बुधवार, 25 मार्च 2009

कहीं जुआरी डुबा न दें कल उसकी नैया

डेमोक्रेसी का हुआ जारी ज्यों ही डांस
सट्टेबाजी का बढ़ा भारी त्यों ही चांस
भारी त्यों ही चांस, बढ़ी है गहमागहमी
मगर न पाले कांग्रेस कोई खुशफहमी
दिव्यदृष्टि जो आज दीखता आगे भैया
कहीं जुआरी डुबा न दें कल उसकी नैया

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