बुधवार, 1 जुलाई 2009

मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला

जनमानस था अब तलक गर्मी से बेजार
इन्द्र देव ने की कृपा शीतल पड़ी फुहार
शीतल पड़ी फुहार चतुर्दिक बदली छाई
मिली धूप से मुक्ति घटा घनघोर सुहाई
दिव्यदृष्टि हरषाये तन मन उपवन गीला
मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला
Powered By Blogger

यह मैं हूं

यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव