मंगलवार, 29 दिसंबर 2009
दिल्ली आना है अगर दीजे एंट्री फीस
दिल्ली आना है अगर दीजे एंट्री फीस
दीजे एंट्री फीस, रोज पॉकेट कटवाएं
बढ़ा कमाई नित्य प्रदूषण भी घटवाएं
दिव्यदृष्टि चिंतातुर दीखें बबली-बंटी
साफ निपोरे खीस बोलतीं शीला अंटी
गुरुवार, 24 दिसंबर 2009
तेलंगाना पर लिए चिदम्बरम यू-टर्न
तेलंगाना पर लिए चिदम्बरम यू-टर्न
चिदम्बरम यू-टर्न, पढ़ें कानूनी पोथी
करते टालमटोल दलीलें देकर थोथी
दिव्यदृष्टि आए दिन ढूंढ़ें नया बहाना
भले धधकता फिरे अहनिर्श तेलंगाना
बुधवार, 23 दिसंबर 2009
नहीं किसी की भी गली झारखंड में दाल
नहीं किसी की भी गली झारखंड में दाल
झारखंड में दाल भात भी बिखरा जमकर
ताक रहे इक-दूजे का मुंह लीडर थमकर
दिव्यदृष्टि अब जो दे जितनी ऊंची 'बोली'
मिले उसी को खीर सजे सत्ता की डोली
मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
जब तबना रहेगा लक सरकारी मेहमान
तंग तब तलक कोर्ट को करे खूब हैवान
करे खूब हैवान, बड़ा अजमल नाशुकरा
रोज बदलता बात बयानों से भी मुकरा
दिव्यदृष्टि इसलिए नहीं उड़वाओ हांसी
उठा जरूरी कदम चढ़ाओ इसको फांसी
रविवार, 20 दिसंबर 2009
हे सुंदरियो झाड़ दो विज्ञापन की गर्द
मानव दाढ़ी, मूंछ से कहलाता है मर्द
कहलाता है मर्द यही मशहूर कहावत
देता उन्हें समाज मानमय मीठी दावत
उन्हें भूलसे दिव्यदृष्टि बोलो मत लेजी
बेशक अपने हेतु चुनो मुछमुंडा क्रेजी
शनिवार, 19 दिसंबर 2009
मिस्टर धोनी पर लगा दो मैचों का बैन
परेशान फिरते दिवस नींद नैन नहिं रैन
नींद नैन नहिं रैन, किये घातक नादानी
रेफरी ने दी सजा न भाये भोजन-पानी
दिव्यदृष्टि ले गए 'गेस्ट' मैदान मारकर
दो मैचों का बैन लगा मिस्टर धोनी पर
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
अपने पूर्व बयान से मुकर गया जल्लाद
अपने पूर्व बयान से मुकर गया जल्लाद
मुकर गया जल्लाद हुई ज्यों ही सुनवाई
बतलाता निर्दोष स्वयं को आज कसाई
दिव्यदृष्टि है ढीठ बहुत ये जालिम बंदा
अत: गले में जल्द डालिए इसके फंदा
बुधवार, 16 दिसंबर 2009
तेलंगाना बन गया कांग्रेस की फांस
रुष्ट जगन रेड्डी नहीं छोड़ें कोई चांस
छोड़ें कोई चांस टीस मन में है भारी
एमपी-एमले उधर कर रहे मारामारी
दिव्यदृष्टि संसद में नित होता हंगामा
कांग्रेस की फांस बन गया तेलंगाना
मंगलवार, 15 दिसंबर 2009
राजकोट में रनों का लगा दिया अंबार
सिंहलियों को खूब ही पड़ी करारी मार
पड़ी करारी मार आखिरी दम तक जूझे
भारत की तकरार नहीं वे फिर भी बूझे
दिव्यदृष्टि रणनीति रही धोनी की तगड़ी
तभी बच सकी है प्यारे वनडे में पगड़ी
शनिवार, 28 नवंबर 2009
मराठियों के बन रहे 'बाला' ठेकेदार
'पुत्रवधू' के सामने मगर हुए लाचार
मगर हुए लाचार स्मिता करे बगावत
कांग्रेस की भाये उसे सियासी दावत
दिव्यदृष्टि प्यारे पहले परिवार बचाएं
बेशक तत्पश्चात ठाकरे नाच नचाएं
बुधवार, 25 नवंबर 2009
किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
तभी मिटेगा हिन्द से उग्रवाद का रोग
उग्रवाद का रोग रूप है बहुत भयंकर
अत: जरूरी बने यहां अमेरिकी बंकर
