पाटिल के सिर पर गिरी लाठी लालू छाप
ऐसे काहिल शख्स को झेल रहीं क्यों आप
झेल रहीं क्यों आप सोनिया जी समझाएं
बैठे हैं बेकार मुलायम बंधु बुलाएं
दिव्यदृष्टि यदि लगे न माफिक उनका चेहरा
किसी बिहारी को दें गृहमंत्री का सेहरा
रविवार, 21 सितंबर 2008
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1 टिप्पणी:
नई दिल्ली, फिर यमन की राजधानी साना और अब पाकिस्तान की राजधानी इसलामाबाद। आतंक के धमाके जहां कहीं भी हों, पीड़ा एक जैसी होती है और पीड़ित आम निर्दोष लोग ही होते हैं। इनकी जितनी भी निंदा की जाए, कम होगी।
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