मराठियों के बन रहे 'बाला' ठेकेदार
'पुत्रवधू' के सामने मगर हुए लाचार
मगर हुए लाचार स्मिता करे बगावत
कांग्रेस की भाये उसे सियासी दावत
दिव्यदृष्टि प्यारे पहले परिवार बचाएं
बेशक तत्पश्चात ठाकरे नाच नचाएं
शनिवार, 28 नवंबर 2009
बुधवार, 25 नवंबर 2009
किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
ओबामा-मन्नू करें आपस में सहयोग
तभी मिटेगा हिन्द से उग्रवाद का रोग
उग्रवाद का रोग रूप है बहुत भयंकर
अत: जरूरी बने यहां अमेरिकी बंकर
दिव्यदृष्टि ये तां दस्सो मनमोहन पा'जी
किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
तभी मिटेगा हिन्द से उग्रवाद का रोग
उग्रवाद का रोग रूप है बहुत भयंकर
अत: जरूरी बने यहां अमेरिकी बंकर
दिव्यदृष्टि ये तां दस्सो मनमोहन पा'जी
किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
दिल्ली के स्कूल में खाकर मिड डे मील
छात्र-छात्रा कर रहे बैड बहुत-ही फील
बैड बहुत-ही फील, खूब पसरी बीमारी
हुआ विषैला फूड जान को खतरा भारी
दिव्यदृष्टि मत कर तू अपना दामन गीला
खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
छात्र-छात्रा कर रहे बैड बहुत-ही फील
बैड बहुत-ही फील, खूब पसरी बीमारी
हुआ विषैला फूड जान को खतरा भारी
दिव्यदृष्टि मत कर तू अपना दामन गीला
खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
सोमवार, 23 नवंबर 2009
रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
रपट हुई आयोग की आखिर कैसे लीक
चिदंबरम बतलाइये खोजबीन कर ठीक
खोजबीन कर ठीक, प्रश्न पूछें अडवानी
कैसे हुआ रिसाव किस तरह आया पानी
दिव्यदृष्टि जो मंदिर का 'सपना' ले डूबा
रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
चिदंबरम बतलाइये खोजबीन कर ठीक
खोजबीन कर ठीक, प्रश्न पूछें अडवानी
कैसे हुआ रिसाव किस तरह आया पानी
दिव्यदृष्टि जो मंदिर का 'सपना' ले डूबा
रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
गुरुवार, 19 नवंबर 2009
हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
नहीं सपा में पा सके बेचारे जब त्राण
न्यौछावर करने लगे बीजेपी पर प्राण
बीजेपी पर प्राण पुन: पुत्तर संग डोलें
जपें राम का नाम सियासी बानी बोलें
दिव्यदृष्टि है शेष यही अब अंतिम इच्छा
हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
न्यौछावर करने लगे बीजेपी पर प्राण
बीजेपी पर प्राण पुन: पुत्तर संग डोलें
जपें राम का नाम सियासी बानी बोलें
दिव्यदृष्टि है शेष यही अब अंतिम इच्छा
हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
बुधवार, 18 नवंबर 2009
अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
पीएम पद का हिंद में उसे मिले ईनाम
उसे मिले ईनाम, करे आये दिन दोहन
हैं प्रत्यक्ष प्रमाण यहां इसका मनमोहन
दिव्यदृष्टि जो तुड़वाए जनता का ढाबा
वह प्रधानमंत्री बन सकता राहुल बाबा
पीएम पद का हिंद में उसे मिले ईनाम
उसे मिले ईनाम, करे आये दिन दोहन
हैं प्रत्यक्ष प्रमाण यहां इसका मनमोहन
दिव्यदृष्टि जो तुड़वाए जनता का ढाबा
वह प्रधानमंत्री बन सकता राहुल बाबा
मंगलवार, 17 नवंबर 2009
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
भारतीय आयोग सब हैं नख-दंतविहीन
सत्तादल सम्मुख सभी फिरें बजाते बीन
फिरें बजाते बीन चरण चिरकुट ये चूमें
पायें बंगला कार सुशोभित पद पर झूमें
दिव्यदृष्टि जो जितना तलवा सहलायेगा
कामयाब आयुक्त यहां वह कहलायेगा
भले किरन बेदी करें कितने अच्छे काम
फिर भी शासन से उन्हें मिले नहीं इनाम
मिले नहीं इनाम, समझ लो आमिर प्यारे
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
दिव्यदृष्टि जिसकी 'बैरी' हो नौकरशाही
उसके प्रति गैरों की क्योंकर सुने गवाही
सत्तादल सम्मुख सभी फिरें बजाते बीन
फिरें बजाते बीन चरण चिरकुट ये चूमें
पायें बंगला कार सुशोभित पद पर झूमें
दिव्यदृष्टि जो जितना तलवा सहलायेगा
कामयाब आयुक्त यहां वह कहलायेगा
भले किरन बेदी करें कितने अच्छे काम
फिर भी शासन से उन्हें मिले नहीं इनाम
मिले नहीं इनाम, समझ लो आमिर प्यारे
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
दिव्यदृष्टि जिसकी 'बैरी' हो नौकरशाही
उसके प्रति गैरों की क्योंकर सुने गवाही
शुक्रवार, 13 नवंबर 2009
ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
येदियुरप्पा की भले कुरसी डांवाडोल
ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
कहीं न कोई झोल, विरोधी मारें ताना
किंतु मरम्मत पर रोजाना लुटे खजाना
