हिन्दुस्तानी नक्सली लें प्रचंड से सीख
करें केंद्र से वार्ता छोड़ 'घमंडी' चीख
छोड़ 'घमंडी' चीख प्रेम से आगे आएं
'शास्त्रार्थ' से सभी समस्याएं सुलझाएं
दिव्यदृष्टि सत्ता को कर दें पानी-पानी
लें प्रचंड से सीख नक्सली हिन्दुस्तानी
सोमवार, 29 मार्च 2010
शनिवार, 27 मार्च 2010
जबसे जनप्रतिनिधि बने दुष्ट, उठाईगीर
जबसे जनप्रतिनिधि बने दुष्ट, उठाईगीर
तबसे बढ़ती जा रही जनमानस की पीर
जनमानस की पीर नीर नयनों में भरकर
सहें नित्य संताप विवश हो रहते डरकर
दिव्यदृष्टि दल यहां न कोई रहा अछूता
जो न उठाये गुण्डों, मक्कारों का जूता
तबसे बढ़ती जा रही जनमानस की पीर
जनमानस की पीर नीर नयनों में भरकर
सहें नित्य संताप विवश हो रहते डरकर
दिव्यदृष्टि दल यहां न कोई रहा अछूता
जो न उठाये गुण्डों, मक्कारों का जूता
शुक्रवार, 26 मार्च 2010
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिल्ली वाले आजकल दीख रहे बेजार
होता उनके हृदय पर भारी 'शिला' प्रहार
भारी 'शिला' प्रहार, न जाने 'पीर' पराई
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिव्यदृष्टि रोजी-रोटी के पड़ते 'लाले'
दीख रहे बेजार आजकल दिल्ली वाले
होता उनके हृदय पर भारी 'शिला' प्रहार
भारी 'शिला' प्रहार, न जाने 'पीर' पराई
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिव्यदृष्टि रोजी-रोटी के पड़ते 'लाले'
दीख रहे बेजार आजकल दिल्ली वाले
कांग्रेस की आंख का तारा थे अमिताभ
कांग्रेस की आंख का तारा थे अमिताभ
मगर मोतियाबिंद अब लगते उसे जनाब
लगते उसे जनाब साइकिल पर जो घूमे
काहे को चव्हाण हाथ उसका तुम चूमे
दिव्यदृष्टि यदि रूठ गईं सोनिया भवानी
'बत्ती, बंगला छिने याद आ जाये नानी
मगर मोतियाबिंद अब लगते उसे जनाब
लगते उसे जनाब साइकिल पर जो घूमे
काहे को चव्हाण हाथ उसका तुम चूमे
दिव्यदृष्टि यदि रूठ गईं सोनिया भवानी
'बत्ती, बंगला छिने याद आ जाये नानी
सोमवार, 22 मार्च 2010
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
सत्ता की सस्ती सनक सिर पर हुई सवार
पद-मद-में मदहोश हो मटक रहे सत्तार
मटक रहे सत्तार, 'लाल बत्ती' जब पाये
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
दिव्यदृष्टि मंत्री पद लाया अभिनव मस्ती
सिर पर हुई सवार सनक सत्ता की सस्ती।
पद-मद-में मदहोश हो मटक रहे सत्तार
मटक रहे सत्तार, 'लाल बत्ती' जब पाये
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
दिव्यदृष्टि मंत्री पद लाया अभिनव मस्ती
सिर पर हुई सवार सनक सत्ता की सस्ती।
बुधवार, 17 मार्च 2010
मुद्रा की माला पहन माया परम प्रसन्न
मुद्रा की माला पहन माया परम प्रसन्न
रजत जयंती पर मिले नोट टनाटन टन्न
नोट टनाटन टन्न, विरोधी पीटें मस्तक
सुनतीं 'माला'वती खूब संसद में दस्तक
राजकोष का दिव्यदृष्टि निकले दीवाला
माया परम प्रसन्न पहन मुद्रा की माला
रजत जयंती पर मिले नोट टनाटन टन्न
नोट टनाटन टन्न, विरोधी पीटें मस्तक
सुनतीं 'माला'वती खूब संसद में दस्तक
राजकोष का दिव्यदृष्टि निकले दीवाला
माया परम प्रसन्न पहन मुद्रा की माला
सोमवार, 15 मार्च 2010
