सोमवार, 2 मार्च 2009

लेकर नाम जिहाद का हुए सिरफिरे चुस्त

लेकर नाम जिहाद का हुए सिरफिरे चुस्त
किन्तु सुरक्षा पाक की दीखे नहीं दुरुस्त
दीखे नहीं दुरुस्त, फेल सरकारी अमला
करें जंगजू जब चाहें मनमाफिक हमला
दिव्यदृष्टि हुक्काम करें बातें बड़बोली
है यह दीगर बात खिलाड़ी खाएं गोली
सारी दुनिया तथ्य यह साफ गई है जान
कठमुल्लों के हाथ में सिमटा पाकिस्तान
सिमटा पाकिस्तान, बेअसर हैं जरदारी
गिला करें गीलानी लश्कर पढ़ता भारी
दिव्यदृष्टि इसलिए न हमदर्दी दिखलाओ
दहशतगर्दों को सख्ती से सबक सिखाओ।

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बिल्कुल सही कहा!!

दिव्यदृष्टि ने कहा…

धन्यवाद। टिप्पणियों की टकसाल पूरी गति से चलाते रहें और मेरा हौसला बढाते रहें।

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