शीला की कुर्सी विजय नहीं सके हैं छीन
सीएम - इन - वेटिंग पिटे गजब हुई तौहीन
गजब हुई तौहीन , बीन बेसुरी बजाई
इसीलिए वोटर ने खिल्ली खूब उड़ाई
' दिव्यदृष्टि ' कर रहे खुराना मातमपुर्सी
नहीं सके हैं छीन विजय शीला की कुर्सी
मंगलवार, 9 दिसंबर 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
यह मैं हूं
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2008
(289)
-
▼
दिसंबर
(26)
- हो हम पर उपकार न्यू इयर फाइन लाना
- तुम्हें मुबारक साल नया हो आनेवाला
- मिला न अजमल को अगर कोई यहां वकील
- आया है कश्मीर में फ्रैक्चर्ड मंडेट
- दुश्मन पर अब और न कतई दया दिखाओ
- हुई पांचवीं बार अब फिर नीयत नापाक
- कौन करेगा माया जी उसकी भरपाई?
- रहे स्वान की पूंछ सदा टेढ़ी की टेढ़ी
- मंदी से हैं बेअसर हीरो आमिर खान
- हुई द्रविड़ पर बहुत जब नुक्ताचीनी थोक
- संसद में भी बोलते अब्दुल ओछे बोल
- बुश, जाते-जाते लीजिए जूते का उपहार
- बेटर टीम इंग्लैंड की किन्तु इंडिया बेस्ट
- चौथी पारी में रखे वीरू जो बुनियाद
- छूटे साफ पटेल क्लीन चिट मिली अमर को
- लगा रहा आतंक की जो भारत में आग
- किया न कतई चांद ने कोई अनुचित काम
- फिर भी ढीले पुलिसजन करें न पूरा फर्ज
- सीएम - इन - वेटिंग पिटे गजब हुई तौहीन
- अमरीका ने पाक को मारी जब फटकार
- भारत में कितना भी हो आतंकी गड़बड़झाला
- कहां खो गए हैं अमर मित्र मुलायम आप
- पाक पड़ोसी ने किया बहुत हमें हैरान
- यूं तो बनते मार्क्स के असली वारिस आप
- ताव दिखाएं धरम जी खौल रहा है खून
- पहले धकियाए गए दिल्ली में शिवराज
-
▼
दिसंबर
(26)
2 टिप्पणियां:
शीला की सोनिया वफादारी काम आई। शीला और कुत्ते मे कोई फरक नाही। देश को आतंकीयो के हवाले कर यह इनाम पाया है इन्होने।
विजय तो विजयी है हीं। जौली भी है। वोट मे हारना जितना तो लगा हीं रहता है प्यारे। यह जीवन का अंत थोडा हीं है।
पीएम इन वेटींग क्या होगा?
लगते तो विजय जैसे ही है..
एक टिप्पणी भेजें