भले मयस्सर हो नहीं लवण-लाकड़ी-तेल
फिर भी कॉमनवेल्थ को दिल्लीवासी झेल
दिल्लीवासी झेल, खेल का खोटा सिक्का
उदर पूर्ति में फेल मगर मस्तक पर टिक्का
दिव्यदृष्टि नित धार गुलामी-छवि उर अंतर
लवण-लाकड़ी-तेल भले हो नहीं मयस्सर
शनिवार, 11 सितंबर 2010
सोमवार, 9 अगस्त 2010
कब तक तुम गुमराह करोगी शीला रानी
कहीं न कॉमनवेल्थ में कोई फेयर काम
लवली भी लगती नहीं कतई सूरत आम
कतई सूरत आम सब तरफ मलबा फैला
चलना करे मुहाल सड़क पर पानी मैला
दिव्यदृष्टि नित सोच-समझ होती हैरानी
कब तक तुम गुमराह करोगी शीला रानी
लवली भी लगती नहीं कतई सूरत आम
कतई सूरत आम सब तरफ मलबा फैला
चलना करे मुहाल सड़क पर पानी मैला
दिव्यदृष्टि नित सोच-समझ होती हैरानी
कब तक तुम गुमराह करोगी शीला रानी
मंगलवार, 22 जून 2010
तत्व प्रज्वनशील तुरत गडकरी हटाएं
अगर भाजपा चाहती 'गठबंधन' भरपूर
राखे मोदी-वरुण को वह बिहार से दूर
वह बिहार से दूर, नियम नीतीश बताएं
तत्व प्रज्वनशील तुरत गडकरी हटाएं
दिव्यदृष्टि बड़बोलों को हरहाल भगाना
नो-एन्ट्री का बोर्ड भले ही पड़े लगाना
राखे मोदी-वरुण को वह बिहार से दूर
वह बिहार से दूर, नियम नीतीश बताएं
तत्व प्रज्वनशील तुरत गडकरी हटाएं
दिव्यदृष्टि बड़बोलों को हरहाल भगाना
नो-एन्ट्री का बोर्ड भले ही पड़े लगाना
शनिवार, 19 जून 2010
कब तक रहे कुंवारा मैया तेरा पुत्तर
दौड़-धूप करते बरस बीत गए चालीस
नजर नहीं आई मगर कन्या एक नफीस
कन्या एक नफीस, टीस मन में है भारी
तनहाई में चले किस तरह दुनियादारी?
दिव्यदृष्टि सोनिया भवानी दीजे उत्तर
कब तक रहे कुंवारा मैया तेरा पुत्तर
नजर नहीं आई मगर कन्या एक नफीस
कन्या एक नफीस, टीस मन में है भारी
तनहाई में चले किस तरह दुनियादारी?
दिव्यदृष्टि सोनिया भवानी दीजे उत्तर
कब तक रहे कुंवारा मैया तेरा पुत्तर
मोदी जी ले जाइये वापस पांच करोड़
दिव्यदृष्टि
वोट देख नीतीश के उर में उठी मरोड़
मोदी जी ले जाइये वापस पांच करोड़
वापस पांच करोड़ देखिये तेवर रूखा
नहीं चाहिए मदद बाढ़ आये या सूखा
दिव्यदृष्टि 'पार्टनर' उचारें बात विषैली
उन्हें सुहाये प्यारे केवल सेकुलर थैली
वोट देख नीतीश के उर में उठी मरोड़
मोदी जी ले जाइये वापस पांच करोड़
वापस पांच करोड़ देखिये तेवर रूखा
नहीं चाहिए मदद बाढ़ आये या सूखा
दिव्यदृष्टि 'पार्टनर' उचारें बात विषैली
उन्हें सुहाये प्यारे केवल सेकुलर थैली
सोमवार, 14 जून 2010
माना जाता अतिथि को भारत में भगवान
माना जाता अतिथि को भारत में भगवान
एंडरसन जी का अत: पार्थ किए सम्मान
पार्थ किए सम्मान भक्ति का सूत टटोला
तब होकर मजबूर सजाया उड़न खटोला
दिव्यदृष्टि उड़ गया फुर्र शव का व्यापारी
किंतु रही महफूज 'गैसमय' नीति हमारी
एंडरसन जी का अत: पार्थ किए सम्मान
पार्थ किए सम्मान भक्ति का सूत टटोला
तब होकर मजबूर सजाया उड़न खटोला
दिव्यदृष्टि उड़ गया फुर्र शव का व्यापारी
किंतु रही महफूज 'गैसमय' नीति हमारी
शनिवार, 12 जून 2010
रोये बेबस बाप देख नयनों का फूला
शैशव में जो आंख के तारे के मानिंद
वही जवानी में बना पुत्र मोतियाबिन्द
पुत्र मोतियाबिन्द 'मान-मर्यादा' भूला
रोये बेबस बाप देख नयनों का फूला
दिव्यदृष्टि फरजंद सताए सांझ-सकारे
अत: प्रशासन उसे मौत के घाट उतारे
वही जवानी में बना पुत्र मोतियाबिन्द
पुत्र मोतियाबिन्द 'मान-मर्यादा' भूला
रोये बेबस बाप देख नयनों का फूला
दिव्यदृष्टि फरजंद सताए सांझ-सकारे
अत: प्रशासन उसे मौत के घाट उतारे
शुक्रवार, 11 जून 2010
अर्जुन दादा बोलते थमकर सदा सटीक
अर्जुन दादा बोलते थमकर सदा सटीक
केवल अपने कथ्य ही मानें हरदम ठीक
मानें हरदम ठीक, नजरिया निजी अनूठा
'साथी' जो कुछ कहें उसे बतलाएं झूठा
दिव्यदृष्टि इसलिए 'सही' अवसर बोलेंगे
एंडरसन के 'अतिथि' भेद सगरे खोलेंगे
केवल अपने कथ्य ही मानें हरदम ठीक
मानें हरदम ठीक, नजरिया निजी अनूठा
'साथी' जो कुछ कहें उसे बतलाएं झूठा
दिव्यदृष्टि इसलिए 'सही' अवसर बोलेंगे
एंडरसन के 'अतिथि' भेद सगरे खोलेंगे
गुरुवार, 10 जून 2010
भारत में आतंक का हामी पाकिस्तान
यह सच्चाई दोस्तो जाने सकल जहान
भारत में आतंक का हामी पाकिस्तान
हामी पाकिस्तान बीज कटुता के बोए
उग्रवाद की फसल बढ़ा मस्ती में सोए
दिव्यदृष्टि 'सींचे' उसको आईएसआई
जाने सकल जहान दोस्तो यह सच्चाई।
भारत में आतंक का हामी पाकिस्तान
हामी पाकिस्तान बीज कटुता के बोए
उग्रवाद की फसल बढ़ा मस्ती में सोए
दिव्यदृष्टि 'सींचे' उसको आईएसआई
जाने सकल जहान दोस्तो यह सच्चाई।
बुधवार, 9 जून 2010
पुलिस तक्षकों में बढ़ा काम वासना रोग
रक्षक की वर्दी पहन भक्षक बनते लोग
पुलिस तक्षकों में बढ़ा काम वासना रोग
काम वासना रोग, भोग में वृद्धि निरन्तर
पद की गरिमा घटी हुई निष्ठा छू-मंतर
दिव्यदृष्टि कद-मद में करते गुंडागर्दी
भक्षक बनते लोग पहन रक्षक की वर्दी
पुलिस तक्षकों में बढ़ा काम वासना रोग
काम वासना रोग, भोग में वृद्धि निरन्तर
पद की गरिमा घटी हुई निष्ठा छू-मंतर
दिव्यदृष्टि कद-मद में करते गुंडागर्दी
भक्षक बनते लोग पहन रक्षक की वर्दी
मंगलवार, 8 जून 2010
तुलसी बाबा कह गए दोषी नहीं समर्थ
तुलसी बाबा कह गए दोषी नहीं समर्थ
एंडरसन पर इसलिए शोर मचाना व्यर्थ
शोर मचाना व्यर्थ इंडियन बकरी खाए
फिर अमेरिकी बाघ रोज हम पर गुर्राए
दिव्यदृष्टि चाहे वह कर दे खून खराबा
दोषी नहीं समर्थ कह गए तुलसी बाबा
एंडरसन पर इसलिए शोर मचाना व्यर्थ
शोर मचाना व्यर्थ इंडियन बकरी खाए
फिर अमेरिकी बाघ रोज हम पर गुर्राए
दिव्यदृष्टि चाहे वह कर दे खून खराबा
दोषी नहीं समर्थ कह गए तुलसी बाबा
सोमवार, 7 जून 2010
निगल हजारों जिन्दगी गैस गई भोपाल
निगल हजारों जिन्दगी गैस गई भोपाल
कितनों के जन्मे कई लूले-लंगड़े लाल
लूले-लंगड़े लाल, दर्द से भर कर आहें
रहे मांगते 'न्याय' नित्य फैला कर बाहें
दिव्यदृष्टि इस भांति सदी बीती चौथाई
किन्तु दंड की गूंज नहीं पड़ रही सुनाई
कितनों के जन्मे कई लूले-लंगड़े लाल
लूले-लंगड़े लाल, दर्द से भर कर आहें
रहे मांगते 'न्याय' नित्य फैला कर बाहें
दिव्यदृष्टि इस भांति सदी बीती चौथाई
किन्तु दंड की गूंज नहीं पड़ रही सुनाई
शनिवार, 5 जून 2010
बेमतलब अखबार उन्हें संलिप्त बताएं
कामधेनु-पय से धुला है सारा परिवार
खूब सफाई दे रहे जमकर शरद पवार
जमकर शरद पवार इरादा नेक जताएं
बेमतलब अखबार उन्हें संलिप्त बताएं
दिव्यदृष्टि जिसके दम से सेंटर में सत्ता
आईपीएल में चाहेगा वह क्यों 'पत्ता'
खूब सफाई दे रहे जमकर शरद पवार
जमकर शरद पवार इरादा नेक जताएं
बेमतलब अखबार उन्हें संलिप्त बताएं
दिव्यदृष्टि जिसके दम से सेंटर में सत्ता
आईपीएल में चाहेगा वह क्यों 'पत्ता'
बुधवार, 2 जून 2010
लालमहल को रौंद कर विहँस रहा तृणमूल
लालमहल को रौंद कर विहँस रहा तृणमूल
लेफ्ट हैंड में जा चुभा सख्त-सियासी-सूल
सख्त-सियासी-सूल, 'पीर' बढ़ रही निरंतर
चली कोलकाता में ममता लोकल जमकर
दिव्यदृष्टि बुद्धा बाबा बिलखें पल-पल को
विहँस रहा तृणमूल रौंद कर लालमहल को
लेफ्ट हैंड में जा चुभा सख्त-सियासी-सूल
सख्त-सियासी-सूल, 'पीर' बढ़ रही निरंतर
चली कोलकाता में ममता लोकल जमकर
दिव्यदृष्टि बुद्धा बाबा बिलखें पल-पल को
विहँस रहा तृणमूल रौंद कर लालमहल को
सोमवार, 31 मई 2010
दिया सड़क पर मौत का नारी को उपहार
दिया सड़क पर मौत का नारी को उपहार
फिर उसके शव पर रहे लोग चलाते कार
लोग चलाते कार, कहें इसको 'मनमानी'
या हो गया समाप्त सभी नयनों का पानी
दिव्यदृष्टि हे राम जमाना कहे फड़क कर
नारी को उपहार मौत का दिया सड़क पर
फिर उसके शव पर रहे लोग चलाते कार
लोग चलाते कार, कहें इसको 'मनमानी'
या हो गया समाप्त सभी नयनों का पानी
दिव्यदृष्टि हे राम जमाना कहे फड़क कर
नारी को उपहार मौत का दिया सड़क पर
शनिवार, 29 मई 2010
झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल
लेकर झंडा लाल जो करें धरा को लाल
झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल
मानवता का भाल चाल है निर्मम शातिर
निरपराध मर रहे रेल में विवश मुसाफिर
दिव्यदृष्टि अफसोसनाक उनका हथकंडा
करें धरा को लाल लाल जो लेकर झंडा
बनियागीरी छोड़ कर मनमोहन जी आप
नक्सलियों के मर्ज को समझें माई-बाप
समझें माई-बाप, योजना 'ठोस' बनायें
करके उचित विकास रोग से छुट्टी पायें
दिव्यदृष्टि इसलिए बजाएं प्रगति नफीरी
मनमोहन जी आप छोड़ कर बनियागीरी
झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल
मानवता का भाल चाल है निर्मम शातिर
निरपराध मर रहे रेल में विवश मुसाफिर
दिव्यदृष्टि अफसोसनाक उनका हथकंडा
करें धरा को लाल लाल जो लेकर झंडा
बनियागीरी छोड़ कर मनमोहन जी आप
नक्सलियों के मर्ज को समझें माई-बाप
समझें माई-बाप, योजना 'ठोस' बनायें
करके उचित विकास रोग से छुट्टी पायें
दिव्यदृष्टि इसलिए बजाएं प्रगति नफीरी
मनमोहन जी आप छोड़ कर बनियागीरी
गुरुवार, 27 मई 2010
कायम करो 'मिसाल' उतारें लोग आरती
तकलीफों का बूट से करके काम-तमाम
बेटे ने रोशन किया दलित पिता का नाम
दलित पिता का नाम लगन से करी पढ़ाई
लिए 'इरादा पक्का' वह चढ़ गया चढ़ाई
दिव्यदृष्टि की दुआ यही अभिषेक भारती
कायम करो 'मिसाल' उतारें लोग आरती
बेटे ने रोशन किया दलित पिता का नाम
दलित पिता का नाम लगन से करी पढ़ाई
लिए 'इरादा पक्का' वह चढ़ गया चढ़ाई
दिव्यदृष्टि की दुआ यही अभिषेक भारती
कायम करो 'मिसाल' उतारें लोग आरती
कालकोठरी में ताई अब मुझे न रहना
शीला मेरी मौत से करिये नहीं मजाक
पड़ा-पड़ा मैं जेल में होता रोज हलाक
होता रोज हलाक कष्ट पड़ता है सहना
कालकोठरी में ताई अब मुझे न रहना
दिव्यदृष्टि है नागवार यह शासन ढीला
करिये नहीं मजाक मौत से मेरी शीला
पड़ा-पड़ा मैं जेल में होता रोज हलाक
होता रोज हलाक कष्ट पड़ता है सहना
कालकोठरी में ताई अब मुझे न रहना
दिव्यदृष्टि है नागवार यह शासन ढीला
करिये नहीं मजाक मौत से मेरी शीला
खूब चली बेशर्म पर अदालती बंदूक
सजा बढ़ी राठौर की बंद हो गई हूक
खूब चली बेशर्म पर अदालती बंदूक
अदालती बंदूक चूक प्रत्यक्ष सुधारी
पूरी किया वसूल रही जो शेष उधारी
दिव्यदृष्टि जो काम करे नामर्दी वाला
बेइज्जत हो इसी तरह वह वर्दी वाला
खूब चली बेशर्म पर अदालती बंदूक
अदालती बंदूक चूक प्रत्यक्ष सुधारी
पूरी किया वसूल रही जो शेष उधारी
दिव्यदृष्टि जो काम करे नामर्दी वाला
बेइज्जत हो इसी तरह वह वर्दी वाला
मंगलवार, 25 मई 2010
किसी तरह बेगम उसको हासिल हो जाए
सजायाफ्ता कसब की यही आखिरी चाह
किसी तरह करवाइए उसका आप निकाह
उसका आप निकाह, तमन्ना दिली बताए
किसी तरह बेगम उसको हासिल हो जाए
दिव्यदृष्टि फिर बचाखुचा जो काम अधूरा
करे 'कसाई' का 'वारिस' वह फौरन पूरा
किसी तरह करवाइए उसका आप निकाह
उसका आप निकाह, तमन्ना दिली बताए
किसी तरह बेगम उसको हासिल हो जाए
दिव्यदृष्टि फिर बचाखुचा जो काम अधूरा
करे 'कसाई' का 'वारिस' वह फौरन पूरा
सोमवार, 24 मई 2010
चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
घटे साल के अन्त तक महंगाई की आयु
तब तक रामगरीब तू खा प्यारे जल वायु
खा प्यारे जल वायु छोड़ रोटी का टुकड़ा
बन संतोषी जीव सुना मत नाहक दुखड़ा
दिव्यदृष्टि मत मार रोज शासन को सोंटी
चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
तब तक रामगरीब तू खा प्यारे जल वायु
खा प्यारे जल वायु छोड़ रोटी का टुकड़ा
बन संतोषी जीव सुना मत नाहक दुखड़ा
दिव्यदृष्टि मत मार रोज शासन को सोंटी
चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
शुक्रवार, 21 मई 2010
मन्नू भाई जब तलक चला रहे सरकार
मन्नू भाई जब तलक चला रहे सरकार
नहीं थमेगी तब तलक महंगाई की मार
महंगाई की मार, प्राण पब्लिक के छूटें
प्रणव मुखर्जी किन्तु हाथ से दोनों लूटें
जमाखोर की दिव्यदृष्टि नित बढ़े कमाई
चला रहे सरकार जब तलक मन्नू भाई
नहीं थमेगी तब तलक महंगाई की मार
महंगाई की मार, प्राण पब्लिक के छूटें
प्रणव मुखर्जी किन्तु हाथ से दोनों लूटें
जमाखोर की दिव्यदृष्टि नित बढ़े कमाई
चला रहे सरकार जब तलक मन्नू भाई
गुरुवार, 20 मई 2010
लगा राम की मूर्ति बनें पॉलिटिकल पंडा
दूर इलेक्शन का अभी दीखे सूत-कपास
लेकिन लट्ठमलट्ठ की वरुण अदाएं खास
वरुण अदाएं खास, सियासी चादर बुनते
'राजनीति की रुई' नित्य नफरत से धुनते
दिव्यदृष्टि फिरते हैं 'भगवा' ओढ़ दुशाला
लिए 'राम को गोद' चढ़ें सिंहासन लाला
राम-लला की कृपा से हों यदि सत्तासीन
'माया ठगिनी' के सभी बेर तुरत लें छीन
बेर तुरत लें छीन 'गुठलियां' सभी हटाएं
यूपी में 'बुतबाजों' को नित धूल चटाएं
दिव्यदृष्टि संजयसुत का अब यही अजंडा
लगा राम की मूर्ति बनें पॉलिटिकल पंडा
लेकिन लट्ठमलट्ठ की वरुण अदाएं खास
वरुण अदाएं खास, सियासी चादर बुनते
'राजनीति की रुई' नित्य नफरत से धुनते
दिव्यदृष्टि फिरते हैं 'भगवा' ओढ़ दुशाला
लिए 'राम को गोद' चढ़ें सिंहासन लाला
राम-लला की कृपा से हों यदि सत्तासीन
'माया ठगिनी' के सभी बेर तुरत लें छीन
बेर तुरत लें छीन 'गुठलियां' सभी हटाएं
यूपी में 'बुतबाजों' को नित धूल चटाएं
दिव्यदृष्टि संजयसुत का अब यही अजंडा
लगा राम की मूर्ति बनें पॉलिटिकल पंडा
बुधवार, 19 मई 2010
फांसी की फाइल रहीं शीला बैठी दाब
फांसी की फाइल रहीं शीला बैठी दाब
चार बरस जूं कान पर रेंगी नहीं जनाब
रेंगी नहीं जनाब, चिदम्बर ने दी दस्तक
तब ठनका मजबूरी में अंटी का मस्तक
दिव्यदृष्टि क्या खूब राजनीतिक स्टाइल
शीला बैठी रहीं दाब फांसी की फाइल
चार बरस जूं कान पर रेंगी नहीं जनाब
रेंगी नहीं जनाब, चिदम्बर ने दी दस्तक
तब ठनका मजबूरी में अंटी का मस्तक
दिव्यदृष्टि क्या खूब राजनीतिक स्टाइल
शीला बैठी रहीं दाब फांसी की फाइल
सोमवार, 17 मई 2010
भगदड़ में जाये भले मुसाफिरों की जान
भगदड़ में जाये भले मुसाफिरों की जान
ममता जी देतीं नहीं फिर भी कोई ध्यान
फिर भी कोई ध्यान न कतई नेह जतातीं
'पैसेंजर-की-ही-गलती' वे स्वयं बतातीं
दिव्यदृष्टि हर हाल उन्हें 'तृणमूल' सुहाये
मुसाफिरों की जान भले भगदड़ में जाये
ममता जी देतीं नहीं फिर भी कोई ध्यान
फिर भी कोई ध्यान न कतई नेह जतातीं
'पैसेंजर-की-ही-गलती' वे स्वयं बतातीं
दिव्यदृष्टि हर हाल उन्हें 'तृणमूल' सुहाये
मुसाफिरों की जान भले भगदड़ में जाये
केश कटाकर मंदिरा किया न चंगा काम
केश कटाकर मंदिरा किया न चंगा काम
फिर चिपकाया पीठ पर टैटू रब का नाम
टैटू रब का नाम बहुत ही हरकत 'ओछी'
कहते ज्ञानी लोग हिमाकत समझी-सोची
दिव्यदृष्टि सीने पर लिख तू इक ओंकारा
तभी 'पंथ' से मिट पाये नफरत का नारा
फिर चिपकाया पीठ पर टैटू रब का नाम
टैटू रब का नाम बहुत ही हरकत 'ओछी'
कहते ज्ञानी लोग हिमाकत समझी-सोची
दिव्यदृष्टि सीने पर लिख तू इक ओंकारा
तभी 'पंथ' से मिट पाये नफरत का नारा
शुक्रवार, 14 मई 2010
ज्यादा भोजन से सदा होता है अतिसार
ज्यादा भोजन से सदा होता है अतिसार
टीम इंडिया इसलिए फौरन करे विचार
फौरन करे विचार जीभ काबू में रक्खे
मुर्गा मछली छोड़ दाल-रोटी ही भक्खे
दिव्यदृष्टि प्लेयर 'सेहत' के बनें न बैरी
वरना 'मोटू' बता करें चुगली गुरु गैरी
टीम इंडिया इसलिए फौरन करे विचार
फौरन करे विचार जीभ काबू में रक्खे
मुर्गा मछली छोड़ दाल-रोटी ही भक्खे
दिव्यदृष्टि प्लेयर 'सेहत' के बनें न बैरी
वरना 'मोटू' बता करें चुगली गुरु गैरी
गुरुवार, 13 मई 2010
चूहे को यदि गडकरी बतलायेंगे स्वान
चूहे को यदि गडकरी बतलायेंगे स्वान
मुहावरा साहित्य का हो इससे अपमान
हो इससे अपमान इसलिए पहले सीखें
बेशक उसके बाद सभा-रैली में चीखें
दिव्यृ़ष्टि ज्ञानी बन बोलें मोहक बोली
वरना होगी रुष्ट सियासी ग्वाला-टोली
मुहावरा साहित्य का हो इससे अपमान
हो इससे अपमान इसलिए पहले सीखें
बेशक उसके बाद सभा-रैली में चीखें
दिव्यृ़ष्टि ज्ञानी बन बोलें मोहक बोली
वरना होगी रुष्ट सियासी ग्वाला-टोली
बुधवार, 12 मई 2010
किंतु कागजी शेर ढेर हो ताकें अंबर
आईसीसी र्वल्ड कप लगे हमारे हाथ
गए वेस्ट इंडीज वे इस दावे के साथ
इस दावे के साथ, रवाना हुए धुरंधर
किंतु कागजी शेर ढेर हो ताकें अंबर
दिव्यदृष्टि जब थके हुए थे इतने भाई
तो जाकर परदेस करी काहे रुसवाई
गए वेस्ट इंडीज वे इस दावे के साथ
इस दावे के साथ, रवाना हुए धुरंधर
किंतु कागजी शेर ढेर हो ताकें अंबर
दिव्यदृष्टि जब थके हुए थे इतने भाई
तो जाकर परदेस करी काहे रुसवाई
मंगलवार, 11 मई 2010
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
चलती रही रमेश की यूं ही अगर जबान
दुनिया भर में देश की रोज घटेगी शान
रोज घटेगी शान, इसलिए जब मुंह खोलें
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
दिव्यदृष्टि वरना मनमोहन कर लें कुट्टी
बिगड़े पर्यावरण केबिनेट से हो छुट्टी
दुनिया भर में देश की रोज घटेगी शान
रोज घटेगी शान, इसलिए जब मुंह खोलें
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
दिव्यदृष्टि वरना मनमोहन कर लें कुट्टी
बिगड़े पर्यावरण केबिनेट से हो छुट्टी
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
चलती रही रमेश की यूं ही अगर जबान
दुनिया भर में देश की रोज घटेगी शान
रोज घटेगी शान, इसलिए जब मुंह खोलें
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
दिव्यदृष्टि वरना मनमोहन कर लें कुट्टी
बिगड़े पर्यावरण केबिनेट से हो छुट्टी
दुनिया भर में देश की रोज घटेगी शान
रोज घटेगी शान, इसलिए जब मुंह खोलें
सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
दिव्यदृष्टि वरना मनमोहन कर लें कुट्टी
बिगड़े पर्यावरण केबिनेट से हो छुट्टी
शुक्रवार, 7 मई 2010
जोड़-तोड़ से सब 'सरकारी माल' पचाओ
उचित व्यवस्था कीजिए दोनों अनिल-मुकेश
'के जी बी' से मिल गया उन्हें 'सुपर' संदेश
उन्हें 'सुपर' संदेश, व्यर्थ मत 'रार' मचाओ
जोड़-तोड़ से सब 'सरकारी माल' पचाओ
दिव्यदृष्टि उत्पन्न न हो फिर 'मल्ल' अवस्था
दोनों अनिल-मुकेश कीजिए उचित व्यवस्था
'के जी बी' से मिल गया उन्हें 'सुपर' संदेश
उन्हें 'सुपर' संदेश, व्यर्थ मत 'रार' मचाओ
जोड़-तोड़ से सब 'सरकारी माल' पचाओ
दिव्यदृष्टि उत्पन्न न हो फिर 'मल्ल' अवस्था
दोनों अनिल-मुकेश कीजिए उचित व्यवस्था
सुन कर फांसी की सजा गया कसाई कांप
सुन कर फांसी की सजा गया कसाई कांप
फंसा न्याय के जाल में दुष्ट 'लश्करी' सांप
दुष्ट 'लश्करी' सांप, बैठ कर बिल में सोचे
देख 'मृत्यु' सन्निकट विषैली केंचुल नोचे
दिव्यदृष्टि दर्जनों डस गया जालिम चुन कर
गया कसाई कांप सजा फांसी की सुन कर
फंसा न्याय के जाल में दुष्ट 'लश्करी' सांप
दुष्ट 'लश्करी' सांप, बैठ कर बिल में सोचे
देख 'मृत्यु' सन्निकट विषैली केंचुल नोचे
दिव्यदृष्टि दर्जनों डस गया जालिम चुन कर
गया कसाई कांप सजा फांसी की सुन कर
गुरुवार, 6 मई 2010
ट्रेनिंग सेंटर टेरर का बना हुआ है पाक
ट्रेनिंग सेंटर टेरर का बना हुआ है पाक
उसके अड्डे को मगर करे न कोई खाक
करे न कोई खाक नाक चाहे कट जाए
किंतु न कोई उसके ऊपर ' हाथ ' उठाए
दिव्यदृष्टि नित शह देता डालरिया मेंटर
बना हुआ है पाक टेरर का ट्रेनिंग सेंटर
उसके अड्डे को मगर करे न कोई खाक
करे न कोई खाक नाक चाहे कट जाए
किंतु न कोई उसके ऊपर ' हाथ ' उठाए
दिव्यदृष्टि नित शह देता डालरिया मेंटर
बना हुआ है पाक टेरर का ट्रेनिंग सेंटर
मंगलवार, 4 मई 2010
दुखी मुसाफिर फिर रहे बेचारे-बेचैन
दो दिन से हड़ताल पर बैठे मोटरमैन
