गुरुवार, 17 अप्रैल 2008

ले-देकर पूरी हुई टॉर्च रिले की रस्म

ले-देकर पूरी हुई टॉर्च रिले की रस्म

जोश सभी ठंडा पड़ा हुईं उमंगें भस्म

हुईं उमंगें भस्म, लगा है सदमा गहरा

डरी बिचारी देख राजपथ भारी पहरा

भले इंडिया गेट दुल्हन ओलंपिक आई

नहीं सुनाई पड़ी मगर ढोलक-शहनाई

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