जम्मू वाले तो हुए किसी तरह संतुष्ट
महबूबा मुफ्ती मगर समझौते से रुष्ट
समझौते से रुष्ट , दिखाएं तेवर तीखे
उधर हुर्रियत के नेता घाटी में चीखे
दिव्यदृष्टि जो बोलें बंटवारे की बोली
अमन न कायम होने दे दुष्टों की टोली
हुई न धरती एक गज अमरनाथ के नाम
डेढ़ महीने तक रहा घाटी में कोहराम
घाटी में कोहराम , सैकड़ों जान गंवाए
एक इंच भी भूमि नहीं फिर भी ले पाए
दिव्यदृष्टि करते हैं जो नाहक नादानी
उन्हें न हासिल होता है चुल्लू भर पानी
रविवार, 31 अगस्त 2008
शुक्रवार, 29 अगस्त 2008
बेरहमी से उनको सबक सिखाओ
खुराफात से आ रहा बाज न कतई पाक
सीना हिन्दुस्तान का रोज कर रहा चाक
रोज कर रहा चाक , भेज आतंकी दस्ते
करने होंगे बन्द जालिमों के सब रस्ते
दिव्यदृष्टि अब और नहीं संकोच दिखाओ
बेरहमी से मनमोहन जी सबक सिखाओ
सीना हिन्दुस्तान का रोज कर रहा चाक
रोज कर रहा चाक , भेज आतंकी दस्ते
करने होंगे बन्द जालिमों के सब रस्ते
दिव्यदृष्टि अब और नहीं संकोच दिखाओ
बेरहमी से मनमोहन जी सबक सिखाओ
चीफ मिनिस्टर रह गए देख हरकतें दंग
पीएम साहब उड़ गए लिए सोनिया संग
चीफ मिनिस्टर रह गए देख हरकतें दंग
देख हरकतें दंग, माजरा समझ न आए
तिरस्कार की पीड़ा मन में बहुत सताए
दिव्यदृष्टि नीतीश समझ लीजे मजबूरी
लालू को खुश रखना प्यारे बहुत ज़रूरी
चीफ मिनिस्टर रह गए देख हरकतें दंग
देख हरकतें दंग, माजरा समझ न आए
तिरस्कार की पीड़ा मन में बहुत सताए
दिव्यदृष्टि नीतीश समझ लीजे मजबूरी
लालू को खुश रखना प्यारे बहुत ज़रूरी
गुरुवार, 28 अगस्त 2008
सिंहली शेर बने लंका में बकरी
जमा हैट्रिक जीत की धोनी परम प्रसन्न
माहेला मायूस हैं रुचे नहीं जल-अन्न
रुचे नहीं जल अन्न , नीर ढरकाते नैना
टूटे बन कर कहर खूब जोशीले रैना
दिव्यदृष्टि हरभजन घुमाए ऐसी चकरी
सभी सिंहली शेर बने लंका में बकरी
माहेला मायूस हैं रुचे नहीं जल-अन्न
रुचे नहीं जल अन्न , नीर ढरकाते नैना
टूटे बन कर कहर खूब जोशीले रैना
दिव्यदृष्टि हरभजन घुमाए ऐसी चकरी
सभी सिंहली शेर बने लंका में बकरी
मंगलवार, 26 अगस्त 2008
झारखंड में आ गई गद्दी गुरु के हाथ
सौदा पूरा हो गया कांग्रेस के साथ
झारखंड में आ गई गद्दी गुरु के हाथ
गद्दी गुरु के हाथ , मिठाई बांटें चेले
मधु कोड़ा मायूस उठाएं बासी ढेले
कोई पाए ताज किसी को दीखे घूरा
कांग्रेस के साथ हो गया सौदा पूरा
झारखंड में आ गई गद्दी गुरु के हाथ
गद्दी गुरु के हाथ , मिठाई बांटें चेले
मधु कोड़ा मायूस उठाएं बासी ढेले
कोई पाए ताज किसी को दीखे घूरा
कांग्रेस के साथ हो गया सौदा पूरा
बाहर करो निकाल समझकर उनको रद्दी
जिसने ओलिंपिक पदक जीत बढ़ाई शान
करे उसी के पिता का पुलिस यहां अपमान
पुलिस यहां अपमान , मिट गई सारी गैरत
देख निकम्मपान उसका है सबको हैरत
दिव्यदृष्टि जिन दुष्टों ने की हरकत भद्दी
बाहर करो निकाल समझकर उनको रद्दी
करे उसी के पिता का पुलिस यहां अपमान
पुलिस यहां अपमान , मिट गई सारी गैरत
देख निकम्मपान उसका है सबको हैरत
दिव्यदृष्टि जिन दुष्टों ने की हरकत भद्दी
बाहर करो निकाल समझकर उनको रद्दी
रविवार, 24 अगस्त 2008
नैतिकता की लाज भला फिर कौन बचाए
आज़ादी को हो गए हैं जितने दिन आज
उसमें ज्यादातर रहा कांग्रेस का राज
कांग्रेस का राज , देश की किस्मत फूटी
जनता की सम्पत्ति निरंतर जमकर लूटी
दिव्यदृष्टि जब अगुआ ही डाकू बन जाए
नैतिकता की लाज भला फिर कौन बचाए
उसमें ज्यादातर रहा कांग्रेस का राज
कांग्रेस का राज , देश की किस्मत फूटी
जनता की सम्पत्ति निरंतर जमकर लूटी
दिव्यदृष्टि जब अगुआ ही डाकू बन जाए
नैतिकता की लाज भला फिर कौन बचाए
शनिवार, 23 अगस्त 2008
तब तक नन्हीं कार नहीं बनवाएं टाटा
' नैनो' से ममता करें नफरत का इजहार
लाती हैं सिंगुर में नित्य सियासी ज्वार
नित्य सियासी ज्वार, कार छोटी बह जाए
ऐसे में 'तृण-मूल' शेष कैसे रह पाए
दिव्यदृष्टि जब तलक नहीं आएगा भाटा
तब तक नन्हीं कार नहीं बनवाएं टाटा
लाती हैं सिंगुर में नित्य सियासी ज्वार
नित्य सियासी ज्वार, कार छोटी बह जाए
ऐसे में 'तृण-मूल' शेष कैसे रह पाए
दिव्यदृष्टि जब तलक नहीं आएगा भाटा
तब तक नन्हीं कार नहीं बनवाएं टाटा
शुक्रवार, 22 अगस्त 2008
लेने लगें वकील जब जोड़-तोड़ से काम
लेने लगें वकील जब जोड़ - तोड़ से काम
दम तोड़े इंसाफ , तब हों खुद भी बदनाम
हों खुद भी बदनाम अदालत चाबुक मारे
देख - परख करतूत बहुत उनको फटकारे
दिव्यदृष्टि उनकी सब ओछी हरकत भाई
साफ - साफ टीवी चैनल पर पड़ी दिखाई
हत्यारे के साथ मिल करें सतत ' आनंद '
हैं दुर्गुण की खान वे अधिवक्ता मतिमंद
अधिवक्ता मतिमंद , गवाहों को जो तोड़ें
तज कानूनी दांव न्याय की बांह मरोड़ें
दिव्यदृष्टि ऐसे गिद्धों की गुण्डागर्दी
खत्म अदालत करे उतारे फौरन वर्दी
दम तोड़े इंसाफ , तब हों खुद भी बदनाम
हों खुद भी बदनाम अदालत चाबुक मारे
देख - परख करतूत बहुत उनको फटकारे
दिव्यदृष्टि उनकी सब ओछी हरकत भाई
साफ - साफ टीवी चैनल पर पड़ी दिखाई
हत्यारे के साथ मिल करें सतत ' आनंद '
हैं दुर्गुण की खान वे अधिवक्ता मतिमंद
अधिवक्ता मतिमंद , गवाहों को जो तोड़ें
तज कानूनी दांव न्याय की बांह मरोड़ें
दिव्यदृष्टि ऐसे गिद्धों की गुण्डागर्दी
