अभिनव बिंद्रा ने किया ऐसा उत्तम कृत्य
बच्चा-बच्चा हिंद का करे झूम कर नृत्य
करे झूम कर नृत्य , न पड़ते पांव जमीं पर
भंगड़ा होता कहीं , बज रहा ढोल कहीं पर
' दिव्यदृष्टि ' जो स्वर्ण पदक दिलवाए भाई
उसकी खातिर तुम्हें देश दे रहा बधाई
सोमवार, 11 अगस्त 2008
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2 टिप्पणियां:
बहुत बढिया लिख रहे ' दिव्यदृष्टि 'भाई
हमारी ओर से भी, स्वीकारे आज बधाई
जीत की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं!
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