बचने का दीखा नहीं जब कोई इमकान
तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
जनरल ने ऐलान , मुशर्रफ हुए रुआंसे
पड़े नहीं इस बार ठीक से उनके पासे
दिव्यदृष्टि कुछ काम नहीं आए दरबारी
मना रहे इसलिए जश्न जनता जरदारी
सोमवार, 18 अगस्त 2008
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- तब इस्तीफे का किया जनरल ने ऐलान
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3 टिप्पणियां:
gaur karaun vahan jashn ka mahole nahin hai, awam ki ankhon main ek sawal saph tarta sa fijh raha hai ki ab hamari hukumat ka agla kadam kya hai. kyonki musarraf ka hona na hona ab siyasi mudda bhar rah gaya hai. pakistani awam kae muddae ab alag hain.
सामयिक विषयों पर आपकी पैनी दृष्टि वाकई काबिले तारीफ है..
***राजीव रंजन प्रसाद
Very nice... congrats
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