दिव्यदृष्टि ये तां दस्सो मनमोहन पा'जी
किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
छात्र-छात्रा कर रहे बैड बहुत-ही फील
बैड बहुत-ही फील, खूब पसरी बीमारी
हुआ विषैला फूड जान को खतरा भारी
दिव्यदृष्टि मत कर तू अपना दामन गीला
खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
सोमवार, 23 नवंबर 2009
रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
चिदंबरम बतलाइये खोजबीन कर ठीक
खोजबीन कर ठीक, प्रश्न पूछें अडवानी
कैसे हुआ रिसाव किस तरह आया पानी
दिव्यदृष्टि जो मंदिर का 'सपना' ले डूबा
रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
गुरुवार, 19 नवंबर 2009
हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
न्यौछावर करने लगे बीजेपी पर प्राण
बीजेपी पर प्राण पुन: पुत्तर संग डोलें
जपें राम का नाम सियासी बानी बोलें
दिव्यदृष्टि है शेष यही अब अंतिम इच्छा
हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
बुधवार, 18 नवंबर 2009
अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
पीएम पद का हिंद में उसे मिले ईनाम
उसे मिले ईनाम, करे आये दिन दोहन
हैं प्रत्यक्ष प्रमाण यहां इसका मनमोहन
दिव्यदृष्टि जो तुड़वाए जनता का ढाबा
वह प्रधानमंत्री बन सकता राहुल बाबा
मंगलवार, 17 नवंबर 2009
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
सत्तादल सम्मुख सभी फिरें बजाते बीन
फिरें बजाते बीन चरण चिरकुट ये चूमें
पायें बंगला कार सुशोभित पद पर झूमें
दिव्यदृष्टि जो जितना तलवा सहलायेगा
कामयाब आयुक्त यहां वह कहलायेगा
भले किरन बेदी करें कितने अच्छे काम
फिर भी शासन से उन्हें मिले नहीं इनाम
मिले नहीं इनाम, समझ लो आमिर प्यारे
प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
दिव्यदृष्टि जिसकी 'बैरी' हो नौकरशाही
उसके प्रति गैरों की क्योंकर सुने गवाही
शुक्रवार, 13 नवंबर 2009
ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
कहीं न कोई झोल, विरोधी मारें ताना
किंतु मरम्मत पर रोजाना लुटे खजाना
दिव्यदृष्टि सादगी फिरे नित मारी-मारी
ऐसे सादे सीएम पर पब्लिक बलिहारी
नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
यह सच्चाई दोस्तो जाने सकल जहान
जाने सकल जहान, सुनें नेता मुंबइया
मानुष सभी समान मराठी चाहे भइया
दिव्यदृष्टि इसलिए छोडि़ए ओछा नारा
सचिन सरीखा बनें नेक नैनों का तारा
मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
जनता पूरे देश की है इससे बेजार
है इससे बेजार, बहुत बेचारी रोये
मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
दिव्यदृष्टि को लूट रहे सारे व्यापारी
नहीं दीखती लेकिन कोई छापेमारी
बुधवार, 11 नवंबर 2009
करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
ममता-मानवता मिटे मानें मित्र यकीन
मानें मित्र यकीन प्रताड़ित होंगे सज्जन
पायेंगे सहयोग दुष्ट, दुखकारण-दुर्जन
दिव्यदृष्टि उत्पीड़ित होती जब भी नारी
करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
देता है फिर भी मगर गांधी जी की दाद
गांधी जी की दाद, राजनीतिक मजबूरी
करना उनको याद इसलिए बहुत जरूरी
दिव्यदृष्टि जो दो नावों पर चलता भैया
लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
मंगलवार, 10 नवंबर 2009
दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
खूब मुलायम जी करें दीख रहे बेजार
दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
मारा गहरा घाव घिर गये घर में गब्बर
दिव्यदृष्टि जालिम वोटर ने तोड़ा नाता
नहीं लखनऊ में खुल पाया कोई खाता
सोमवार, 9 नवंबर 2009
उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
करे नहीं स्वीकार, 'बड़ा' हो बेशक गुंडा
निंदनीय है फिर भी 'घृणित' मराठी-मुंडा
दिव्यदृष्टि 'अपमानजनक' जो बोले बोली
फौरन पागल स्वान समझ कर मारो गोली
बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
इसके कारण हो गए 'बड़े-बड़े' मजबूर
'बड़े-बड़े' मजबूर 'हाथ' फैलाये फिरते
बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
दिव्यदृष्टि नैतिकता को नित लगता चूना
इसीलिए जम गया पुन: पाटिल का धूना
रविवार, 8 नवंबर 2009
ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
वरना आए दिन बढ़े नित्य कोढ़ में खाज
नित्य कोढ़ में खाज, नाज-नखरे झेलोगे
विरोधियों के हाथ विवश होकर खेलोगे
दिव्यदृष्टि होगी छवि धूमिल चप्पा-चप्पा
कद-काठी नित घटे समझिए येदियुरप्पा
गुरुवार, 5 नवंबर 2009
पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
कलमकार दमदार थे जोशी बड़े प्रभाष
जोशी बड़े प्रभाष, काल दे गया गवाही
हार न माने कभी लेखनी-वीर सिपाही
दिव्यदृष्टि में भी लाये जो बरबस आंसू
वह मसिजीवी ही पाये श्रद्धांजलि धांसू
बुधवार, 4 नवंबर 2009
बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
उद्धव ने जारी किया यह ताजा फरमान
यह ताजा फरमान डालिए फौरन आदत
बेशक तत्पश्चात खुदा की करें इबादत
देशभक्ति का दिव्यदृष्टि नूतन अफसाना
पढ़ें नहीं जो लोग ढूंढ ले पाक-ठिकाना
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
भटक-भटक कर बेर टेर दिनरात सुनाये
किंतु सुरक्षित जॉब नहीं उसको मिल पाये
दिव्यदृष्टि पीठस्थ जहां पर काहिल काजी
वहां लगाये कौन मित्र प्राणों की बाजी?
क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
कामयाब कहलाय, किए बिन कोई देरी
चाहो अगर 'प्रमाण' पहुंच लो पुड्डूचेरी
दिव्यदृष्टि धिक्कार खूब पब्लिक से पाए
पांच लाख की चाय माह में जो पी जाए
सोमवार, 2 नवंबर 2009
डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
बावजूद इसके नहीं बन पाया कुछ काम
बन पाया कुछ काम सही नारायण बोले
यह नालायक पुत्र शर्मिन्दगी में विष घोले
दिव्यदृष्टि न्यायालय ने 'याचना' निवारी
डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009
सकते में है आजकल शीला की सरकार
खूब लगाई कोर्ट ने जम करके फटकार
जम करके फटकार जरा मानवता सीखो
नहीं 'याचकों' के ऊपर बेमतलब चीखो
दिव्यदृष्टि वरना 'भिक्षालय' ढह जायेगा
'राज' और तुममें क्या अंतर रह जायेगा?
गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009
असंतुष्ट हैं फिर भी 'उनके' साथ रहेंगे
दिए नहीं कतई मगर विरोधियों को भाव
विरोधियों को भाव, ताव मन में है भारी
लेकिन करें अजीत नहीं हरगिज 'गद्दारी'
दिव्यदृष्टि चाचा से दिल की बात कहेंगे
असंतुष्ट हैं फिर भी 'उनके' साथ रहेंगे
बुधवार, 28 अक्टूबर 2009
हाकिम है बेदर्द सुना मत करुण कहानी
अत: फैसले कर रहीं निठुर सनसनीखेज
निठुर सनसनीखेज, बढ़ाकर मोटर भाड़ा
मुसाफिरों का महंगाई में किया कबाड़ा
दिव्यदृष्टि हर हाल पड़े पॉकिट कटवानी
हाकिम है बेदर्द सुना मत करुण कहानी
शनिवार, 24 अक्टूबर 2009
पांच साल अब और नहीं बन पाये दाढ़ी
नहीं चुनावों में गली शिवसेना की दाल
शिवसेना की दाल, मराठी मानुष खंजर
गया पीठ में भोंक 'दर्द' हो रहा भयंकर
दिव्यदृष्टि हो गई व्यर्थ सब 'सेवा' गाढ़ी
पांच साल अब और नहीं बन पाये दाढ़ी
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009
चौटाला चलने लगे चतुर सियासी चाल
चौटाला चलने लगे चतुर सियासी चाल
चतुर सियासी चाल दीखती बेशक टेढ़ी
राज्यपाल की किंतु चूम आये वे ड्योढ़ी
दिव्यदृष्टि पड़ सकता है भारी यह पट्ठा
बिखर न जाये मित्र कहीं हुड्डा का मट्ठा
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
फिर सत्ता से दूर रहे चोटिल चौटाला
भूपिन्दर हुड्डा फिरें करके ऊंचा माथ
करके ऊंचा माथ, साथ मतदाता आये
चहक उठी चौपाल चौधरीजी मुस्काये
दिव्यदृष्टि देवीसुत के घर लटका ताला
फिर सत्ता से दूर रहे चोटिल चौटाला
लूट भतीजा गया खूब चाचा की खोली
महाराष्ट्र में खुल गई शिवसेना की पोल
शिवसेना की पोल रह गई खाली झोली
लूट भतीजा गया खूब चाचा की खोली
दिव्यदृष्टि चव्हाण शरद के चेहरे चमके
रही सलामत 'कुर्सी' नाचें-गाएं जमके
बुधवार, 21 अक्टूबर 2009
नहीं चिरौरी का प्यारे अब रहा जमाना
भुज बल से ही गगन में ऊंची उड़े पतंग
ऊंची उड़े पतंग, छगन को मगन कराये
शोकाकुल चह्वाण देशमुख फिरें डराये
दिव्यदृष्टि भुज बल से ही है सत्ता पाना
नहीं चिरौरी का प्यारे अब रहा जमाना
सोमवार, 19 अक्टूबर 2009
कोई पूछे तो खुद को सेकुलर बतलाओ
फौरन जुदा हुसैन से हो जाओ तुम आज
हो जाओ तुम आज नहीं निष्ठा जतलाओ
कोई पूछे तो खुद को सेकुलर बतलाओ
दिव्यदृष्टि जब तक सत्ता में जीजी-जीजा
'हाथ' दिखायेगा प्यारे अमरीकी 'वीजा'
गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009
आइए दीपावली पर हम जलाएं वह ' दिया '
बढ़ रहा हर शख्स में नित दायरा संदेह का।
खत्म होती जा रही - इन्सानियत की उर्वरा ,
चढ़ रहा उस पर निरंतर आवरण इक रेह का।
पूछ कर देखा अदीबों - आलिमों से खूब ही ,
पर , नहीं उत्तर मिला मित्रो सियासी ठेह का।
आइए दीपावली पर हम जलाएं वह ' दिया '
दिव्यदृष्टि जो करे पावन उजाला ' नेह ' का।
बुधवार, 14 अक्टूबर 2009
तभी लोकप्रिय होते जस्टिस गुंडा स्वामी
उसके ऊपर से अत: घटता गया यकीन
घटता गया यकीन उम्र आधी कट जाए
मगर नहीं इन्सान न्याय हासिल कर पाए
दिव्यदृष्टि बढ़ती जाये जुडिशल नाकामी
तभी लोकप्रिय होते जस्टिस गुंडा स्वामी
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009
'सरेआम' क्यों भिजवाई ठर्रे की बोतल
किन्तु भाजपा सांसद करें नहीं स्वीकार
करें नहीं स्वीकार संस्कृति भिन्न बताते
