शनिवार, 12 अप्रैल 2008

होता ओछे काम का सदा बुरा परिणाम

होता ओछे काम का सदा बुरा परिणाम

अनुभव से बतला गए गुनी - मुनी सरनाम

गुनी - मुनी सरनाम , मुफ्त दे गए नसीहत

नेक काम करने से होती नहीं फजीहत

दिव्यदृष्टि करते जो हाकिम गुण्डागर्दी

हों जग में बदनाम उतर जाती है वर्दी

मदहोशी में गुम हुई शर्मा जी की अक्ल

मित्रों से करवा दिया पत्रकार का कत्ल

पत्रकार का कत्ल , जान से गई शिवानी

किन्तु फोन में टेप कर गई प्रेम कहानी

दिव्यदृष्टि अब निभे बड़े घर में याराना

उम्र कैद के साथ चारों भरे जुरमाना

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