मंगलवार, 2 दिसंबर 2008

यूं तो बनते मार्क्स के असली वारिस आप

यूं तो बनते मार्क्स के असली वारिस आप
तुच्छ सियासतदान की किन्तु छोड़ते छाप
किन्तु छोड़ते छाप, अच्युतानंदन ओछी
करें अनर्गल बात बिना ही समझी-सोची
दिव्यदृष्टि बलिदानी को कह कुत्ता तनते
असली वारिस आप मार्क्स के यूं तो बनते।

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