संत - चावला ने किया इतना तेज प्रहार
पलक झपकते ढह गई राहुल की दीवार
राहुल की दीवार , पुन : चैलेंजर हारे
सपने चकनाचूर हुए चंदन वन सारे
दिव्यदृष्टि गमगीन माल्या भरते सिसकी
खाली रहा गिलास हाथ से बोतल खिसकी।
गुरुवार, 8 मई 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
यह मैं हूं
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2008
(289)
-
▼
मई
(41)
- मगर न करिए भूलकर महंगाई का जिक्र
- नहीं सैकड़ा पार कर सके वीरू भाई
- चली न कोई चाल फंस गया खूनी पंजा
- कोई मरियल शेर नहीं जाएगा ढाका
- आरक्षण के नाम पर करना चक्का जाम
- मार दिए नीतीश को ग्वाले बनकर गिद्ध
- ऊपर से अब तेल कर लगा रही सरकार
- खूब लड़े रणबांकुरे जीता राजस्थान
- बने कोटला कार्तिक सचमुच तारणहार
- सुपर शेर बन गए सभी गीदड़ बेचारे
- सेमी में युवराज ने पक्की कर ली सीट
- लौट गए मायूस मगर सौरव कलकत्ता
- गिरते-गिरते बच गई राहुल की दीवार
- किंग्स 11 की बची किसी तरह से लाज
- लगी पराजय हाथ शाह का सीना धड़के
- पटरी पर सहवाग की आई दिल्ली मेल
- रहिए ड्रेसिंग रूम से दूर शाहरुख खान
- मन मसोस कर रह गए बेचारे सहवाग
- करिए छोटे ठाकरे सोच समझ कर बात
- सिसकें 'जहांपनाह' बहे आखों से पानी
- जीत गए वीरू भले दिल्ली का मैदान
- सचिन किए आगाज हिली धोनी की दुनिया
- करते हैं विस्फोट नाम पर जो जिहाद के
- मनमोहन जी मिमियाना छोड़ो
- खत्म हुआ चैलेंज छोकरे बने फिसड्डी
- दारू वाला आजकल दीख रहा ग़मगीन
- झूमे केकेआर बंधा लक्खन का बस्ता
- रजवाड़ों ने किया रेत में दूभर जीना
- लूट ले गए सुपर किंग पंजाबी ढाबा
- जयपुर में भी जीत का चला तेज तूफान
- अपने ही घर में पिटे धोनी से सहवाग
- तारे गिन गिन कर कटी रजवाड़ों की रात
- मिली दूसरी जीत घटा दक्कन का दुखड़ा
- पलक झपकते ढह गई राहुल की दीवार
- राजस्थानी रेत पड़ी आंखों में उड़ उड़
- चकमा खाए चौधरी गए जीत से चूक
- जीत गए युवराज शाह की सेना हारी
- घर लौटे मायूस लिए लक्खन मुंह लटका
- तल्ख बयानी छोड़कर भाव दिखाएं भद्र
- धोनी पर भारी पड़े दिल्ली के दमदार
- नहीं कर सके पार द्रविड़ 10 रन की बाधा
-
▼
मई
(41)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें