बुधवार, 6 मई 2009

मुरझाएगा 'कमल' खत्म हो राम कहानी

भले प्रेम जी वोट की भीख मांगिए आप
मगर न बोलें राम को मुसलमान का बाप
मुसलमान का बाप, नहीं नफरत फैलाएं
वरना सब सेकुलर वोटर बागी हो जाएं
दिव्यदृष्टि यदि 'शेर' नहीं त्यागे नादानी
मुरझाएगा 'कमल' खत्म हो राम कहानी

3 टिप्‍पणियां:

drdhabhai ने कहा…

आप पेट न दुखायें कमल कभी भी नहीं मुर्झायेगा

admin ने कहा…

कमल के बहाने राजनीति पर अच्‍छा व्‍यंग्‍य।

SBAI TSALIIM

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

कमल को मुरझाने वाले के मुँह में कीडे पड़े, नाम कहानी को खत्‍म करने वालो का सत्‍यानाश हो।

उक्‍त उक्ति आपके लिये नही है दिल पर मत ले

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