शुक्रवार, 18 अप्रैल 2008

रॉयल चैलेंजर का बैठा जमकर भट्ठा

दादा का जादू चला दरक गई दीवार

एक सैकड़ा भी द्रविड़ नहीं कर सके पार

नहीं कर सके पार हुई भारी रुसवाई

पहले दिन ही पिटे पराजय पल्ले आई

दिव्यदृष्टि ऐसा छाया परदेसी पट्ठा

रॉयल चैलेंजर का बैठा जमकर भट्ठा

कोई टिप्पणी नहीं:

Powered By Blogger

यह मैं हूं

यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव