रविवार, 21 सितंबर 2008

जो दे अहम सुराग भला हो उसका अल्लाह

धरे न अतिवादी गए पीटे पुलिस लकीर
भटक रही है दरबदर जैसे फिरे फकीर
जैसे फिरे फकीर भीख की आस लगाए
मांगे सबकी खैर दुआ का हाथ उठाए
दिव्यदृष्टि डडवाल करें वो हरकत लल्ला
जो दे अहम सुराग भला हो उसका अल्ला



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