भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
आदर सदा करें हम कर्तव्य है हमारा
तुमने पकड़ के ऊंगली पढ़ना हमें सिखाया
सम्मान के शिखर पर चढ़ना हमें सिखाया
अज्ञान के जलधि से तुमने हमें उबारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
हम हैं अबोध बालक तुम ज्ञान-बुद्धिदाता
कायम रहे धरा पर गुरु-शिष्य का ये नाता
शिक्षक दिवस समर्पित श्रद्धासुमन हमारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
शनिवार, 5 सितंबर 2009
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1 टिप्पणी:
apney shikjhko ko bhagwan se bhi ucha darja diya jo sahi hai esa hi mana jata hai par kya yah baat ajkal ke shikjahko par lago hoti hai.
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