सिसकें लालू-राबड़ी छूटी उनकी रेल
रोजाना घटता उधर लालटेन का तेल
लालटेन का तेल रास्ता कौन दिखाए
पलभर में दामाद गगन से भू पर आए
दिव्यदृष्टि फिर रहे भरे आखों में पानी
बनें नहीं हमदर्द मगर सोनिया भवानी
शुक्रवार, 5 जून 2009
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2 टिप्पणियां:
ये तो सब किस्मत का खेल।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अब क्या किया जाए;))
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