शुक्रवार, 8 अगस्त 2008

फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप

पांच पारियां टेस्ट की खेल चुके हैं आप
फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप
छोड़ सके हैं छाप , हो रहे लल्लू साबित
सकते में हैं सचिन प्रशंसक तेरे अगणित
दिव्यदृष्टि इस तरह नहीं उनका दिल तोड़ो
लिखकर लंका कांड जरूरी रन तो जोड़ो

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