शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

कल जो जूता जगत में था पैरों की शान

कल जो जूता जगत में था पैरों की शान
आज वही अपमान का बना सही सामान
बना सही सामान दुष्ट जिस पर चल जाए
उसी सियासी लीडर की औकात घटाए
दिव्यदृष्टि बुश, टाइटलर की शामत आई
लेकर उनसे सीख संभलिए जिंदल भाई

1 टिप्पणी:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

जूते जैसी चीज को सदा राखिए संग,
नदी, नाले, कंटक से सदा बचाए अंग।
सदा बचाए अंग, समझें ना इसे ऐसा-वैसा,
मौका पड़ते ही 'नाम' करवाए कैसा-कैसा !!!

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