सोमवार, 28 अप्रैल 2008

डेक्कन चार्जर ने किया, गुस्से का इजहार

डेक्कन चार्जर ने किया, गुस्से का इजहार
अंबानी की टीम को, खूब लगाई मार
खूब लगाई मार, धुरंधर गिल्ली बरसे
बेचारे इंडियन, विकेट की खातिर तरसे
दिव्यदृष्टि रन बरसे, बनकर चौका छक्का
सचिन हुए मायूस, लगा फिर गहरा धक्का

1 टिप्पणी:

Shiv Kumar Mishra ने कहा…

'दिव्यदृष्टि' का अद्भुत है ये आंखों देखा हाल
कविता में प्रस्तुत करें किरकिटिया जंजाल
किरकिटिया जंजाल सजा शब्दों में ऐसे
व्यंजन जैसा सजा दिया थाली में कैसे
मायूसी हो सचिन की या गिल्ली के छक्के
पढ़कर सारे ब्लॉगर हैं बस हक्के-बक्के

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