दिव्यदृष्टि सादगी फिरे नित मारी-मारी
ऐसे सादे सीएम पर पब्लिक बलिहारी
ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
कहीं न कोई झोल, विरोधी मारें ताना
किंतु मरम्मत पर रोजाना लुटे खजाना
दिव्यदृष्टि सादगी फिरे नित मारी-मारी
ऐसे सादे सीएम पर पब्लिक बलिहारी
नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
यह सच्चाई दोस्तो जाने सकल जहान
जाने सकल जहान, सुनें नेता मुंबइया
मानुष सभी समान मराठी चाहे भइया
दिव्यदृष्टि इसलिए छोडि़ए ओछा नारा
सचिन सरीखा बनें नेक नैनों का तारा
यह सच्चाई दोस्तो जाने सकल जहान
जाने सकल जहान, सुनें नेता मुंबइया
मानुष सभी समान मराठी चाहे भइया
दिव्यदृष्टि इसलिए छोडि़ए ओछा नारा
सचिन सरीखा बनें नेक नैनों का तारा
मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
महंगाई से मच रहा भारी हाहाकार
जनता पूरे देश की है इससे बेजार
है इससे बेजार, बहुत बेचारी रोये
मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
दिव्यदृष्टि को लूट रहे सारे व्यापारी
नहीं दीखती लेकिन कोई छापेमारी
जनता पूरे देश की है इससे बेजार
है इससे बेजार, बहुत बेचारी रोये
मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
दिव्यदृष्टि को लूट रहे सारे व्यापारी
नहीं दीखती लेकिन कोई छापेमारी
बुधवार, 11 नवंबर 2009
करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
होता रहा समाज यदि नित संवेदनहीन
ममता-मानवता मिटे मानें मित्र यकीन
मानें मित्र यकीन प्रताड़ित होंगे सज्जन
पायेंगे सहयोग दुष्ट, दुखकारण-दुर्जन
दिव्यदृष्टि उत्पीड़ित होती जब भी नारी
करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
ममता-मानवता मिटे मानें मित्र यकीन
मानें मित्र यकीन प्रताड़ित होंगे सज्जन
पायेंगे सहयोग दुष्ट, दुखकारण-दुर्जन
दिव्यदृष्टि उत्पीड़ित होती जब भी नारी
करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
मनसे का नेता बना हिटलर की औलाद
देता है फिर भी मगर गांधी जी की दाद
गांधी जी की दाद, राजनीतिक मजबूरी
करना उनको याद इसलिए बहुत जरूरी
दिव्यदृष्टि जो दो नावों पर चलता भैया
लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
देता है फिर भी मगर गांधी जी की दाद
गांधी जी की दाद, राजनीतिक मजबूरी
करना उनको याद इसलिए बहुत जरूरी
दिव्यदृष्टि जो दो नावों पर चलता भैया
लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
मंगलवार, 10 नवंबर 2009
दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
पुत्रवधू की हार पर चिन्ता का इजहार
खूब मुलायम जी करें दीख रहे बेजार
दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
मारा गहरा घाव घिर गये घर में गब्बर
दिव्यदृष्टि जालिम वोटर ने तोड़ा नाता
नहीं लखनऊ में खुल पाया कोई खाता
खूब मुलायम जी करें दीख रहे बेजार
दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
मारा गहरा घाव घिर गये घर में गब्बर
दिव्यदृष्टि जालिम वोटर ने तोड़ा नाता
नहीं लखनऊ में खुल पाया कोई खाता
सोमवार, 9 नवंबर 2009
उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
अबू आजमी से किया जो ओछा व्यवहार
उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
करे नहीं स्वीकार, 'बड़ा' हो बेशक गुंडा
निंदनीय है फिर भी 'घृणित' मराठी-मुंडा
दिव्यदृष्टि 'अपमानजनक' जो बोले बोली
फौरन पागल स्वान समझ कर मारो गोली
उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
करे नहीं स्वीकार, 'बड़ा' हो बेशक गुंडा
निंदनीय है फिर भी 'घृणित' मराठी-मुंडा
दिव्यदृष्टि 'अपमानजनक' जो बोले बोली
फौरन पागल स्वान समझ कर मारो गोली
बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
माया लोकल तंत्र की मित्र बड़ी मगरूर
इसके कारण हो गए 'बड़े-बड़े' मजबूर
'बड़े-बड़े' मजबूर 'हाथ' फैलाये फिरते
बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
दिव्यदृष्टि नैतिकता को नित लगता चूना
इसीलिए जम गया पुन: पाटिल का धूना
इसके कारण हो गए 'बड़े-बड़े' मजबूर
'बड़े-बड़े' मजबूर 'हाथ' फैलाये फिरते
बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
दिव्यदृष्टि नैतिकता को नित लगता चूना
इसीलिए जम गया पुन: पाटिल का धूना
रविवार, 8 नवंबर 2009
ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
वरना आए दिन बढ़े नित्य कोढ़ में खाज
नित्य कोढ़ में खाज, नाज-नखरे झेलोगे
विरोधियों के हाथ विवश होकर खेलोगे
दिव्यदृष्टि होगी छवि धूमिल चप्पा-चप्पा