दुखी मुसाफिर फिर रहे बेचारे-बेचैन
बेचारे-बेचैन, किस तरह दफ्तर जायें
कोई सरल उपाय नहीं चव्हाण बतायें
दिव्यदृष्टि पीटते 'मराठी-मानुष' छाती
किंतु न कोई हमदर्दी ममता जतलातीं
दुखी मुसाफिर फिर रहे बेचारे-बेचैन
बेचारे-बेचैन, किस तरह दफ्तर जायें
कोई सरल उपाय नहीं चव्हाण बतायें
दिव्यदृष्टि पीटते 'मराठी-मानुष' छाती
किंतु न कोई हमदर्दी ममता जतलातीं
सोमवार, 19 अप्रैल 2010
महबूबा पर कर दिया मंत्री-पद कुरबान
हुए शान से मुस्तफी रखा इश्क का मान
महबूबा पर कर दिया मंत्री-पद कुरबान
मंत्री-पद कुरबान, मार कुसीर् को ठोकर
फेथ जताये पुष्कर में खुद रुसवा होकर
दिव्यदृष्टि 'यारी' प्यारी उनको जहान से
रखा इश्क का मान मुस्तफी हुए शान से
महबूबा पर कर दिया मंत्री-पद कुरबान
मंत्री-पद कुरबान, मार कुसीर् को ठोकर
फेथ जताये पुष्कर में खुद रुसवा होकर
दिव्यदृष्टि 'यारी' प्यारी उनको जहान से
रखा इश्क का मान मुस्तफी हुए शान से
शनिवार, 17 अप्रैल 2010
व्यापारी होता नहीं कभी किसी का मित्र
व्यापारी होता नहीं कभी किसी का मित्र
सिर्फ लाभ का ही उसे रुचे हमेशा चित्र
रुचे हमेशा चित्र जहाँ भी देखे घाटा
अपनेपन को त्याग दूर से बोले ' टा - टा '
दिव्यदृष्टि अनुभव - प्रसूत है ' राय ' हमारी
कभी किसी का मित्र नहीं होता व्यापारी
प्रतिदिन बैरी पाक की दुष्ट ठोकता पीठ
अमरीका - सा है नहीं कोई ' ताज़र ' ढीठ
कोई ' ताज़र ' ढीठ , हिन्द से प्यार जताये
लेकिन ' घाटी ' में जालिम गोले दगवाये
दिव्यदृष्टि बारूद बेचता डालर गिनगिन
दुष्ट ठोकता पीठ पाक बैरी की प्रतिदिन
सिर्फ लाभ का ही उसे रुचे हमेशा चित्र
रुचे हमेशा चित्र जहाँ भी देखे घाटा
अपनेपन को त्याग दूर से बोले ' टा - टा '
दिव्यदृष्टि अनुभव - प्रसूत है ' राय ' हमारी
कभी किसी का मित्र नहीं होता व्यापारी
प्रतिदिन बैरी पाक की दुष्ट ठोकता पीठ
अमरीका - सा है नहीं कोई ' ताज़र ' ढीठ
कोई ' ताज़र ' ढीठ , हिन्द से प्यार जताये
लेकिन ' घाटी ' में जालिम गोले दगवाये
दिव्यदृष्टि बारूद बेचता डालर गिनगिन
दुष्ट ठोकता पीठ पाक बैरी की प्रतिदिन
बुधवार, 7 अप्रैल 2010
सिद्दीकी की शर्त को आखिर किए कबूल
गए बैक फुट पर मलिक मानी अपनी भूल
सिद्दीकी की शर्त को आखिर किए कबूल
आखिर किए कबूल लोग काफी समझाए
तब वे कहीं तलाक आयशा को भिजवाए
दिव्यदृष्टि सानिया किन्तु फिरतीं खिसियाई
'बीवी नम्बर टू' को मिलती गजब बधाई।
सिद्दीकी की शर्त को आखिर किए कबूल
आखिर किए कबूल लोग काफी समझाए
तब वे कहीं तलाक आयशा को भिजवाए
दिव्यदृष्टि सानिया किन्तु फिरतीं खिसियाई
'बीवी नम्बर टू' को मिलती गजब बधाई।
मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
फिर भी पायें डबल तरक्की बल्ले-बल्ले
बने विधायक मगन हो भर मन में उत्साह
लेकिन अब होने लगा उनको कष्ट अथाह
उनको कष्ट अथाह चाह 'सेवा' की भागी
जन-सेवक जी बने महज 'मेवा' अनुरागी
दिव्यदृष्टि पब्लिक की काटें जेब निठल्ले
फिर भी पायें डबल तरक्की बल्ले-बल्ले
लेकिन अब होने लगा उनको कष्ट अथाह
उनको कष्ट अथाह चाह 'सेवा' की भागी
जन-सेवक जी बने महज 'मेवा' अनुरागी
दिव्यदृष्टि पब्लिक की काटें जेब निठल्ले
फिर भी पायें डबल तरक्की बल्ले-बल्ले
सोमवार, 29 मार्च 2010
करें केंद्र से वार्ता छोड़ 'घमंडी' चीख
हिन्दुस्तानी नक्सली लें प्रचंड से सीख
करें केंद्र से वार्ता छोड़ 'घमंडी' चीख
छोड़ 'घमंडी' चीख प्रेम से आगे आएं
'शास्त्रार्थ' से सभी समस्याएं सुलझाएं
दिव्यदृष्टि सत्ता को कर दें पानी-पानी
लें प्रचंड से सीख नक्सली हिन्दुस्तानी
करें केंद्र से वार्ता छोड़ 'घमंडी' चीख
छोड़ 'घमंडी' चीख प्रेम से आगे आएं
'शास्त्रार्थ' से सभी समस्याएं सुलझाएं
दिव्यदृष्टि सत्ता को कर दें पानी-पानी
लें प्रचंड से सीख नक्सली हिन्दुस्तानी
शनिवार, 27 मार्च 2010
जबसे जनप्रतिनिधि बने दुष्ट, उठाईगीर
जबसे जनप्रतिनिधि बने दुष्ट, उठाईगीर
तबसे बढ़ती जा रही जनमानस की पीर
जनमानस की पीर नीर नयनों में भरकर
सहें नित्य संताप विवश हो रहते डरकर
दिव्यदृष्टि दल यहां न कोई रहा अछूता
जो न उठाये गुण्डों, मक्कारों का जूता
तबसे बढ़ती जा रही जनमानस की पीर
जनमानस की पीर नीर नयनों में भरकर
सहें नित्य संताप विवश हो रहते डरकर
दिव्यदृष्टि दल यहां न कोई रहा अछूता
जो न उठाये गुण्डों, मक्कारों का जूता
शुक्रवार, 26 मार्च 2010
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिल्ली वाले आजकल दीख रहे बेजार
होता उनके हृदय पर भारी 'शिला' प्रहार
भारी 'शिला' प्रहार, न जाने 'पीर' पराई
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिव्यदृष्टि रोजी-रोटी के पड़ते 'लाले'
दीख रहे बेजार आजकल दिल्ली वाले
होता उनके हृदय पर भारी 'शिला' प्रहार
भारी 'शिला' प्रहार, न जाने 'पीर' पराई
चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
दिव्यदृष्टि रोजी-रोटी के पड़ते 'लाले'
दीख रहे बेजार आजकल दिल्ली वाले
कांग्रेस की आंख का तारा थे अमिताभ
कांग्रेस की आंख का तारा थे अमिताभ
मगर मोतियाबिंद अब लगते उसे जनाब
लगते उसे जनाब साइकिल पर जो घूमे
काहे को चव्हाण हाथ उसका तुम चूमे
दिव्यदृष्टि यदि रूठ गईं सोनिया भवानी
'बत्ती, बंगला छिने याद आ जाये नानी
मगर मोतियाबिंद अब लगते उसे जनाब
लगते उसे जनाब साइकिल पर जो घूमे
काहे को चव्हाण हाथ उसका तुम चूमे
दिव्यदृष्टि यदि रूठ गईं सोनिया भवानी
'बत्ती, बंगला छिने याद आ जाये नानी
सोमवार, 22 मार्च 2010
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
सत्ता की सस्ती सनक सिर पर हुई सवार
पद-मद-में मदहोश हो मटक रहे सत्तार
मटक रहे सत्तार, 'लाल बत्ती' जब पाये
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
दिव्यदृष्टि मंत्री पद लाया अभिनव मस्ती
सिर पर हुई सवार सनक सत्ता की सस्ती।
पद-मद-में मदहोश हो मटक रहे सत्तार
मटक रहे सत्तार, 'लाल बत्ती' जब पाये
भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
दिव्यदृष्टि मंत्री पद लाया अभिनव मस्ती
सिर पर हुई सवार सनक सत्ता की सस्ती।
बुधवार, 17 मार्च 2010
मुद्रा की माला पहन माया परम प्रसन्न
मुद्रा की माला पहन माया परम प्रसन्न
रजत जयंती पर मिले नोट टनाटन टन्न
नोट टनाटन टन्न, विरोधी पीटें मस्तक
सुनतीं 'माला'वती खूब संसद में दस्तक
राजकोष का दिव्यदृष्टि निकले दीवाला
माया परम प्रसन्न पहन मुद्रा की माला
रजत जयंती पर मिले नोट टनाटन टन्न
नोट टनाटन टन्न, विरोधी पीटें मस्तक
सुनतीं 'माला'वती खूब संसद में दस्तक
राजकोष का दिव्यदृष्टि निकले दीवाला
माया परम प्रसन्न पहन मुद्रा की माला
सोमवार, 15 मार्च 2010
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
माया ने जम कर रचा यूपी में इतिहास
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
हाथी सारी घास सियासी चोकर खाए
खूब लखनऊवासी 'नीला' गोबर पाए
दिव्यदृष्टि दुर्दशा तिजोरी देखे थम कर
यूपी में इतिहास रचा माया ने जम कर
राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
हाथी सारी घास सियासी चोकर खाए
खूब लखनऊवासी 'नीला' गोबर पाए
दिव्यदृष्टि दुर्दशा तिजोरी देखे थम कर
यूपी में इतिहास रचा माया ने जम कर
शनिवार, 13 मार्च 2010
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
बना मिसाइल जगत में खूब कमाया नाम
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
लगते नहीं कलाम, करें जो 'सैर-सपाटा'
'राजकोष' नित लुटे बढ़ रहा उससे घाटा
दिव्यदृष्टि इसलिए भ्रमण अब छोड़ हवाई
घर में ही लेक्चर दें जम कर अब्दुल भाई
मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
लगते नहीं कलाम, करें जो 'सैर-सपाटा'
'राजकोष' नित लुटे बढ़ रहा उससे घाटा
दिव्यदृष्टि इसलिए भ्रमण अब छोड़ हवाई
घर में ही लेक्चर दें जम कर अब्दुल भाई
दंगों का गुजरात के करिये पहले जिक्र
दंगों का गुजरात के करिये पहले जिक्र
परधानी की बाद में करें गडकरी फिक्र
करें गडकरी फिक्र, संवारें बेशक गोदी
भारत में मकबूल नहीं हैं लेकिन मोदी
दिव्यदृष्टि भगवा दल देखे दामन अपना
तोड़े उसके बाद आडवाणी का सपना
परधानी की बाद में करें गडकरी फिक्र
करें गडकरी फिक्र, संवारें बेशक गोदी
भारत में मकबूल नहीं हैं लेकिन मोदी
दिव्यदृष्टि भगवा दल देखे दामन अपना
तोड़े उसके बाद आडवाणी का सपना
शुक्रवार, 12 मार्च 2010
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
गरजें जिनके वास्ते मित्र मुलायम रोज
है उनको मूमानियत कहें उलेमा खोज
कहें उलेमा खोज मानिये चाहे फतवा
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
दिव्यदृष्टि मुस्लिम औरत की परदेदारी
कर दे उनसे दूर सियासत की बीमारी
है उनको मूमानियत कहें उलेमा खोज
कहें उलेमा खोज मानिये चाहे फतवा
खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
दिव्यदृष्टि मुस्लिम औरत की परदेदारी
कर दे उनसे दूर सियासत की बीमारी
बुधवार, 10 मार्च 2010
पाकिस्तानी क्रिकेट के प्लेयर बेईमान
पाकिस्तानी क्रिकेट के प्लेयर बेईमान
पीसीबी ने इसलिए खींचे सबकेकान
खींचे सबके कान, हटाये 'बागी' सारे
यूसुफ-यूनिस फिरें उमर भर मारे-मारे
दिव्यदृष्टि शाहिद अकमल देंगे जुर्माना
बैठ बरसभर मक्खी मारें शोएब-राना
पीसीबी ने इसलिए खींचे सबकेकान
खींचे सबके कान, हटाये 'बागी' सारे
यूसुफ-यूनिस फिरें उमर भर मारे-मारे
दिव्यदृष्टि शाहिद अकमल देंगे जुर्माना
बैठ बरसभर मक्खी मारें शोएब-राना
मंगलवार, 9 मार्च 2010
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
पशोपेश में हैं कई पॉलिटिकल मर्चेंट
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
थर्टी थ्री पर्सेंट, 'डेंट' इसलिए लगाएं
करें डिस्कशन पहले पीछे पास कराएं
'दिव्यदृष्टि' घबराहट बैठी भारी दिल में
अत: दीखते छेद हजारों नारी बिल में
स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
थर्टी थ्री पर्सेंट, 'डेंट' इसलिए लगाएं
करें डिस्कशन पहले पीछे पास कराएं
'दिव्यदृष्टि' घबराहट बैठी भारी दिल में
अत: दीखते छेद हजारों नारी बिल में
सोमवार, 8 मार्च 2010
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
नारी बिल आया नहीं उन्हें जरा भी रास
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
यादव ब्रदर उदास, साइकिल वाले रूठे
लालटेन वालों के लटके अजब-अनूठे
दिव्यदृष्टि चक्कर वालों की न्यारी माया
उन्हें जरा भी रास नहीं नारी बिल आया।
आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
यादव ब्रदर उदास, साइकिल वाले रूठे
लालटेन वालों के लटके अजब-अनूठे
दिव्यदृष्टि चक्कर वालों की न्यारी माया
उन्हें जरा भी रास नहीं नारी बिल आया।
शनिवार, 6 मार्च 2010
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
भगदड़ में जो मर गए औरत-बूढ़े-बाल
शेष खजाने में नहीं उनकी खातिर माल
उनकी खातिर माल यही मैडम बतलाएं
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
दिव्यदृष्टि जो कुछ था उसे पचाये हाथी
कंगाली में बनें किस तरह माया साथी
शेष खजाने में नहीं उनकी खातिर माल
उनकी खातिर माल यही मैडम बतलाएं
मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
दिव्यदृष्टि जो कुछ था उसे पचाये हाथी
कंगाली में बनें किस तरह माया साथी
शुक्रवार, 5 मार्च 2010
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
अब तक मंदी से रहा भारी जिनका चित्त
दो हजार दस में पढ़ें वे सब लोग कवित्त
वे सब लोग कवित्त वित्त लाए खुशहाली
जम कर बढ़े पगार नित्यप्रति हो दीवाली
दिव्यदृष्टि रोशन हो घर का कोना-कोना
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
दो हजार दस में पढ़ें वे सब लोग कवित्त
वे सब लोग कवित्त वित्त लाए खुशहाली
जम कर बढ़े पगार नित्यप्रति हो दीवाली
दिव्यदृष्टि रोशन हो घर का कोना-कोना
नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
निर्धन हिन्दुस्तान में नहीं चलाते कार
तेल मूल्यों पर अत: करें नहीं तकरार
करें नहीं तकरार सोनिया साफ बताएं
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
दिव्यदृष्टि इसलिए ओढ़ प्यारे कंगाली
तभी खजाना भर पाये भूखा-बंगाली
तेल मूल्यों पर अत: करें नहीं तकरार
करें नहीं तकरार सोनिया साफ बताएं
आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
दिव्यदृष्टि इसलिए ओढ़ प्यारे कंगाली
तभी खजाना भर पाये भूखा-बंगाली
मंगलवार, 2 मार्च 2010
बोलीं आशा भोंसले सुनो लाडले राज
बोलीं आशा भोंसले सुनो लाडले राज
गैर-मराठों से न हो तुम हरगिज नाराज
तुम हरगिज नाराज उन्हें है मदद जरूरी
महाराष्ट्र आकर करते जो नित्य मजूरी
दिव्यदृष्टि हमदर्दी का सामान जुटाओ
करके नवनिर्माण निरंतर प्रेम लुटाओ
गैर-मराठों से न हो तुम हरगिज नाराज
तुम हरगिज नाराज उन्हें है मदद जरूरी
महाराष्ट्र आकर करते जो नित्य मजूरी
दिव्यदृष्टि हमदर्दी का सामान जुटाओ
करके नवनिर्माण निरंतर प्रेम लुटाओ
बुधवार, 24 फ़रवरी 2010
डबल सैकड़ा ठोक दिखाई है दमदारी
दफ्रीकी बोलर नहीं पाए उसको रोक
नन्हे मुन्ने ने दिया डबल सैकड़ा ठोक
डबल सैकड़ा ठोक दिखाई है दमदारी
याद करेगी दुनिया उसकी मोहक पारी
दिव्यदृष्टि है अतः जगत में उसका हौवा
बोतल से भी खतरनाक मुम्बइया पौवा
नन्हे मुन्ने ने दिया डबल सैकड़ा ठोक
डबल सैकड़ा ठोक दिखाई है दमदारी
याद करेगी दुनिया उसकी मोहक पारी
दिव्यदृष्टि है अतः जगत में उसका हौवा
बोतल से भी खतरनाक मुम्बइया पौवा
आम आदमी से रखे सरोकार सरकार
रेल बजट प्रस्ताव में दीखा पहली बार
आम आदमी से रखे सरोकार सरकार
सरोकार सरकार, सुरक्षित सेवा समता
सभी मुसाफिर पायें यही बताएं ममता
दिव्यदृष्टि रियली दीदी की माया न्यारी
हर्षाये तृणमूल चतुदिर्क क्यारी-क्यारी
आम आदमी से रखे सरोकार सरकार
सरोकार सरकार, सुरक्षित सेवा समता
सभी मुसाफिर पायें यही बताएं ममता
दिव्यदृष्टि रियली दीदी की माया न्यारी
हर्षाये तृणमूल चतुदिर्क क्यारी-क्यारी
सोमवार, 22 फ़रवरी 2010
अब यूपी में कौन हाथ थामेगा उसका
दलितन की बेटी जली माया दीदी मौन
न्याय दिलायेगा उसे अब यूपी में कौन
अब यूपी में कौन हाथ थामेगा उसका
बेरौनक तेजाब कर गई चेहरा जिसका
दिव्यदृष्टि कानून महज बन गया सलेटी
माया दीदी मौन जली दलितन की बेटी
न्याय दिलायेगा उसे अब यूपी में कौन
अब यूपी में कौन हाथ थामेगा उसका
बेरौनक तेजाब कर गई चेहरा जिसका
दिव्यदृष्टि कानून महज बन गया सलेटी
माया दीदी मौन जली दलितन की बेटी
गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010
टीम इंडिया 'टेस्ट' में अब भी नंबर एक
सरदारी कायम रही मिला जीत का केक
टीम इंडिया 'टेस्ट' में अब भी नंबर एक
अब भी नंबर एक, हरभजन रंग जमाये
मिस्टर धोनी तभी जीत का जश्न मनाये
दिव्यदृष्टि झोंकी लड़कों ने ताकत सारी
मिला जीत का केक रही कायम सरदारी
टीम इंडिया 'टेस्ट' में अब भी नंबर एक
अब भी नंबर एक, हरभजन रंग जमाये
मिस्टर धोनी तभी जीत का जश्न मनाये
दिव्यदृष्टि झोंकी लड़कों ने ताकत सारी
मिला जीत का केक रही कायम सरदारी
मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010
वेतन हाथी छाप खूब जेबों में खनका
नेताओं पर जब पड़ी महंगाई की मार
हमदर्दी का कर दिया माया ने इजहार
माया ने इजहार फिरा सरकारी मनका
वेतन हाथी छाप खूब जेबों में खनका
दिव्यदृष्टि गर लेने 'भत्तों' के चटखारे
यूपी में एमएलए बन जा फौरन प्यारे
हमदर्दी का कर दिया माया ने इजहार
माया ने इजहार फिरा सरकारी मनका
वेतन हाथी छाप खूब जेबों में खनका
दिव्यदृष्टि गर लेने 'भत्तों' के चटखारे
यूपी में एमएलए बन जा फौरन प्यारे
सोमवार, 8 फ़रवरी 2010
चौथेपन में लग गया दुराचरण का दाग
चौथेपन में लग गया दुराचरण का दाग
एनडी बाबा से छिना राजभवन का भाग
राजभवन का भाग, भरे नयनों में पानी
क्षुब्ध तिवारी लिखने बैठे आत्म कहानी
दिव्यदृष्टि अब विचरें वे निर्जन कानन में
दुराचरण का दाग लग गया चौथेपन में
एनडी बाबा से छिना राजभवन का भाग
राजभवन का भाग, भरे नयनों में पानी
क्षुब्ध तिवारी लिखने बैठे आत्म कहानी
दिव्यदृष्टि अब विचरें वे निर्जन कानन में
दुराचरण का दाग लग गया चौथेपन में
फुस्स मुंबई में हुआ 'ठाकरिया' फरमान
खीस निपोरे रह गए सुस्त सियासी स्वान
फुस्स मुंबई में हुआ 'ठाकरिया' फरमान
'ठाकरिया' फरमान, बहाएं उद्धव आंसू
राहुल दौरा किए रेल में 'लोकल' धांसू
दिव्यदृष्टि शासन ने जब दिखलाये कोड़े
सुस्त सियासी स्वान रह गए खीस निपोरे
फुस्स मुंबई में हुआ 'ठाकरिया' फरमान
'ठाकरिया' फरमान, बहाएं उद्धव आंसू
राहुल दौरा किए रेल में 'लोकल' धांसू
दिव्यदृष्टि शासन ने जब दिखलाये कोड़े
सुस्त सियासी स्वान रह गए खीस निपोरे
बुधवार, 3 फ़रवरी 2010
चचा-भतीजा इस चिंता में फेंकें गोटी
घास नहीं डालें जिसे महाराष्ट्र के लोग
ठेकेदारी का लगा उस 'सेना' को रोग
उस 'सेना' को रोग ठाकरे बनते लीडर
रहता लेकिन दूर सदा सत्ता का फीडर
दिव्यदृष्टि सेकें कैसे पॉलिटिकल रोटी
चचा-भतीजा इस चिंता में फेंकें गोटी
ठेकेदारी का लगा उस 'सेना' को रोग
उस 'सेना' को रोग ठाकरे बनते लीडर
रहता लेकिन दूर सदा सत्ता का फीडर
दिव्यदृष्टि सेकें कैसे पॉलिटिकल रोटी
चचा-भतीजा इस चिंता में फेंकें गोटी
सोमवार, 1 फ़रवरी 2010
नन्हा सूबा झेलता चीफ मिनिस्टर चार
मेघों के घर में बही अद्भुत मित्र बयार
नन्हा सूबा झेलता चीफ मिनिस्टर चार
चीफ मिनिस्टर चार करें सत्ता से यारी
लगे कुर्सिया रोग सभी को बारी-बारी
दिव्यदृष्टि बीमार कई अब भी अंबर में
अद्भुत मित्र बयार बही मेघों के घर में
नन्हा सूबा झेलता चीफ मिनिस्टर चार
चीफ मिनिस्टर चार करें सत्ता से यारी
लगे कुर्सिया रोग सभी को बारी-बारी
दिव्यदृष्टि बीमार कई अब भी अंबर में
अद्भुत मित्र बयार बही मेघों के घर में
शुक्रवार, 29 जनवरी 2010
मुफ्त मशवरा लीजिए अंबानी अनमोल
मुफ्त मशवरा लीजिए अंबानी अनमोल
नहीं बेवजह पीटिए आप सियासी ढोल
आप सियासी ढोल, ठाकरे बाला बोलें
'धंधा' करें मुकेश जहर कतई ना घोलें
दिव्यदृष्टि के लहजे को मत मानें टाइट
पॉलिटिक्स पर नेताओं का कॉपीराइट
नहीं बेवजह पीटिए आप सियासी ढोल
आप सियासी ढोल, ठाकरे बाला बोलें
'धंधा' करें मुकेश जहर कतई ना घोलें
दिव्यदृष्टि के लहजे को मत मानें टाइट
पॉलिटिक्स पर नेताओं का कॉपीराइट
गुरुवार, 28 जनवरी 2010
भाई शरद पवार कारगर खोजो रस्ता
महंगाई से कर रही जनता हाहाकार
उसका दर्द मिटाइए भाई शरद पवार
भाई शरद पवार कारगर खोजो रस्ता
राजनीति में वरना बंध जाएगा बस्ता
दिव्यदृष्टि इसलिए सीख है यही हमारी
ब्लेम गेम की जगह कीजिए छापेमारी
उसका दर्द मिटाइए भाई शरद पवार
भाई शरद पवार कारगर खोजो रस्ता
राजनीति में वरना बंध जाएगा बस्ता
दिव्यदृष्टि इसलिए सीख है यही हमारी
ब्लेम गेम की जगह कीजिए छापेमारी
खेलकूद की उम्र में नहीं करूंगी ब्याह
खेलकूद की उम्र में नहीं करूंगी ब्याह
साफ सानिया ने कही यही हमारी चाह
यही हमारी चाह मंगेतर बनो न रोड़ा
करो पढ़ाई मिर्जा बनिए काबिल थोड़ा
दिव्यदृष्टि की हो गर जल्दी भाई
बड़े शौक से कहीं कीजिए और सगाई
साफ सानिया ने कही यही हमारी चाह
यही हमारी चाह मंगेतर बनो न रोड़ा
करो पढ़ाई मिर्जा बनिए काबिल थोड़ा
दिव्यदृष्टि की हो गर जल्दी भाई
बड़े शौक से कहीं कीजिए और सगाई
शुक्रवार, 22 जनवरी 2010
मैडम ने बजवा दिया उसी भक्त का बैंड
माया को जो मून पर गिफ्ट किए था लैंड
मैडम ने बजवा दिया उसी भक्त का बैंड
उसी भक्त का बैंड , खूब देवी खिसिकाई
दल से बाहर किया तुरत औकात दिखाई
दिव्यदृष्टि मत भेज ' बर्थ डे ' पर तू टुकड़ा
वरना मिले मलाल मलिन हो तेरा मुखड़ा
मैडम ने बजवा दिया उसी भक्त का बैंड
उसी भक्त का बैंड , खूब देवी खिसिकाई
दल से बाहर किया तुरत औकात दिखाई
दिव्यदृष्टि मत भेज ' बर्थ डे ' पर तू टुकड़ा
वरना मिले मलाल मलिन हो तेरा मुखड़ा
गुरुवार, 21 जनवरी 2010
मगर रहें 'महफूज' मित्र माया के हाथी
क्या जाने कब बन्द हो राजनीति में जिक्र
अत: मूर्तियों की लगी मायाजी को फिक्र
मायाजी को फिक्र 'सुरक्षित' रहें टनाटन
इसीलिए कर रहीं खड़ी वह नूतन पल्टन
दिव्यदृष्टि का नहीं भले ही कोई साथी
मगर रहें 'महफूज' मित्र माया के हाथी
अत: मूर्तियों की लगी मायाजी को फिक्र
मायाजी को फिक्र 'सुरक्षित' रहें टनाटन
इसीलिए कर रहीं खड़ी वह नूतन पल्टन
दिव्यदृष्टि का नहीं भले ही कोई साथी
मगर रहें 'महफूज' मित्र माया के हाथी
रोज कटाये जेब बढ़े नित उसका घाटा
जब भी हैं मुंह खोलते मंत्री शरद पवार
व्यापारी की आय में आता तब ही ज्वार
आता तब ही ज्वार, आदमी खाए भाटा
रोज कटाये जेब बढ़े नित उसका घाटा
दिव्यदृष्टि जिसका बयान लाए महंगाई
उसको चलता करें फटाफट मन्नू भाई
व्यापारी की आय में आता तब ही ज्वार
आता तब ही ज्वार, आदमी खाए भाटा
रोज कटाये जेब बढ़े नित उसका घाटा
दिव्यदृष्टि जिसका बयान लाए महंगाई
उसको चलता करें फटाफट मन्नू भाई
मंगलवार, 19 जनवरी 2010
टेंट-प्रूफ हो बैठक भूलें पांच सितारा
तंबू-डेरा संस्कृति का आया फिर दौर
बीजेपी अध्यक्ष का हुक्म काबिलेगौर
हुक्म काबिलेगौर, उछाला नूतन नारा
टेंट-प्रूफ हो बैठक भूलें पांच सितारा
दिव्यदृष्टि वर्कर लीडर में कम हो दूरी
अत: सियासी झुग्गी यारो लगे जरूरी
बीजेपी अध्यक्ष का हुक्म काबिलेगौर
हुक्म काबिलेगौर, उछाला नूतन नारा
टेंट-प्रूफ हो बैठक भूलें पांच सितारा
दिव्यदृष्टि वर्कर लीडर में कम हो दूरी
अत: सियासी झुग्गी यारो लगे जरूरी
सोमवार, 18 जनवरी 2010
नेताजी सबका नखरा क्यों रोज उठाएं
पंचर करके साइकल अमर हुए नाराज
लगे मुलायम सिंह उन्हें कहने मेलेबाज
कहने मेलेबाज, लोग नित आएं-जाएं
नेताजी सबका नखरा क्यों रोज उठाएं
दिव्यदृष्टि 'हमदर्द' बने राहों के कंकर
अमर हुए नाराज साइकल करके पंचर
लगे मुलायम सिंह उन्हें कहने मेलेबाज
कहने मेलेबाज, लोग नित आएं-जाएं
नेताजी सबका नखरा क्यों रोज उठाएं
दिव्यदृष्टि 'हमदर्द' बने राहों के कंकर
अमर हुए नाराज साइकल करके पंचर
'देह-दान' की डाले बसु अद्भुत परिपाटी
आजीवन करते रहे नित जनहित के काम
इसीलिए दुनिया उन्हें करती लाल सलाम
करती लाल सलाम ज्योति से जीवन रूठा
मगर मृत्यु पश्चात कर गये 'कृत्य' अनूठा
दिव्यदृष्टि अति दवित धन्य भारत की माटी
'देह-दान' की डाले बसु अद्भुत परिपाटी
इसीलिए दुनिया उन्हें करती लाल सलाम
करती लाल सलाम ज्योति से जीवन रूठा
मगर मृत्यु पश्चात कर गये 'कृत्य' अनूठा
दिव्यदृष्टि अति दवित धन्य भारत की माटी
'देह-दान' की डाले बसु अद्भुत परिपाटी
गुरुवार, 14 जनवरी 2010
मंत्री जी की बात को वैज्ञानिक दें कान
मंत्री जी की बात को वैज्ञानिक दें कान
बैठक में वरना उन्हें हो सकता नुकसान
हो सकता नुकसान, व्यर्थ ही डांटे जाएं
अपमानित हों सरेआम जाहिल कहलाएं
दिव्यदृष्टि बेशक मत खाएं 'बैंगन' बीटी
किंतु भूलकर नहीं बजाएं आलिम सीटी
बैठक में वरना उन्हें हो सकता नुकसान
हो सकता नुकसान, व्यर्थ ही डांटे जाएं
अपमानित हों सरेआम जाहिल कहलाएं
दिव्यदृष्टि बेशक मत खाएं 'बैंगन' बीटी
किंतु भूलकर नहीं बजाएं आलिम सीटी
बुधवार, 13 जनवरी 2010
बतलाएं मी-लॉर्ड सूचना जो भी मांगे
दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया अवार्ड
प्रॉपर्टी कितनी, कहां बतलाएं मी-लॉर्ड
बतलाएं मी-लॉर्ड सूचना जो भी मांगे
पहुंचें उसके पास लिस्ट गर्दन में टांगे
दिव्यदृष्टि कुस्री हो चाहे कितनी ऊंची
फिर भी देनी पड़े मान्यवर सबको सूची
प्रॉपर्टी कितनी, कहां बतलाएं मी-लॉर्ड
बतलाएं मी-लॉर्ड सूचना जो भी मांगे
पहुंचें उसके पास लिस्ट गर्दन में टांगे
दिव्यदृष्टि कुस्री हो चाहे कितनी ऊंची
फिर भी देनी पड़े मान्यवर सबको सूची
जिसने कर्जा लिया आबरू उसने खोई
बड़ा भयंकर नाम है कहते जिसे उधार
किंतु बड़ा कुख्यात है जाने सब संसार
जाने सब संसार मगर बचता नहिं कोई
जिसने कर्जा लिया आबरू उसने खोई
दिव्यदृष्टि अंजाम बड़े इसके प्रलंयकर
कहते जिसे उधार नाम है बड़ा भयंकर
किंतु बड़ा कुख्यात है जाने सब संसार
जाने सब संसार मगर बचता नहिं कोई
जिसने कर्जा लिया आबरू उसने खोई
दिव्यदृष्टि अंजाम बड़े इसके प्रलंयकर
कहते जिसे उधार नाम है बड़ा भयंकर
रविवार, 10 जनवरी 2010
कर्नाटक में बन गए इसीलिए वे दूब
देते गंदी गालियां गौड़ा जमकर खूब
कर्नाटक में बन गए इसीलिए वे दूब
इसीलिए वे दूब, कह रहे येदियुरप्पा
थू-थू होती रोज निरंतर चप्पा-चप्पा
दिव्यदृष्टि चौथेपन में भी जरा न चेते
गौड़ा जमकर खूब गालियां गंदी देते।।
कर्नाटक में बन गए इसीलिए वे दूब
इसीलिए वे दूब, कह रहे येदियुरप्पा
थू-थू होती रोज निरंतर चप्पा-चप्पा
दिव्यदृष्टि चौथेपन में भी जरा न चेते
गौड़ा जमकर खूब गालियां गंदी देते।।
शुक्रवार, 8 जनवरी 2010
मजबूरन 'बागी' बने तब हॉकी कप्तान
कर्ता-धर्ता जब नहीं दिए मांग पर ध्यान
मजबूरन 'बागी' बने तब हॉकी कप्तान
तब हॉकी कप्तान दिखाकर तेवर अपने
बोले नौकरशाह 'गोल्ड' के छोड़ें सपने
दिव्यदृष्टि जो प्लेयर पाये नहीं 'दिहाड़ी'
रहे हमेशा दूर 'कैम्प' से वही खिलाड़ी
मजबूरन 'बागी' बने तब हॉकी कप्तान
तब हॉकी कप्तान दिखाकर तेवर अपने
बोले नौकरशाह 'गोल्ड' के छोड़ें सपने
दिव्यदृष्टि जो प्लेयर पाये नहीं 'दिहाड़ी'
रहे हमेशा दूर 'कैम्प' से वही खिलाड़ी
गुरुवार, 7 जनवरी 2010
क्या जाने कब कौन कहां पर डेरा डाले
उधर बिछाई अमर ने फिर से नई बिसात
बच्चन को भाया इधर मोदी का गुजरात
मोदी का गुजरात, सियासी खेल निराले
क्या जाने कब कौन कहां पर डेरा डाले
दिव्यदृष्टि पिछले यारों पर आफत आई
फिर से नई बिसात अमर ने उधर बिछाई
बच्चन को भाया इधर मोदी का गुजरात
मोदी का गुजरात, सियासी खेल निराले
क्या जाने कब कौन कहां पर डेरा डाले
दिव्यदृष्टि पिछले यारों पर आफत आई
फिर से नई बिसात अमर ने उधर बिछाई
बुधवार, 6 जनवरी 2010
अपमानित कर रहे रोज 'गुर्गे' घरवाले
दुबई जाकर अमर ने भेज दिया संदेश
खतरे में जीवन पड़ा यह उनको अंदेश
यह उनको अंदेश लगाते ठोकर ग्वाले
अपमानित कर रहे रोज 'गुर्गे' घरवाले
दिव्यदृष्टि ना मानें उन्हें मुलायम चाकर
भेज दिया संदेश अमर ने दुबई जाकर
खतरे में जीवन पड़ा यह उनको अंदेश
यह उनको अंदेश लगाते ठोकर ग्वाले
अपमानित कर रहे रोज 'गुर्गे' घरवाले
दिव्यदृष्टि ना मानें उन्हें मुलायम चाकर
भेज दिया संदेश अमर ने दुबई जाकर
मंगलवार, 5 जनवरी 2010
है प्रणम्य 'सहकार' लीजिये कोटि बधाई
अद्भुत गांव जमालपुर अद्भुत इसके लोग
नेकनीयती से किया सब ने मिल सहयोग
सब ने मिल सहयोग जानकर सांझी पीड़ा
उठा लिए ग्रामीण 'नव स्टेशन' का बीड़ा
दिव्यदृष्टि 'धनबाधा' भी क्या खूब हटाई
है प्रणम्य 'सहकार' लीजिये कोटि बधाई
नेकनीयती से किया सब ने मिल सहयोग
सब ने मिल सहयोग जानकर सांझी पीड़ा
उठा लिए ग्रामीण 'नव स्टेशन' का बीड़ा
दिव्यदृष्टि 'धनबाधा' भी क्या खूब हटाई
है प्रणम्य 'सहकार' लीजिये कोटि बधाई
सोमवार, 4 जनवरी 2010
बतलाये डडवाल जुर्म का 'ग्राफ' घटा है
गए साल में पुलिस ने कीता खूब कमाल
नए साल में चहक कर बतलाये डडवाल
बतलाये डडवाल जुर्म का 'ग्राफ' घटा है
घटनाओं का जाल दीखता साफ कटा है
दिव्यदृष्टि कथनी-करनी में लेकिन अन्तर
तभी उड़न-छू हुए 'जंग-जू' तीन भयंकर
नए साल में चहक कर बतलाये डडवाल
बतलाये डडवाल जुर्म का 'ग्राफ' घटा है
घटनाओं का जाल दीखता साफ कटा है
दिव्यदृष्टि कथनी-करनी में लेकिन अन्तर
तभी उड़न-छू हुए 'जंग-जू' तीन भयंकर
शनिवार, 2 जनवरी 2010
दीख रहा लाचार भाजपा का रखवाला
पशोपेश में गडकरी बुरा हृदय का हाल
दिल्ली में मंदी पड़ी खूब सियासी चाल
खूब सियासी चाल पड़ा घाघों से पाला
दीख रहा लाचार भाजपा का रखवाला
दिव्यदृष्टि 'झंडेवाला' भी बड़े क्लेश में
बुरा हृदय का हाल गडकरी पशोपेश में
दिल्ली में मंदी पड़ी खूब सियासी चाल
खूब सियासी चाल पड़ा घाघों से पाला
दीख रहा लाचार भाजपा का रखवाला
दिव्यदृष्टि 'झंडेवाला' भी बड़े क्लेश में
बुरा हृदय का हाल गडकरी पशोपेश में
शुक्रवार, 1 जनवरी 2010
शीला ने महंगा किया नए साल में नीर
दुखी दिखाई पड़ रहे मतई मिर्जा मीर
शीला ने महंगा किया नए साल में नीर
नए साल में नीर पीर से मतलब कैसा
खींच रही सरकार जेब से जबरन पैसा
दिव्यदृष्टि किस मुंह से देगा उन्हें बधाई
मतई मिर्जा मीर पड़ रहे दुखी दिखाई
शीला ने महंगा किया नए साल में नीर
नए साल में नीर पीर से मतलब कैसा
खींच रही सरकार जेब से जबरन पैसा
दिव्यदृष्टि किस मुंह से देगा उन्हें बधाई
मतई मिर्जा मीर पड़ रहे दुखी दिखाई
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2010
(86)
-
►
जून
(12)
- तत्व प्रज्वनशील तुरत गडकरी हटाएं
- कब तक रहे कुंवारा मैया तेरा पुत्तर
- मोदी जी ले जाइये वापस पांच करोड़
- माना जाता अतिथि को भारत में भगवान
- रोये बेबस बाप देख नयनों का फूला
- अर्जुन दादा बोलते थमकर सदा सटीक
- भारत में आतंक का हामी पाकिस्तान
- पुलिस तक्षकों में बढ़ा काम वासना रोग
- तुलसी बाबा कह गए दोषी नहीं समर्थ
- निगल हजारों जिन्दगी गैस गई भोपाल
- बेमतलब अखबार उन्हें संलिप्त बताएं
- लालमहल को रौंद कर विहँस रहा तृणमूल
-
►
मई
(21)
- दिया सड़क पर मौत का नारी को उपहार
- झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल
- कायम करो 'मिसाल' उतारें लोग आरती
- कालकोठरी में ताई अब मुझे न रहना
- खूब चली बेशर्म पर अदालती बंदूक
- किसी तरह बेगम उसको हासिल हो जाए
- चल गांधी की राह बदन पर लगा लंगोटी
- मन्नू भाई जब तलक चला रहे सरकार
- लगा राम की मूर्ति बनें पॉलिटिकल पंडा
- फांसी की फाइल रहीं शीला बैठी दाब
- भगदड़ में जाये भले मुसाफिरों की जान
- केश कटाकर मंदिरा किया न चंगा काम
- ज्यादा भोजन से सदा होता है अतिसार
- चूहे को यदि गडकरी बतलायेंगे स्वान
- किंतु कागजी शेर ढेर हो ताकें अंबर
- सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
- सोचें-समझें तभी बात अपनी वह बोलें
- जोड़-तोड़ से सब 'सरकारी माल' पचाओ
- सुन कर फांसी की सजा गया कसाई कांप
- ट्रेनिंग सेंटर टेरर का बना हुआ है पाक
- दुखी मुसाफिर फिर रहे बेचारे-बेचैन
-
►
मार्च
(17)
- करें केंद्र से वार्ता छोड़ 'घमंडी' चीख
- जबसे जनप्रतिनिधि बने दुष्ट, उठाईगीर
- चौथेपन में 'खेल' खेलती बुढ़िया माई
- कांग्रेस की आंख का तारा थे अमिताभ
- भूल गये 'औकात' वर्करों को लतियाये
- मुद्रा की माला पहन माया परम प्रसन्न
- राजनीति की चर गए हाथी सारी घास
- मगर 'फायदेमंद' अब लगते नहीं कलाम
- दंगों का गुजरात के करिये पहले जिक्र
- खवातीन पर सख्त रवैया लेता नदवा
- पाकिस्तानी क्रिकेट के प्लेयर बेईमान
- स्त्री को किस भांति दें थर्टी थ्री पर्सेंट
- आरक्षण के नाम पर यादव ब्रदर उदास
- मुर्दों पर खैरात भला क्यों व्यर्थ लुटाएं
- नजर न आए कहीं किसी घर रोना-धोना
- आखिर सस्ता तेल कहां से मन्नू लाएं
- बोलीं आशा भोंसले सुनो लाडले राज
-
►
फ़रवरी
(10)
- डबल सैकड़ा ठोक दिखाई है दमदारी
- आम आदमी से रखे सरोकार सरकार
- अब यूपी में कौन हाथ थामेगा उसका
- टीम इंडिया 'टेस्ट' में अब भी नंबर एक
- वेतन हाथी छाप खूब जेबों में खनका
- चौथेपन में लग गया दुराचरण का दाग
- फुस्स मुंबई में हुआ 'ठाकरिया' फरमान
- 'मातोश्री' में था लगा बाला का दरबारमिमियाते पहुंचे...
- चचा-भतीजा इस चिंता में फेंकें गोटी
- नन्हा सूबा झेलता चीफ मिनिस्टर चार
-
►
जनवरी
(20)
- मुफ्त मशवरा लीजिए अंबानी अनमोल
- भाई शरद पवार कारगर खोजो रस्ता
- खेलकूद की उम्र में नहीं करूंगी ब्याह
- मैडम ने बजवा दिया उसी भक्त का बैंड
- मगर रहें 'महफूज' मित्र माया के हाथी
- रोज कटाये जेब बढ़े नित उसका घाटा
- टेंट-प्रूफ हो बैठक भूलें पांच सितारा
- नेताजी सबका नखरा क्यों रोज उठाएं
- 'देह-दान' की डाले बसु अद्भुत परिपाटी
- मंत्री जी की बात को वैज्ञानिक दें कान
- बतलाएं मी-लॉर्ड सूचना जो भी मांगे
- जिसने कर्जा लिया आबरू उसने खोई
- कर्नाटक में बन गए इसीलिए वे दूब
- मजबूरन 'बागी' बने तब हॉकी कप्तान
- क्या जाने कब कौन कहां पर डेरा डाले
- अपमानित कर रहे रोज 'गुर्गे' घरवाले
- है प्रणम्य 'सहकार' लीजिये कोटि बधाई
- बतलाये डडवाल जुर्म का 'ग्राफ' घटा है
- दीख रहा लाचार भाजपा का रखवाला
- शीला ने महंगा किया नए साल में नीर
-
►
जून
(12)