बुधवार, 21 अक्तूबर 2009

नहीं चिरौरी का प्यारे अब रहा जमाना

भुज बल से ही जीतते आये योद्धा जंग
भुज बल से ही गगन में ऊंची उड़े पतंग
ऊंची उड़े पतंग, छगन को मगन कराये
शोकाकुल चह्वाण देशमुख फिरें डराये
दिव्यदृष्टि भुज बल से ही है सत्ता पाना
नहीं चिरौरी का प्यारे अब रहा जमाना

2 टिप्‍पणियां:

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

sach farmaya aapne,chirori ke din ab gaye!!!!

SP Dubey ने कहा…

्प्रतिदिन इतनी सारी घटनाओ मे से एक को चुनना और उसपर लिखना कमाल है आपका लेखन
धन्यवाद

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