सोमवार, 4 मई 2009

भगा अखाड़ा छोड़कर बसपा कैंडिडेट

भगा अखाड़ा छोड़कर बसपा कैंडिडेट
बिना लड़े ही हो गई हालत मटियामेट
हालत मटियामेट, सुनाएं किसे कहानी
हाजी को मक्कार कह रहीं माया रानी
दिव्यदृष्टि धोखेबाजी का बजा नगाड़ा
बसपा कैंडिडेट छोड़ कर भगा अखाड़ा

1 टिप्पणी:

रंजन (Ranjan) ने कहा…

ऐसा कम ही होता..

बिना विचार और मुल्यों की राजनिति में और हो भी क्या सकता है..

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