खत्म अदालत करे उतारे फौरन वर्दी
बुधवार, 20 अगस्त 2008
पड़े खेल के खेत में सुविधाओं की खाद
पड़े खेल के खेत में सुविधाओं की खाद
तब होगी पैदा गजब फसल काबिले दाद
फसल काबिले दाद, हुकूमत इसको माने
आश्वासन की खाक न कोई प्लेयर छाने
दिव्यदृष्टि जिस दिन होगी उनकी सुनवाई
लगे हिन्द में ढेर स्वर्ण पदकों का भाई।
तब होगी पैदा गजब फसल काबिले दाद
फसल काबिले दाद, हुकूमत इसको माने
आश्वासन की खाक न कोई प्लेयर छाने
दिव्यदृष्टि जिस दिन होगी उनकी सुनवाई
लगे हिन्द में ढेर स्वर्ण पदकों का भाई।
लालू टोली जब चढ़ जाएगी
हुआ चुनावी वर्ष में शुरू सियासी खेल
दिल्ली से पटना तलक नई चलेगी रेल
नई चलेगी रेल, खबर सुनते ही नाइक
आशंकित हो थाम लिए बेचारे माइक
दिव्यदृष्टि लालू टोली जब चढ़ जाएगी
भिखारियों की भीड़ यहां तब बढ़ जाएगी
दिल्ली से पटना तलक नई चलेगी रेल
नई चलेगी रेल, खबर सुनते ही नाइक
आशंकित हो थाम लिए बेचारे माइक
दिव्यदृष्टि लालू टोली जब चढ़ जाएगी
भिखारियों की भीड़ यहां तब बढ़ जाएगी
सोमवार, 18 अगस्त 2008
तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
बचने का दीखा नहीं जब कोई इमकान
तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
जनरल ने ऐलान , मुशर्रफ हुए रुआंसे
पड़े नहीं इस बार ठीक से उनके पासे
दिव्यदृष्टि कुछ काम नहीं आए दरबारी
मना रहे इसलिए जश्न जनता जरदारी
तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
जनरल ने ऐलान , मुशर्रफ हुए रुआंसे
पड़े नहीं इस बार ठीक से उनके पासे
दिव्यदृष्टि कुछ काम नहीं आए दरबारी
मना रहे इसलिए जश्न जनता जरदारी
शुक्रवार, 15 अगस्त 2008
अखिल और जीतेंद्र पर करे इंडिया नाज
ओलिम्पिक में छा गए हिन्दी मुक्केबाज
अखिल और जीतेंद्र पर करे इंडिया नाज
करे इंडिया नाज, 'ताज' में थोड़ी दूरी
थोड़ी मेहनत और पदक के लिए जरूरी
दिव्यदृष्टि दोनों दिखलाएं दमखम पक्का
हासिल हो तमगा छूटे दुश्मन का छक्का।
अखिल और जीतेंद्र पर करे इंडिया नाज
करे इंडिया नाज, 'ताज' में थोड़ी दूरी
थोड़ी मेहनत और पदक के लिए जरूरी
दिव्यदृष्टि दोनों दिखलाएं दमखम पक्का
हासिल हो तमगा छूटे दुश्मन का छक्का।
बुधवार, 13 अगस्त 2008
मियां मुशर्रफ के रहे गिने-चुने दिन शेष
मियां मुशर्रफ के रहे गिने-चुने दिन शेष
फिर भी धारण कर रहे हमदर्दी का वेश
हमदर्दी का वेश , जली जनरल की रस्सी
गई न लेकिन ऐंठ बची कश्मीरी कस्सी
दिव्यदृदृष्टि जो बेमतलब ही टांग अड़ाए
वही दुष्ट बैठा घाटी पर आंख गड़ाए।
फिर भी धारण कर रहे हमदर्दी का वेश