इसीलिए लेटर लिख कर वे रोष जताते
दिव्यदृष्टि है निंदनीय यह हरकत टोटल
'सरेआम' क्यों भिजवाई ठर्रे की बोतल
सोमवार, 12 अक्टूबर 2009
झटपट एक करोड़ 'रंगदारी' भिजवाओ
मानो उनकी मांग को तुम नीतीश कुमार
तुम नीतीश कुमार, न कतई देर लगाओ
झटपट एक करोड़ 'रंगदारी' भिजवाओ
दिव्यदृष्टि धमकी देता फिर रहा 'दरिंदा'
होना तुम्हें शुमार अगर लोगों में 'जिंदा'
रविवार, 11 अक्टूबर 2009
उन्हें भला शिक्षा से क्या है लेना-देना
जिसमें भ्रष्टाचार नित पनप रहा भरपूर
पनप रहा भरपूर, माल सरकारी खाते
फिर भी ब्यूरोक्रैट बिचारे नहीं अघाते
दिव्यदृष्टि नेता गण चाबें वोट-चबेना
उन्हें भला शिक्षा से क्या है लेना-देना
हंसों को झूठा चना, मोती चुनते काग
लक्ष्मीवाहन जीमते कोयल वाला भाग
कोयल वाला भाग भैरवी गिद्ध गा रहे
सारे बगुला भगत प्रशंसा नित्य पा रहे
दिव्यदृष्टि हो जहां सियारों की प्रभुताई
वहां सिंह सम्मान किस तरह पाए भाई
सुलगे अगर समाज में असंतोष की आग
तो यह निश्चित जानिए शासन में है दाग
शासन में है 'दाग' नीति-नीयत है खोटी
भूखों मरें 'मजूर' उड़ायें 'शोषक' बोटी
नहीं दीखता दिव्यदृष्टि जब कोई 'चारा'
मजबूरी में तभी 'व्यक्ति' बनता हत्यारा
कहने को तो 'डॉक्टर' चला रहे सरकार
किन्तु नक्सली रोग का पता नहीं उपचार
पता नहीं उपचार रोज चलती क्यों गोली
बोल रहे क्यों लोग बगावत वाली बोली
दिव्यदृष्टि इसलिए जल्द लक्षण पहचानो
बेशक उसके बाद 'आपरेशन' की ठानो
गुरुवार, 8 अक्टूबर 2009
फिर भी वेंकटरमन कोटिश: तुम्हें बधाई
सदियों से साबित किए यही कहावत गिद्ध
यही कहावत गिद्ध, निरन्तर जारी गायन
इसीलिए भारत से 'प्रतिभा' करे पलायन
दिव्यदृष्टि है अकथनीय यह 'पीड़ा' भाई
फिर भी वेंकटरमन कोटिश: तुम्हें बधाई
बुधवार, 7 अक्टूबर 2009
बन कर 'भागीदार' समस्या दर्ज कराएं
फौरन फोन घुमाइए अगर बैड हो फील
अगर बैड हो फील, राह में दीखे गड्ढा
या हो गंदा पार्क बना कचरे का अड्डा
दिव्यदृष्टि सुन्दर शहरी का फर्ज निभाएं
बन कर 'भागीदार' समस्या दर्ज कराएं
दीखे पहली नजर में उत्तम बहुत विचार
इसीलिए तो कर रहा शासन खूब प्रचार
शासन खूब प्रचार, हेल्पलाइन बनवाये
जगह-जगह विज्ञापन में नम्बर छपवाये
दिव्यदृष्टि यह किन्तु बतायें शीला अंटी
कौन लगाएगा नौकरशाही को संटी।
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009
जनप्रतिनिधि गिरेबान में अपने झांकें
वही कर रहे ज्ञान का जनहित में उपयोग
जनहित में उपयोग, रात-दिन सेवा करते
तब उसके बदले में श्रम का 'मेवा' चरते
दिव्यदृष्टि जो लोग 'कमाई' उनकी आंकें
वे 'जनप्रतिनिधि' गिरेबान में अपने झांकें
सोमवार, 5 अक्टूबर 2009
उसे राज की फिक्र सताती है डेनाइट
महाराष्ट्र में कर रही कांग्रेस सरकार
कांग्रेस सरकार, पयोनिधि मूरत थापे
समाचार सुन क्रुद्ध ठाकरे सूरत कांपे
दिव्यदृष्टि सेना की दीखे हालत टाइट
उसे राज की फिक्र सताती है डेनाइट
शनिवार, 3 अक्टूबर 2009
कांग्रेस छलका रही दलित-प्रेम का जाम
शबरी-आश्रम में अतः पहुंच गये श्रीराम
पहुंच गए श्रीराम, नाम 'बापू' का लेकर
श्रवण समस्या किए सांत्वना भारी देकर
दिव्यदृष्टि यदि राजभवन सुख चाहें माता
तो बस यही उपायः तजें 'माया' से नाता
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
ले बापू का नाम गोल्डन कलम खरीदो
तब तो उफ करता नहीं नेता एक महान
नेता एक महान, साथ ही फिल्म सितारे
करते 'गांधीगीरी' सिर्फ शोहरत के मारे
दिव्यदृष्टि इसलिए तजो कोहराम मुरीदो
ले बापू का नाम गोल्डन कलम खरीदो
बुधवार, 30 सितंबर 2009
रिश्तेदारों को 'दलाल' मत बोलो मेरे भाई
हुए क्रोध से लाल सुधारक जी मेरे घर आये
उषाकाल दरवाजे पर सुन हाहाकारी दस्तक
अनहोनी की आशंका से ठनका मेरा मस्तक
सहमे-सहमे जीर्णद्वार को ज्यों ही मैंने खोला
दाग दिये बेरहमी से बोफोर्स तोप का गोला
बोले जिसके कारण प्यारे हुई खूब रुसवाई
उसी केस को बंद कर रही काहे सीबीआई
टेढ़ा प्रश्न सुना तो खीझा उनके भोलेपन पर
लेकिन चोट लगी थी भारी मेरे गीले मन पर
दवित हृदय से मैंने उनको सीधी बात बताई
रिश्तेदारों को 'दलाल' मत बोलो मेरे भाई
दिव्यदृष्टि बहनोई के घर करता जो घोटाला
बिन सबूत के साफ बरी हो जाता है वो साला
मंगलवार, 29 सितंबर 2009
काटी पहले मैच में जिसने जमकर नाक
उस बैरी का मुख रही टीम इंडिया ताक
टीम इंडिया ताक, पाक मारे फिर बाजी
पिटे वेस्ट इंडीज पराजय पाय 'जहाजी'
तभी खुलेगी दिव्यदृष्टि सेमी में खिड़की
वरना आए हाथ महज धोनी के झिड़की
शनिवार, 26 सितंबर 2009
बड़े शौक से चांद पर जल ढूंढे सरकार
पर धरती के 'नीर' से छांटे खर-पतवार
छांटे खर-पतवार, वारि घर में जो आये
हो वह निर्मल शुद्ध जिसे मानुष पी पाये
दिव्यदृष्टि पहले वसुधा पर जान बचाओ
बेशक उसके बाद चंदमा पर बस जाओ
मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
सतहत्तर से पी रहे मनमोहन मकरंद
मनमोहन मकरंद मुबारक मेवा मस्ती
रहे सलामत प्रेमपुजारी की भी बस्ती
हम दोनों को दिव्यदृष्टि दे रहे दुआएं
मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
यूएस से आई खबर मिले ट्रिपल खैरात
जरदारी-मन में खुशी फूली नहीं समात
फूली नहीं समात, बात बड़बोली बोलें
उग्रवाद की ताकत अपनी तिगुनी तोलें
दिव्यदृष्टि हासिल करके अमरीकी गंडा
लाल किले पर सपने में फहरा दें झंडा
गुरुवार, 24 सितंबर 2009
बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
परेशान करते बहुत उनको राज कुमार
उनको राज कुमार, तार देते नहिं पाती
बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
दिव्यदृष्टि तज दें दौरा करना मनमाना
पालें 'प्रोटोकॉल' पड़े वरना पछताना
बुधवार, 23 सितंबर 2009
फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
धोनी के मन में उठी जिसको देख उमंग
जिसको देख उमंग, छरहरे प्लेयर चहके
फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
दिव्यदृष्टि जल वृष्टि बनी प्यारे 'पैगम्बर'
तभी हमारे हाथ आ सका अव्वल नम्बर
मंगलवार, 22 सितंबर 2009
पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
अगर चुनोगे सांसद हीरो, प्लेयर छाप
हीरो, प्लेयर छाप, दुबारा नजर न आएं
अलबत्ता वे फिल्म, खेल में रंग जमाएं
दिव्यदृष्टि ऐसे प्रतिनिधि पा पछताओगे
पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
शनिवार, 19 सितंबर 2009
बेदी पर कर्तव्य की देकर अपने प्राण
शर्मा मोहन चंद ने उत्तम दिया प्रमाण
उत्तम दिया प्रमाण त्राण पुरवासी पाए
बनी निरापद रात दिवस आनंद समाए
दिव्यदृष्टि है धन्य शहादत मित्र तुम्हारी
वीरोचित श्रद्धांजलि लीजे अत: हमारी
