दांत पीसते, बाल नोचते पेपर बगल दबाये
हुए क्रोध से लाल सुधारक जी मेरे घर आये
उषाकाल दरवाजे पर सुन हाहाकारी दस्तक
अनहोनी की आशंका से ठनका मेरा मस्तक
सहमे-सहमे जीर्णद्वार को ज्यों ही मैंने खोला
दाग दिये बेरहमी से बोफोर्स तोप का गोला
बोले जिसके कारण प्यारे हुई खूब रुसवाई
उसी केस को बंद कर रही काहे सीबीआई
टेढ़ा प्रश्न सुना तो खीझा उनके भोलेपन पर
लेकिन चोट लगी थी भारी मेरे गीले मन पर
दवित हृदय से मैंने उनको सीधी बात बताई
रिश्तेदारों को 'दलाल' मत बोलो मेरे भाई
दिव्यदृष्टि बहनोई के घर करता जो घोटाला
बिन सबूत के साफ बरी हो जाता है वो साला
बुधवार, 30 सितंबर 2009
मंगलवार, 29 सितंबर 2009
काटी पहले मैच में जिसने जमकर नाक
काटी पहले मैच में जिसने जमकर नाक
उस बैरी का मुख रही टीम इंडिया ताक
टीम इंडिया ताक, पाक मारे फिर बाजी
पिटे वेस्ट इंडीज पराजय पाय 'जहाजी'
तभी खुलेगी दिव्यदृष्टि सेमी में खिड़की
वरना आए हाथ महज धोनी के झिड़की
उस बैरी का मुख रही टीम इंडिया ताक
टीम इंडिया ताक, पाक मारे फिर बाजी
पिटे वेस्ट इंडीज पराजय पाय 'जहाजी'
तभी खुलेगी दिव्यदृष्टि सेमी में खिड़की
वरना आए हाथ महज धोनी के झिड़की
शनिवार, 26 सितंबर 2009
बड़े शौक से चांद पर जल ढूंढे सरकार
बड़े शौक से चांद पर जल ढूंढे सरकार
पर धरती के 'नीर' से छांटे खर-पतवार
छांटे खर-पतवार, वारि घर में जो आये
हो वह निर्मल शुद्ध जिसे मानुष पी पाये
दिव्यदृष्टि पहले वसुधा पर जान बचाओ
बेशक उसके बाद चंदमा पर बस जाओ
पर धरती के 'नीर' से छांटे खर-पतवार
छांटे खर-पतवार, वारि घर में जो आये
हो वह निर्मल शुद्ध जिसे मानुष पी पाये
दिव्यदृष्टि पहले वसुधा पर जान बचाओ
बेशक उसके बाद चंदमा पर बस जाओ
मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
हुए छियासी साल के दादा देवानंद
सतहत्तर से पी रहे मनमोहन मकरंद
मनमोहन मकरंद मुबारक मेवा मस्ती
रहे सलामत प्रेमपुजारी की भी बस्ती
हम दोनों को दिव्यदृष्टि दे रहे दुआएं
मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
सतहत्तर से पी रहे मनमोहन मकरंद
मनमोहन मकरंद मुबारक मेवा मस्ती
रहे सलामत प्रेमपुजारी की भी बस्ती
हम दोनों को दिव्यदृष्टि दे रहे दुआएं
मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
यूएस से आई खबर मिले ट्रिपल खैरात
यूएस से आई खबर मिले ट्रिपल खैरात
जरदारी-मन में खुशी फूली नहीं समात
फूली नहीं समात, बात बड़बोली बोलें
उग्रवाद की ताकत अपनी तिगुनी तोलें
दिव्यदृष्टि हासिल करके अमरीकी गंडा
लाल किले पर सपने में फहरा दें झंडा
जरदारी-मन में खुशी फूली नहीं समात
फूली नहीं समात, बात बड़बोली बोलें
उग्रवाद की ताकत अपनी तिगुनी तोलें
दिव्यदृष्टि हासिल करके अमरीकी गंडा
लाल किले पर सपने में फहरा दें झंडा
गुरुवार, 24 सितंबर 2009
बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
श्रवण राजमाता करें माया की मनुहार
परेशान करते बहुत उनको राज कुमार
उनको राज कुमार, तार देते नहिं पाती
बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
दिव्यदृष्टि तज दें दौरा करना मनमाना
पालें 'प्रोटोकॉल' पड़े वरना पछताना
परेशान करते बहुत उनको राज कुमार
उनको राज कुमार, तार देते नहिं पाती
बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
दिव्यदृष्टि तज दें दौरा करना मनमाना
पालें 'प्रोटोकॉल' पड़े वरना पछताना
बुधवार, 23 सितंबर 2009
फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
हींग लगी ना फिटकरी आया चोखा रंग