हमदर्दी का वेश , जली जनरल की रस्सी
गई न लेकिन ऐंठ बची कश्मीरी कस्सी
दिव्यदृदृष्टि जो बेमतलब ही टांग अड़ाए
वही दुष्ट बैठा घाटी पर आंख गड़ाए।
अमरनाथ के नाम पर मचा रहे कोहराम
वीएचपी बजरंग दल करके चक्का जाम
अमरनाथ के नाम पर मचा रहे कोहराम
मचा रहे कोहराम , सड़क पर देते धरना
रोगी बेशक मरें मगर उनको क्या करना
दिव्यदृष्टि फिसला जिनका इंटरव्यू भाई
कौन करेगा आखिर अब उनकी भरपाई
भोले बाबा मौन , पर भड़क रहे हैं भक्त
इसीलिए नित बह रहा निदोर्षों का रक्त
निदोर्षों का रक्त , सियासी हल्ला-गुल्ला
घाटी में कर रहे खूब जमकर कठमुल्ला
दिव्यदृष्टि जो जन्नत में नफरत फैलाए
उसे जहन्नुम में फौरन शासन पहुंचाए
अमरनाथ के नाम पर मचा रहे कोहराम
मचा रहे कोहराम , सड़क पर देते धरना
रोगी बेशक मरें मगर उनको क्या करना
दिव्यदृष्टि फिसला जिनका इंटरव्यू भाई
कौन करेगा आखिर अब उनकी भरपाई
भोले बाबा मौन , पर भड़क रहे हैं भक्त
इसीलिए नित बह रहा निदोर्षों का रक्त
निदोर्षों का रक्त , सियासी हल्ला-गुल्ला
घाटी में कर रहे खूब जमकर कठमुल्ला
दिव्यदृष्टि जो जन्नत में नफरत फैलाए
उसे जहन्नुम में फौरन शासन पहुंचाए
मंगलवार, 12 अगस्त 2008
कीमत हुई वसूल दक्षिणा शिबू पाए
नहीं गली जब केंद्र में कतई उनकी दाल
चीफ मिनिस्टर की तभी चले गुरुजी चाल
चले गुरुजी चाल, सोनिया को धमकाए
कीमत हुई वसूल दक्षिणा शिबू पाए
दिव्यदृष्टि मत भर प्यारे तू आहें ठंडी
राजनीति बन गई हिन्द में घोड़ा मंडी।
चीफ मिनिस्टर की तभी चले गुरुजी चाल
चले गुरुजी चाल, सोनिया को धमकाए
कीमत हुई वसूल दक्षिणा शिबू पाए
दिव्यदृष्टि मत भर प्यारे तू आहें ठंडी
राजनीति बन गई हिन्द में घोड़ा मंडी।
सोमवार, 11 अगस्त 2008
अभिनव बिंद्रा तुम्हें देश दे रहा बधाई
अभिनव बिंद्रा ने किया ऐसा उत्तम कृत्य
बच्चा-बच्चा हिंद का करे झूम कर नृत्य
करे झूम कर नृत्य , न पड़ते पांव जमीं पर
भंगड़ा होता कहीं , बज रहा ढोल कहीं पर
' दिव्यदृष्टि ' जो स्वर्ण पदक दिलवाए भाई
उसकी खातिर तुम्हें देश दे रहा बधाई
बच्चा-बच्चा हिंद का करे झूम कर नृत्य
करे झूम कर नृत्य , न पड़ते पांव जमीं पर
भंगड़ा होता कहीं , बज रहा ढोल कहीं पर
' दिव्यदृष्टि ' जो स्वर्ण पदक दिलवाए भाई
उसकी खातिर तुम्हें देश दे रहा बधाई
शनिवार, 9 अगस्त 2008
बेटी हूं मैं दलित की नहीं तनिक संदेह
बेटी हूं मैं दलित की नहीं तनिक संदेह
लेकिन भारत भूमि से मुझको पूरा नेह
मुझको पूरा नेह, सर्वजन इसको जानें
इसीलिए तो भावी पीएम मुझको मानें
दिव्यदृष्टि जब झूमेगा बसपा का हाथी
सीबीआई सहित सभी बन जाएं साथी
