मंगलवार, 30 दिसंबर 2008

मिला न अजमल को अगर कोई यहां वकील

मिला न अजमल को अगर कोई यहां वकील
कातिल को इंसाफ की तो फिर व्यर्थ दलील
तो फिर व्यर्थ दलील, नियम कमजोर पड़ेगा
अधिवक्ता भयभीत नहीं यदि केस लड़ेगा
दिव्यदृष्टि यदि नहीं चाहते बचे कसाई
फौरन एक वकील उसे दिलवाओ भाई

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत हे अच्छा लिखा है...
मिला न अजमल को अगर कोई यहां वकील
कातिल को इंसाफ की तो फिर व्यर्थ दलील

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

मिला न अजमल को अगर कोई यहां वकील
कातिल को इंसाफ की तो फिर व्यर्थ दलील
बहुत हे अच्छा लिखा है...

Vinay ने कहा…

नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

नीरज गोस्वामी ने कहा…

नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
नीरज

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