शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

भरे तिजोरी माया की दे जमकर चंदा

दलितों का है दल मगर धांसू दौलतमंद
ठोक रहे हैं आजकल बसपा में भुजदंड
बसपा में भुजदंड, कर रहे कसरत भारी
संसद जाने की हसरत ले मन में प्यारी
दिव्यदृष्टि बन जाएगा एमपी जो बंदा
भरे तिजोरी माया की दे जमकर चंदा

2 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार झा ने कहा…

बिलकुल सही बैंड बजाई है आपने, वो भी सिर्फ चाँद लाएनों में मजा aa गया, आज पहले बार ही आपके ब्लॉग पर आया हूँ, अच्छा लगा.....

दिव्यदृष्टि ने कहा…

स्वागत मेरे ब्लॉग पर पंडित अजय कुमार
करते रहें भविष्य में मुझसे हरदम प्यार
मुझसे हरदम प्यार निवेदन को स्वीकारें
अगर क्षम्य हो भूल तभी तत्काल बिसारें
दिव्यदृष्टि वरना कर दीजे कान खिंचाई
होगा सेवक धन्य प्राप्त कर स्नेह सिंचाई
दिव्यदृष्टि

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