लेकिन भारत भूमि से मुझको पूरा नेह
मुझको पूरा नेह, सर्वजन इसको जानें
इसीलिए तो भावी पीएम मुझको मानें
दिव्यदृष्टि जब झूमेगा बसपा का हाथी
सीबीआई सहित सभी बन जाएं साथी
शुक्रवार, 8 अगस्त 2008
फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप
पांच पारियां टेस्ट की खेल चुके हैं आप
फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप
छोड़ सके हैं छाप , हो रहे लल्लू साबित
सकते में हैं सचिन प्रशंसक तेरे अगणित
दिव्यदृष्टि इस तरह नहीं उनका दिल तोड़ो
लिखकर लंका कांड जरूरी रन तो जोड़ो
फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप
छोड़ सके हैं छाप , हो रहे लल्लू साबित
सकते में हैं सचिन प्रशंसक तेरे अगणित
दिव्यदृष्टि इस तरह नहीं उनका दिल तोड़ो
लिखकर लंका कांड जरूरी रन तो जोड़ो
गुरुवार, 7 अगस्त 2008
बेहतर है खुद सदर छोड़ दें फौरन गद्दी
जरदारी की बात पर सहमत हुए नवाज
दोनों पूरा करेंगे मिलकर कॉमन काज
मिलकर कॉमन काज मुशर्रफ बाहर जाएं
इसकी खातिर संसद में अभियोग चलाएं
दिव्यदृष्टि हो उनकी खूब फजीहत भद्दी
बेहतर है खुद सदर छोड़ दें फौरन गद्दी
दोनों पूरा करेंगे मिलकर कॉमन काज
मिलकर कॉमन काज मुशर्रफ बाहर जाएं
इसकी खातिर संसद में अभियोग चलाएं
दिव्यदृष्टि हो उनकी खूब फजीहत भद्दी
बेहतर है खुद सदर छोड़ दें फौरन गद्दी
चमके उनके नैन, मुलायम-लालू झूमें
जैसे ही आई खबर हटा सिमी से बैन
त्यों ही मारे खुशी के चमके उनके नैन
चमके उनके नैन , मुलायम - लालू झूमें
सेकुलर वोटों की ' गड्डी ' सपने में चूमें
दिव्यदृष्टि यूपी - बिहार में पाएं सत्ता
निर्दोषों का खून बहे बेशक अलबत्ता
त्यों ही मारे खुशी के चमके उनके नैन
चमके उनके नैन , मुलायम - लालू झूमें
सेकुलर वोटों की ' गड्डी ' सपने में चूमें
दिव्यदृष्टि यूपी - बिहार में पाएं सत्ता
निर्दोषों का खून बहे बेशक अलबत्ता
मंगलवार, 5 अगस्त 2008
अमरनाथ की आस्था उगल रही है आग
जम्मू को जकड़े हुए सम्प्रदाय का नाग
अमरनाथ की आस्था उगल रही है आग
उगल रही है आग, जल रहा भाईचारा
फैले नित उन्माद लगे नफरत का नारा
दिव्यदृष्टि सरकार कारगर कदम उठाए
कश्मीरी घाटी वरना फिर से बंट जाए।
अमरनाथ की आस्था उगल रही है आग
उगल रही है आग, जल रहा भाईचारा
फैले नित उन्माद लगे नफरत का नारा
दिव्यदृष्टि सरकार कारगर कदम उठाए
कश्मीरी घाटी वरना फिर से बंट जाए।
सोमवार, 4 अगस्त 2008
शर्मा, वीरू, हरभजन खूब लगाए जान
झंडा गाड़ा जीत का जबर गॉल मैदान
शर्मा , वीरू , हरभजन खूब लगाए जान
खूब लगाए जान , तानकर सीना घूमें
पीट-पीटकर लंका को मस्ती में झूमें
चला न कोई दिव्यदृष्टि सिंहल हथकंडा
जबर गॉल मैदान जीत का गाड़ा झंडा
शर्मा , वीरू , हरभजन खूब लगाए जान
खूब लगाए जान , तानकर सीना घूमें
पीट-पीटकर लंका को मस्ती में झूमें
चला न कोई दिव्यदृष्टि सिंहल हथकंडा
जबर गॉल मैदान जीत का गाड़ा झंडा
शनिवार, 2 अगस्त 2008
संन्यासिन ने साफ दिखाई सूरत असली
बीजेपी को चली थी करने जो बदनाम
ओछी नीयत का दिया उसने खुद पैगाम
उसने खुद पैगाम बांटकर सीडी नकली
संन्यासिन ने साफ दिखाई सूरत असली
दिव्यदृष्टि बजने से पहले फटा नगाड़ा
दागदार छवि हुई खुल गया फर्जीवाड़ा
ओछी नीयत का दिया उसने खुद पैगाम
उसने खुद पैगाम बांटकर सीडी नकली
संन्यासिन ने साफ दिखाई सूरत असली
दिव्यदृष्टि बजने से पहले फटा नगाड़ा
दागदार छवि हुई खुल गया फर्जीवाड़ा
शुक्रवार, 1 अगस्त 2008
तिकड़ी फिर बेहाल, हाथ आई मायूसी
एक ओर वीरू जहां पीट रहे थे ' गॉल '
वहीं दूसरी ओर थी तिकड़ी फिर बेहाल
तिकड़ी फिर बेहाल , हाथ आई मायूसी
दर्शक हुए निराश बढ़ गई कानाफूसी
दिव्यदृष्टि लग चुका बैट पर जिनके ताला
विदा कीजिए उन्हें डाल कर सादर माला
वहीं दूसरी ओर थी तिकड़ी फिर बेहाल
तिकड़ी फिर बेहाल , हाथ आई मायूसी
दर्शक हुए निराश बढ़ गई कानाफूसी
दिव्यदृष्टि लग चुका बैट पर जिनके ताला
विदा कीजिए उन्हें डाल कर सादर माला
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2008
(289)
-
▼
अगस्त
(25)
- जम्मू वाले तो हुए किसी तरह संतुष्ट
- बेरहमी से उनको सबक सिखाओ
- चीफ मिनिस्टर रह गए देख हरकतें दंग
- सिंहली शेर बने लंका में बकरी
- झारखंड में आ गई गद्दी गुरु के हाथ
- बाहर करो निकाल समझकर उनको रद्दी
- नैतिकता की लाज भला फिर कौन बचाए
- तब तक नन्हीं कार नहीं बनवाएं टाटा
- लेने लगें वकील जब जोड़-तोड़ से काम
- पड़े खेल के खेत में सुविधाओं की खाद
- लालू टोली जब चढ़ जाएगी
- तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
- अखिल और जीतेंद्र पर करे इंडिया नाज
- मियां मुशर्रफ के रहे गिने-चुने दिन शेष
- अमरनाथ के नाम पर मचा रहे कोहराम
- कीमत हुई वसूल दक्षिणा शिबू पाए
- अभिनव बिंद्रा तुम्हें देश दे रहा बधाई
- बेटी हूं मैं दलित की नहीं तनिक संदेह
- फिर भी लंका में नहीं छोड़ सके हैं छाप
- बेहतर है खुद सदर छोड़ दें फौरन गद्दी
- चमके उनके नैन, मुलायम-लालू झूमें
- अमरनाथ की आस्था उगल रही है आग
- शर्मा, वीरू, हरभजन खूब लगाए जान
- संन्यासिन ने साफ दिखाई सूरत असली
- तिकड़ी फिर बेहाल, हाथ आई मायूसी
-
▼
अगस्त
(25)