे हैं और उधर मैडम ने आर्डर किया है. :)

दिव्यदृष्टि ने कहा…

प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। शुभचिंतक और हाई कमान की सोच में इतना अन्तर तो स्वाभाविक ही है भाई समीर लाल जी।बस शुभकामना और आलोचनाओं की तश्तरियां उड़ाकर मुझे अनुग्रहीत करते रहें। दिव्यदृष्टि

Powered By Blogger

यह मैं हूं

यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव