जब तबना रहेगा लक सरकारी मेहमान
तंग तब तलक कोर्ट को करे खूब हैवान
करे खूब हैवान, बड़ा अजमल नाशुकरा
रोज बदलता बात बयानों से भी मुकरा
दिव्यदृष्टि इसलिए नहीं उड़वाओ हांसी
उठा जरूरी कदम चढ़ाओ इसको फांसी
मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
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1 टिप्पणी:
सत्य वचन।
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मानवता के नाम सलीम खान का पत्र।
इतनी आसान पहेली है, इसे तो आप बूझ ही लेंगे।
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