माना जाता अतिथि को भारत में भगवान
एंडरसन जी का अत: पार्थ किए सम्मान
पार्थ किए सम्मान भक्ति का सूत टटोला
तब होकर मजबूर सजाया उड़न खटोला
दिव्यदृष्टि उड़ गया फुर्र शव का व्यापारी
किंतु रही महफूज 'गैसमय' नीति हमारी
सोमवार, 14 जून 2010
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1 टिप्पणी:
really piercing
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