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
माया ने जम कर रचा यूपी में इतिहास
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
हाथी सारी घास सियासी चोकर खाए
खूब लखनऊवासी 'नीला' गोबर पाए
दिव्यदृष्टि दुर्दशा तिजोरी देखे थम कर
यूपी में इतिहास रचा माया ने जम कर
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
हाथी सारी घास सियासी चोकर खाए
खूब लखनऊवासी 'नीला' गोबर पाए
दिव्यदृष्टि दुर्दशा तिजोरी देखे थम कर
यूपी में इतिहास रचा माया ने जम कर
शनिवार, 13 मार्च 2010
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
बना मिसाइल जगत में खूब कमाया नाम
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
लगते नहीं कलाम, करें जो 'सैर-सपाटा'
'राजकोष' नित लुटे बढ़ रहा उससे घाटा
दिव्यदृष्टि इसलिए भ्रमण अब छोड़ हवाई
घर में ही लेक्चर दें जम कर अब्दुल भाई
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
लगते नहीं कलाम, करें जो 'सैर-सपाटा'
'राजकोष' नित लुटे बढ़ रहा उससे घाटा
दिव्यदृष्टि इसलिए भ्रमण अब छोड़ हवाई
घर में ही लेक्चर दें जम कर अब्दुल भाई
दंगों का गुजरात के करिये पहले जिक्र
दंगों का गुजरात के करिये पहले जिक्र
परधानी की बाद में करें गडकरी फिक्र
करें गडकरी फिक्र, संवारें बेशक गोदी
भारत में मकबूल नहीं हैं लेकिन मोदी
दिव्यदृष्टि भगवा दल देखे दामन अपना
तोड़े उसके बाद आडवाणी का सपना
परधानी की बाद में करें गडकरी फिक्र
करें गडकरी फिक्र, संवारें बेशक गोदी
भारत में मकबूल नहीं हैं लेकिन मोदी
दिव्यदृष्टि भगवा दल देखे दामन अपना
तोड़े उसके बाद आडवाणी का सपना
शुक्रवार, 12 मार्च 2010
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
गरजें जिनके वास्ते मित्र मुलायम रोज
है उनको मूमानियत कहें उलेमा खोज
कहें उलेमा खोज मानिये चाहे फतवा
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
दिव्यदृष्टि मुस्लिम औरत की परदेदारी
कर दे उनसे दूर सियासत की बीमारी
है उनको मूमानियत कहें उलेमा खोज
कहें उलेमा खोज मानिये चाहे फतवा
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
दिव्यदृष्टि मुस्लिम औरत की परदेदारी
कर दे उनसे दूर सियासत की बीमारी
बुधवार, 10 मार्च 2010
पाकिस्तानी क्रिकेट के प्लेयर बेईमान
पाकिस्तानी क्रिकेट के प्लेयर बेईमान
पीसीबी ने इसलिए खींचे सबकेकान
खींचे सबके कान, हटाये 'बागी' सारे
यूसुफ-यूनिस फिरें उमर भर मारे-मारे
दिव्यदृष्टि शाहिद अकमल देंगे जुर्माना
बैठ बरसभर मक्खी मारें शोएब-राना
पीसीबी ने इसलिए खींचे सबकेकान
खींचे सबके कान, हटाये 'बागी' सारे
यूसुफ-यूनिस फिरें उमर भर मारे-मारे
दिव्यदृष्टि शाहिद अकमल देंगे जुर्माना
बैठ बरसभर मक्खी मारें शोएब-राना
मंगलवार, 9 मार्च 2010
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
पशोपेश में हैं कई पॉलिटिकल मर्चेंट
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
थर्टी थ्री पर्सेंट, 'डेंट' इसलिए लगाएं
करें डिस्कशन पहले पीछे पास कराएं
'दिव्यदृष्टि' घबराहट बैठी भारी दिल में
अत: दीखते छेद हजारों नारी बिल में
