भारतीय आयोग सब हैं नख-दंतविहीन
सत्तादल सम्मुख सभी फिरें बजाते बीन
फिरें बजाते बीन चरण चिरकुट ये चूमें
पायें बंगला कार सुशोभित पद पर झूमें
दिव्यदृष्टि जो जितना तलवा सहलायेगा
कामयाब आयुक्त यहां वह कहलायेगा
भले किरन बेदी करें कितने अच्छे काम
फिर भी शासन से उन्हें मिले नहीं इनाम
मिले नहीं इनाम, समझ लो आमिर प्यारे
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
दिव्यदृष्टि जिसकी 'बैरी' हो नौकरशाही
उसके प्रति गैरों की क्योंकर सुने गवाही
मंगलवार, 17 नवंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
यह मैं हूं
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2009
(292)
-
▼
नवंबर
(21)
- मराठियों के बन रहे 'बाला' ठेकेदार
- किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
- खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
- रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
- हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
- अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
- प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
- ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
- नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
- मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
- करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
- लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
- दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
- उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
- बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
- ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
- पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
- बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
- उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
- क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
- डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
-
▼
नवंबर
(21)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें