दास कबीरा कह गए उत्तम वचन विचार
माया से करना नहीं कभी भूलकर प्यार
कभी भूलकर प्यार, नहीं छोड़े ये ठगिनी
पप्पी-झप्पी दो या बेशक बोलो भगिनी
दिव्यदृष्टि मुन्ना सीखो यह सबक सयाना
वरना जाओ जेल पड़े जमकर पछताना
मंगलवार, 28 अप्रैल 2009
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1 टिप्पणी:
दास कबीरा कह गए उत्तम वचन विचार
माया से करना नहीं कभी भूलकर प्यार
कभी भूलकर प्यार, नहीं छोड़े ये ठगिनी
पप्पी-झप्पी दो या बेशक बोलो भगिनी
सत्य वचन.....सचमुच राजनीति की माया अपरम्पार है.
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