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
थर्टी थ्री पर्सेंट, 'डेंट' इसलिए लगाएं
करें डिस्कशन पहले पीछे पास कराएं
'दिव्यदृष्टि' घबराहट बैठी भारी दिल में
अत: दीखते छेद हजारों नारी बिल में
सोमवार, 8 मार्च 2010
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
नारी बिल आया नहीं उन्हें जरा भी रास
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
यादव ब्रदर उदास, साइकिल वाले रूठे
लालटेन वालों के लटके अजब-अनूठे
दिव्यदृष्टि चक्कर वालों की न्यारी माया
उन्हें जरा भी रास नहीं नारी बिल आया।
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
यादव ब्रदर उदास, साइकिल वाले रूठे
लालटेन वालों के लटके अजब-अनूठे
दिव्यदृष्टि चक्कर वालों की न्यारी माया
उन्हें जरा भी रास नहीं नारी बिल आया।
शनिवार, 6 मार्च 2010
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
भगदड़ में जो मर गए औरत-बूढ़े-बाल
शेष खजाने में नहीं उनकी खातिर माल
उनकी खातिर माल यही मैडम बतलाएं
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
दिव्यदृष्टि जो कुछ था उसे पचाये हाथी
कंगाली में बनें किस तरह माया साथी
शेष खजाने में नहीं उनकी खातिर माल
उनकी खातिर माल यही मैडम बतलाएं
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
दिव्यदृष्टि जो कुछ था उसे पचाये हाथी
कंगाली में बनें किस तरह माया साथी
शुक्रवार, 5 मार्च 2010
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
अब तक मंदी से रहा भारी जिनका चित्त
दो हजार दस में पढ़ें वे सब लोग कवित्त
वे सब लोग कवित्त वित्त लाए खुशहाली
जम कर बढ़े पगार नित्यप्रति हो दीवाली
दिव्यदृष्टि रोशन हो घर का कोना-कोना
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
दो हजार दस में पढ़ें वे सब लोग कवित्त
वे सब लोग कवित्त वित्त लाए खुशहाली
जम कर बढ़े पगार नित्यप्रति हो दीवाली
दिव्यदृष्टि रोशन हो घर का कोना-कोना
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
निर्धन हिन्दुस्तान में नहीं चलाते कार
तेल मूल्यों पर अत: करें नहीं तकरार
करें नहीं तकरार सोनिया साफ बताएं
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
दिव्यदृष्टि इसलिए ओढ़ प्यारे कंगाली
तभी खजाना भर पाये भूखा-बंगाली
तेल मूल्यों पर अत: करें नहीं तकरार
करें नहीं तकरार सोनिया साफ बताएं
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
दिव्यदृष्टि इसलिए ओढ़ प्यारे कंगाली
तभी खजाना भर पाये भूखा-बंगाली
मंगलवार, 2 मार्च 2010
बोलीं आशा भोंसले सुनो लाडले राज
बोलीं आशा भोंसले सुनो लाडले राज
गैर-मराठों से न हो तुम हरगिज नाराज
तुम हरगिज नाराज उन्हें है मदद जरूरी
महाराष्ट्र आकर करते जो नित्य मजूरी
दिव्यदृष्टि हमदर्दी का सामान जुटाओ
करके नवनिर्माण निरंतर प्रेम लुटाओ
गैर-मराठों से न हो तुम हरगिज नाराज
तुम हरगिज नाराज उन्हें है मदद जरूरी
महाराष्ट्र आकर करते जो नित्य मजूरी
दिव्यदृष्टि हमदर्दी का सामान जुटाओ
करके नवनिर्माण निरंतर प्रेम लुटाओ
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