धोनी के मन में उठी जिसको देख उमंग
जिसको देख उमंग, छरहरे प्लेयर चहके
फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
दिव्यदृष्टि जल वृष्टि बनी प्यारे 'पैगम्बर'
तभी हमारे हाथ आ सका अव्वल नम्बर
धोनी के मन में उठी जिसको देख उमंग
जिसको देख उमंग, छरहरे प्लेयर चहके
फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
दिव्यदृष्टि जल वृष्टि बनी प्यारे 'पैगम्बर'
तभी हमारे हाथ आ सका अव्वल नम्बर
मंगलवार, 22 सितंबर 2009
पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
रह जाओगे ढूंढ़ते पांच बरस तक आप
अगर चुनोगे सांसद हीरो, प्लेयर छाप
हीरो, प्लेयर छाप, दुबारा नजर न आएं
अलबत्ता वे फिल्म, खेल में रंग जमाएं
दिव्यदृष्टि ऐसे प्रतिनिधि पा पछताओगे
पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
अगर चुनोगे सांसद हीरो, प्लेयर छाप
हीरो, प्लेयर छाप, दुबारा नजर न आएं
अलबत्ता वे फिल्म, खेल में रंग जमाएं
दिव्यदृष्टि ऐसे प्रतिनिधि पा पछताओगे
पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
शनिवार, 19 सितंबर 2009
बेदी पर कर्तव्य की देकर अपने प्राण
बेदी पर कर्तव्य की देकर अपने प्राण
शर्मा मोहन चंद ने उत्तम दिया प्रमाण
उत्तम दिया प्रमाण त्राण पुरवासी पाए
बनी निरापद रात दिवस आनंद समाए
दिव्यदृष्टि है धन्य शहादत मित्र तुम्हारी
वीरोचित श्रद्धांजलि लीजे अत: हमारी
शर्मा मोहन चंद ने उत्तम दिया प्रमाण
उत्तम दिया प्रमाण त्राण पुरवासी पाए
बनी निरापद रात दिवस आनंद समाए
दिव्यदृष्टि है धन्य शहादत मित्र तुम्हारी
वीरोचित श्रद्धांजलि लीजे अत: हमारी
शुक्रवार, 18 सितंबर 2009
हुआ नपुंसक राजनय नेता बने सियार
हुआ नपुंसक राजनय नेता बने सियार
कानन रोदन ही उन्हें मित्रो लगे पियार
मित्रो लगे पियार जंगजू जब भी आएं
अकर्मण्य सारे चूहे बिल में घुस जाएं
दिव्यदृष्टि बे-चारे शासक सोहें दिल्ली
इसीलिए है बेलगाम अतिवादी बिल्ली
कानन रोदन ही उन्हें मित्रो लगे पियार
मित्रो लगे पियार जंगजू जब भी आएं
अकर्मण्य सारे चूहे बिल में घुस जाएं
दिव्यदृष्टि बे-चारे शासक सोहें दिल्ली
इसीलिए है बेलगाम अतिवादी बिल्ली
गुरुवार, 17 सितंबर 2009
मन्नू ने बनवा दिया मंत्री उन्हें जरूर
मन्नू ने बनवा दिया मंत्री उन्हें जरूर
मगर तजुर्बे की कमी है उनमें भरपूर
है उनमें भरपूर, सियासी दांव न जानें
सीधे शशि थरूर गैर को अपना मानें
दिव्यदृष्टि वह बोलें, सदा परायी भाषा
इसीलिए होती है हमको मित्र निराशा
मगर तजुर्बे की कमी है उनमें भरपूर
है उनमें भरपूर, सियासी दांव न जानें
सीधे शशि थरूर गैर को अपना मानें
दिव्यदृष्टि वह बोलें, सदा परायी भाषा
इसीलिए होती है हमको मित्र निराशा
बुधवार, 16 सितंबर 2009
आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
शिल्पा के संग देखकर बाबा की तस्वीर
कई मनचलों का हृदय होने लगा अधीर
होने लगा अधीर फिरें कामी खिसियाए
आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
दिव्यदृष्टि यदि पाते नेह सरित का सोता
सिने-तारिका सहित लगाते वे भी गोता
कई मनचलों का हृदय होने लगा अधीर
होने लगा अधीर फिरें कामी खिसियाए
आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
दिव्यदृष्टि यदि पाते नेह सरित का सोता
सिने-तारिका सहित लगाते वे भी गोता
मंगलवार, 15 सितंबर 2009
बल्ला देता सचिन का फौरन उन्हें जवाब
बल्ला देता सचिन का फौरन उन्हें जवाब
उनकी बढ़ती उम्र को जो कह रहे खराब
जो कह रहे खराब, करें नित नुक्ताचीनी
उन्हें नहीं मालूम 'हकीकत ज़रा ज़मीनी' '
दिव्यदृष्टि' बेवजह मचाएं जो भी हल्ला
फौरन उन्हें जवाब सचिन का देता बल्ला
हहराए फिर हरभजन विकेट ले गए पांच
'टीम सिंहली' टूटकर बिखरी जैसे कांच
बिखरी जैसे कांच, आंच राहुल की भारी
धोनी औ' युवराज बन गए काल कटारी
दिव्यदृष्टि लंका में विजयी ध्वज फहराए
विकेट ले गए पांच हरभजन फिर हहराए
उनकी बढ़ती उम्र को जो कह रहे खराब
जो कह रहे खराब, करें नित नुक्ताचीनी
उन्हें नहीं मालूम 'हकीकत ज़रा ज़मीनी' '
दिव्यदृष्टि' बेवजह मचाएं जो भी हल्ला
फौरन उन्हें जवाब सचिन का देता बल्ला
हहराए फिर हरभजन विकेट ले गए पांच
'टीम सिंहली' टूटकर बिखरी जैसे कांच
बिखरी जैसे कांच, आंच राहुल की भारी
धोनी औ' युवराज बन गए काल कटारी
दिव्यदृष्टि लंका में विजयी ध्वज फहराए
विकेट ले गए पांच हरभजन फिर हहराए
सोमवार, 14 सितंबर 2009
किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
तैयारी की देख कर दिल्ली में रफ्तार
सीजीएफ मुखिया हुए बेपनाह बेजार
बेपनाह बेजार, हो रहे चिंतित फैनल
बना रहे हैं सुर्खी उसको टीवी चैनल
दिव्यदृष्टि खेलों पर है खतरे की घंटी
किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
सीजीएफ मुखिया हुए बेपनाह बेजार
बेपनाह बेजार, हो रहे चिंतित फैनल
बना रहे हैं सुर्खी उसको टीवी चैनल
दिव्यदृष्टि खेलों पर है खतरे की घंटी
किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
रविवार, 13 सितंबर 2009
देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
ओछी हरकत कर रहा पाजी पाकिस्तान
घोषित युद्ध विराम को नहीं रहा है मान
नहीं रहा है मान, निशा-चर राकेट दागे
देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
दिव्यदृष्टि सीमा की घटना समझी-सोची
पाजी पाकिस्तान कर रहा हरकत ओछी
घोषित युद्ध विराम को नहीं रहा है मान
नहीं रहा है मान, निशा-चर राकेट दागे
देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
दिव्यदृष्टि सीमा की घटना समझी-सोची
पाजी पाकिस्तान कर रहा हरकत ओछी
शुक्रवार, 11 सितंबर 2009
तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
इत सूखे से त्रस्त हैं सचमुच लोग विपन्न
मिले नहीं दो जून उत ज्यादातर को अन्न
ज्यादातर को अन्न सड़े सड़कों पर गंदम
नीयत नहीं दुरुस्त सुस्त अधिकारी तंत्रम
दिव्यदृष्टि 'लापरवाही' का जहां ठिकाना
तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
मिले नहीं दो जून उत ज्यादातर को अन्न
ज्यादातर को अन्न सड़े सड़कों पर गंदम
नीयत नहीं दुरुस्त सुस्त अधिकारी तंत्रम
दिव्यदृष्टि 'लापरवाही' का जहां ठिकाना
तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
गुरुवार, 10 सितंबर 2009
मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
युवा विजेंदर जूझता लेकर ऊंचा भाल
मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
बैरी को बेहाल निकाले खूब कचूमर
करें प्रशंसा लोग खुशी से झूमें झूमर
दिव्यदृष्टि मन्नू करते यदि मुक्केबाजी
नहीं उठाता आंख पड़ोसी कोई पाजी
मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
बैरी को बेहाल निकाले खूब कचूमर
करें प्रशंसा लोग खुशी से झूमें झूमर
दिव्यदृष्टि मन्नू करते यदि मुक्केबाजी
नहीं उठाता आंख पड़ोसी कोई पाजी
बुधवार, 9 सितंबर 2009
झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
सपने में कल रात सुभद्रा जी को जब मैंने देखा
थी मित्रो मुख मंडल पर मायूसी की मोटी रेखा
फिर भी दे आशीष लगीं कहने कैसे जी लेते हो
बुन्देलों के दुख पर होंठों को कैसे सी लेते हो?
झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
दीन-हीन दयनीय दशा में 'पत्तल रूखे' चरते हैं
हाथ जोड़ कर बोला मैं देवी सचमुच शर्मिन्दा हूं
कहने को तो हूं स्वतंत्र पर 'पराधीन' बाशिन्दा हूं
बावजूद इसके मैं माता भरसक कलम चलाऊंगा
सत्ता के गलियारों को नित 'निंदा' से दहलाऊंगा
व्यर्थ न जाने दूंगा हरगिज रानी की कुरबानी को
फैलाऊंगा जन-मानस में उनकी शौर्य कहानी को
दिव्यदृष्टि उनके सपनों की बगिया फिर लहराएगी
जिसमें 'मक्कारों' की मैली ध्वजा नहीं फहराएगी
थी मित्रो मुख मंडल पर मायूसी की मोटी रेखा
फिर भी दे आशीष लगीं कहने कैसे जी लेते हो
बुन्देलों के दुख पर होंठों को कैसे सी लेते हो?
झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
दीन-हीन दयनीय दशा में 'पत्तल रूखे' चरते हैं
हाथ जोड़ कर बोला मैं देवी सचमुच शर्मिन्दा हूं
कहने को तो हूं स्वतंत्र पर 'पराधीन' बाशिन्दा हूं
बावजूद इसके मैं माता भरसक कलम चलाऊंगा
सत्ता के गलियारों को नित 'निंदा' से दहलाऊंगा
व्यर्थ न जाने दूंगा हरगिज रानी की कुरबानी को
फैलाऊंगा जन-मानस में उनकी शौर्य कहानी को
दिव्यदृष्टि उनके सपनों की बगिया फिर लहराएगी
जिसमें 'मक्कारों' की मैली ध्वजा नहीं फहराएगी
पुत्तर पाकिस्तान सा अमरीका सा बाप
पुत्तर पाकिस्तान सा अमरीका सा बाप
मित्रो पाना है कठिन बेशक ढूंढ़ें आप
बेशक ढूंढ़ें आप चतुर्दिक दीप जलाये
ऐसा तोताचश्म कहीं भी नजर न आये
विश्व चक्षु में दिव्यदृष्टि जो झोंके गर्दा
लेकिन बेटे की हरकत पर डाले पर्दा
मित्रो पाना है कठिन बेशक ढूंढ़ें आप
बेशक ढूंढ़ें आप चतुर्दिक दीप जलाये
ऐसा तोताचश्म कहीं भी नजर न आये
विश्व चक्षु में दिव्यदृष्टि जो झोंके गर्दा
लेकिन बेटे की हरकत पर डाले पर्दा
मंगलवार, 8 सितंबर 2009
मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
सरकारी घर में बहुत बदबू आये यार
मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
बंगला खुशबूदार भले होटल में पाएं
कौन करे भुगतान सही वे नहीं बताएं
दिव्यदृष्टि नाहक नुक्ताचीनी करता है
प्यारे मोटा माल मिनिस्टर ही चरता है
मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
बंगला खुशबूदार भले होटल में पाएं
कौन करे भुगतान सही वे नहीं बताएं
दिव्यदृष्टि नाहक नुक्ताचीनी करता है
प्यारे मोटा माल मिनिस्टर ही चरता है
सोमवार, 7 सितंबर 2009
लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
सिर धुनते आए सुबह चंपू चिरकुटलाल
नयन नचाते क्रोध से पूछे कठिन सवाल
पूछे कठिन सवाल, हमें बतलाओ भाया
भारत की सरहद में काहे 'ड्रैगन' आया
दिव्यदृष्टि सेना की बकरी कहां विचरती
लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
सुनकर बर्निंग क्वेश्चन दिव्यदृष्टि बेहाल
काला दीखा दाल में मन में उठा मलाल
मन में उठा मलाल नहीं यदि शायर होता
चीनी-चूहों पर फौरन ही 'फायर' होता
मिट जाती घुसपैठ याद आ जाती नानी
नहीं स्वप्न में करते फिर हरकत बचकानी
नयन नचाते क्रोध से पूछे कठिन सवाल
पूछे कठिन सवाल, हमें बतलाओ भाया
भारत की सरहद में काहे 'ड्रैगन' आया
दिव्यदृष्टि सेना की बकरी कहां विचरती
लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
सुनकर बर्निंग क्वेश्चन दिव्यदृष्टि बेहाल
काला दीखा दाल में मन में उठा मलाल
मन में उठा मलाल नहीं यदि शायर होता
चीनी-चूहों पर फौरन ही 'फायर' होता
मिट जाती घुसपैठ याद आ जाती नानी
नहीं स्वप्न में करते फिर हरकत बचकानी
शनिवार, 5 सितंबर 2009
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
आदर सदा करें हम कर्तव्य है हमारा
तुमने पकड़ के ऊंगली पढ़ना हमें सिखाया
सम्मान के शिखर पर चढ़ना हमें सिखाया
अज्ञान के जलधि से तुमने हमें उबारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
हम हैं अबोध बालक तुम ज्ञान-बुद्धिदाता
कायम रहे धरा पर गुरु-शिष्य का ये नाता
शिक्षक दिवस समर्पित श्रद्धासुमन हमारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
आदर सदा करें हम कर्तव्य है हमारा
