सोमवार, 6 अप्रैल 2009

फिर भी सोई चैन से दिल्ली पुलिस महान

जहरीली दारू कई निगल चुकी है जान
फिर भी सोई चैन से दिल्ली पुलिस महान
दिल्ली पुलिस महान, नहीं बदलेगी ढर्रा
बिके नाक के नीचे उसकी बेशक ठर्रा
दिव्यदृष्टि रिश्वत की चढ़ती रोज पतीली
निगल चुकी है जान कई दारू जहरीली

2 टिप्‍पणियां:

Anil Kumar ने कहा…

वाह! इसे छापकर आज ही अपने पड़ोस में रहनेवाले हवलदार के स्कूटर पर चिपकाता हूँ! :)

संगीता पुरी ने कहा…

सटीक बातें लिखी ...

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