दिया मुंबई ने मुझे शोहरत , इज्जत मान
कलाकार के रूप में यहीं मिली पहचान
यहीं मिली पहचान , बोलते बच्चन सादर
फिर मेरा परिवार करे क्यों भला निरादर
दिव्यदृष्टि यह राज समझ लें लोग मराठी
उनके आगे तुच्छ यहां मेरी कद-काठी
बुधवार, 10 सितंबर 2008
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- गली गली गुजरात में विफल हुए जासूस
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- हे बेटा अमिताभ कर्म करना तुम अच्छन
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- हो परमाणु करार तो बढ़े आय की डोर
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- यहीं मिली पहचान, बोलते बच्चन सादर
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- पड़े न महंगा कहीं ऊर्जा का यह झटका
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