जिसने ओलिंपिक पदक जीत बढ़ाई शान
करे उसी के पिता का पुलिस यहां अपमान
पुलिस यहां अपमान , मिट गई सारी गैरत
देख निकम्मपान उसका है सबको हैरत
दिव्यदृष्टि जिन दुष्टों ने की हरकत भद्दी
बाहर करो निकाल समझकर उनको रद्दी
मंगलवार, 26 अगस्त 2008
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2 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा लिखा है।
अद्भुत
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