घर का जोगी जोगड़ा आन गांव का सिद्ध
सदियों से साबित किए यही कहावत गिद्ध
यही कहावत गिद्ध, निरन्तर जारी गायन
इसीलिए भारत से 'प्रतिभा' करे पलायन
दिव्यदृष्टि है अकथनीय यह 'पीड़ा' भाई
फिर भी वेंकटरमन कोटिश: तुम्हें बधाई
गुरुवार, 8 अक्टूबर 2009
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