तुमने पकड़ के ऊंगली पढ़ना हमें सिखाया
सम्मान के शिखर पर चढ़ना हमें सिखाया
अज्ञान के जलधि से तुमने हमें उबारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
हम हैं अबोध बालक तुम ज्ञान-बुद्धिदाता
कायम रहे धरा पर गुरु-शिष्य का ये नाता
शिक्षक दिवस समर्पित श्रद्धासुमन हमारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
शुक्रवार, 4 सितंबर 2009
सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
रेड्डी को हासिल हुआ नहीं अभी ताबूत
फिर भी दीखें युद्धरत सत्ता के यमदूत
सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
खीं च-तान में लिप्त करें हरकत हत्यारी
दिव्यदृष्टि नैतिकता के नक्कारे गाफिल
हुआ नहीं ताबूत अभी रेड्डी को हासिल
फिर भी दीखें युद्धरत सत्ता के यमदूत
सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
खीं च-तान में लिप्त करें हरकत हत्यारी
दिव्यदृष्टि नैतिकता के नक्कारे गाफिल
हुआ नहीं ताबूत अभी रेड्डी को हासिल
गुरुवार, 3 सितंबर 2009
सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
घटिया हेलिकॉप्टर ले लेता जो जान
बेड़े से बाहर करें जल्द उसे श्रीमान
जल्द उसे श्रीमान नसीहत मानें मोरी
सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
दिव्यदृष्टि रेड्डी जैसों की जान बचायें
नहीं चीलगाड़ी घातक भारत में लायें
बेड़े से बाहर करें जल्द उसे श्रीमान
जल्द उसे श्रीमान नसीहत मानें मोरी
सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
दिव्यदृष्टि रेड्डी जैसों की जान बचायें
नहीं चीलगाड़ी घातक भारत में लायें
बुधवार, 2 सितंबर 2009
बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
परदेसी इमदाद से रोज चलाये काम
फिर भी भूखे पेट ले इंतकाम का नाम
इंतकाम का नाम, सचाई को झुठलाए
बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
दिव्यदृष्टि जो खुद ही मरने को आमादा
उस मूरख को कौन भला समझाए दादा
फिर भी भूखे पेट ले इंतकाम का नाम
इंतकाम का नाम, सचाई को झुठलाए
बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
दिव्यदृष्टि जो खुद ही मरने को आमादा
उस मूरख को कौन भला समझाए दादा
मंगलवार, 1 सितंबर 2009
सैनिक खाली पेट जीतता जंग न बेटा
खंडित भारत का उसे दीखे स्वप्न हसीन
लेकिन अपनी कैफियत भूल रहा है चीन
भूल रहा है चीन, बिके ज़ालिम के दाने
अर्थव्यवस्था चौपट फिर भी मुक्का ताने
'दिव्यदृष्टि' यह तथ्य नहीं कतई सपरेटा
सैनिक 'खाली पेट' जीतता जंग न बेटा
लेकिन अपनी कैफियत भूल रहा है चीन
भूल रहा है चीन, बिके ज़ालिम के दाने
अर्थव्यवस्था चौपट फिर भी मुक्का ताने
'दिव्यदृष्टि' यह तथ्य नहीं कतई सपरेटा
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- फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
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- बेदी पर कर्तव्य की देकर अपने प्राण
- हुआ नपुंसक राजनय नेता बने सियार
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- आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
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- किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
- देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
- तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
- मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
- झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
- पुत्तर पाकिस्तान सा अमरीका सा बाप
- मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
- लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
- भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
- सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
- सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
- बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
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