बुधवार, 28 जनवरी 2009

होगा जिसके पर्स में जितना ज्यादा कैश

होगा जिसके पर्स में जितना ज्यादा कैश
वही लड़कियां करेंगी पब में जाकर ऐश
पब में जाकर ऐश , तैश मत खाओ प्यारे
ग्लोबलाइजेशन के देखो मस्त नजारे
दिव्यदृष्टि इसलिए राम की सुन ले सेना
निजी मामले से उसका क्या लेना-देना

1 टिप्पणी:

इष्ट देव सांकृत्यायन ने कहा…

यह सब ग्लोबलैज़शन का कसूर है!

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