कद-काठी नित घटे समझिए येदियुरप्पा
वरना आए दिन बढ़े नित्य कोढ़ में खाज
नित्य कोढ़ में खाज, नाज-नखरे झेलोगे
विरोधियों के हाथ विवश होकर खेलोगे
दिव्यदृष्टि होगी छवि धूमिल चप्पा-चप्पा
कद-काठी नित घटे समझिए येदियुरप्पा
गुरुवार, 5 नवंबर 2009
पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
कलमकार दमदार थे जोशी बड़े प्रभाष
जोशी बड़े प्रभाष, काल दे गया गवाही
हार न माने कभी लेखनी-वीर सिपाही
दिव्यदृष्टि में भी लाये जो बरबस आंसू
वह मसिजीवी ही पाये श्रद्धांजलि धांसू
कलमकार दमदार थे जोशी बड़े प्रभाष
जोशी बड़े प्रभाष, काल दे गया गवाही
हार न माने कभी लेखनी-वीर सिपाही
दिव्यदृष्टि में भी लाये जो बरबस आंसू
वह मसिजीवी ही पाये श्रद्धांजलि धांसू
बुधवार, 4 नवंबर 2009
बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
उद्धव ने जारी किया यह ताजा फरमान
यह ताजा फरमान डालिए फौरन आदत
बेशक तत्पश्चात खुदा की करें इबादत
देशभक्ति का दिव्यदृष्टि नूतन अफसाना
पढ़ें नहीं जो लोग ढूंढ ले पाक-ठिकाना
उद्धव ने जारी किया यह ताजा फरमान
यह ताजा फरमान डालिए फौरन आदत
बेशक तत्पश्चात खुदा की करें इबादत
देशभक्ति का दिव्यदृष्टि नूतन अफसाना
पढ़ें नहीं जो लोग ढूंढ ले पाक-ठिकाना
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
जिस रुखसाना ने किया आतंकी को ढेर
उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
भटक-भटक कर बेर टेर दिनरात सुनाये
किंतु सुरक्षित जॉब नहीं उसको मिल पाये
दिव्यदृष्टि पीठस्थ जहां पर काहिल काजी
वहां लगाये कौन मित्र प्राणों की बाजी?
उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
भटक-भटक कर बेर टेर दिनरात सुनाये
किंतु सुरक्षित जॉब नहीं उसको मिल पाये
दिव्यदृष्टि पीठस्थ जहां पर काहिल काजी
वहां लगाये कौन मित्र प्राणों की बाजी?
क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
पी जाए जो माह में पांच लाख की चाय
क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
कामयाब कहलाय, किए बिन कोई देरी
चाहो अगर 'प्रमाण' पहुंच लो पुड्डूचेरी
दिव्यदृष्टि धिक्कार खूब पब्लिक से पाए
पांच लाख की चाय माह में जो पी जाए
क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
कामयाब कहलाय, किए बिन कोई देरी
चाहो अगर 'प्रमाण' पहुंच लो पुड्डूचेरी
दिव्यदृष्टि धिक्कार खूब पब्लिक से पाए
पांच लाख की चाय माह में जो पी जाए
सोमवार, 2 नवंबर 2009
डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
सुत शेखर ने कर दिया मैया को बदनाम
बावजूद इसके नहीं बन पाया कुछ काम
बन पाया कुछ काम सही नारायण बोले
यह नालायक पुत्र शर्मिन्दगी में विष घोले
दिव्यदृष्टि न्यायालय ने 'याचना' निवारी
डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
बावजूद इसके नहीं बन पाया कुछ काम
बन पाया कुछ काम सही नारायण बोले
यह नालायक पुत्र शर्मिन्दगी में विष घोले
दिव्यदृष्टि न्यायालय ने 'याचना' निवारी
डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2009
(292)
-
▼
नवंबर
(21)
- मराठियों के बन रहे 'बाला' ठेकेदार
- किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
- खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
- रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
- हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
- अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
- प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
- ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
- नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
- मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
- करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
- लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
- दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
- उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
- बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
- ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
- पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
- बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
- उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
- क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
- डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
-
▼
नवंबर
(21)