शुक्रवार, 18 सितंबर 2009
हुआ नपुंसक राजनय नेता बने सियार
कानन रोदन ही उन्हें मित्रो लगे पियार
मित्रो लगे पियार जंगजू जब भी आएं
अकर्मण्य सारे चूहे बिल में घुस जाएं
दिव्यदृष्टि बे-चारे शासक सोहें दिल्ली
इसीलिए है बेलगाम अतिवादी बिल्ली
गुरुवार, 17 सितंबर 2009
मन्नू ने बनवा दिया मंत्री उन्हें जरूर
मगर तजुर्बे की कमी है उनमें भरपूर
है उनमें भरपूर, सियासी दांव न जानें
सीधे शशि थरूर गैर को अपना मानें
दिव्यदृष्टि वह बोलें, सदा परायी भाषा
इसीलिए होती है हमको मित्र निराशा
बुधवार, 16 सितंबर 2009
आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
कई मनचलों का हृदय होने लगा अधीर
होने लगा अधीर फिरें कामी खिसियाए
आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
दिव्यदृष्टि यदि पाते नेह सरित का सोता
सिने-तारिका सहित लगाते वे भी गोता
मंगलवार, 15 सितंबर 2009
बल्ला देता सचिन का फौरन उन्हें जवाब
उनकी बढ़ती उम्र को जो कह रहे खराब
जो कह रहे खराब, करें नित नुक्ताचीनी
उन्हें नहीं मालूम 'हकीकत ज़रा ज़मीनी' '
दिव्यदृष्टि' बेवजह मचाएं जो भी हल्ला
फौरन उन्हें जवाब सचिन का देता बल्ला
हहराए फिर हरभजन विकेट ले गए पांच
'टीम सिंहली' टूटकर बिखरी जैसे कांच
बिखरी जैसे कांच, आंच राहुल की भारी
धोनी औ' युवराज बन गए काल कटारी
दिव्यदृष्टि लंका में विजयी ध्वज फहराए
विकेट ले गए पांच हरभजन फिर हहराए
सोमवार, 14 सितंबर 2009
किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
सीजीएफ मुखिया हुए बेपनाह बेजार
बेपनाह बेजार, हो रहे चिंतित फैनल
बना रहे हैं सुर्खी उसको टीवी चैनल
दिव्यदृष्टि खेलों पर है खतरे की घंटी
किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
रविवार, 13 सितंबर 2009
देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
घोषित युद्ध विराम को नहीं रहा है मान
नहीं रहा है मान, निशा-चर राकेट दागे
देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
दिव्यदृष्टि सीमा की घटना समझी-सोची
पाजी पाकिस्तान कर रहा हरकत ओछी
शुक्रवार, 11 सितंबर 2009
तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
मिले नहीं दो जून उत ज्यादातर को अन्न
ज्यादातर को अन्न सड़े सड़कों पर गंदम
नीयत नहीं दुरुस्त सुस्त अधिकारी तंत्रम
दिव्यदृष्टि 'लापरवाही' का जहां ठिकाना
तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
गुरुवार, 10 सितंबर 2009
मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
बैरी को बेहाल निकाले खूब कचूमर
करें प्रशंसा लोग खुशी से झूमें झूमर
दिव्यदृष्टि मन्नू करते यदि मुक्केबाजी
नहीं उठाता आंख पड़ोसी कोई पाजी
बुधवार, 9 सितंबर 2009
झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
थी मित्रो मुख मंडल पर मायूसी की मोटी रेखा
फिर भी दे आशीष लगीं कहने कैसे जी लेते हो
बुन्देलों के दुख पर होंठों को कैसे सी लेते हो?
झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
दीन-हीन दयनीय दशा में 'पत्तल रूखे' चरते हैं
हाथ जोड़ कर बोला मैं देवी सचमुच शर्मिन्दा हूं
कहने को तो हूं स्वतंत्र पर 'पराधीन' बाशिन्दा हूं
बावजूद इसके मैं माता भरसक कलम चलाऊंगा
सत्ता के गलियारों को नित 'निंदा' से दहलाऊंगा
व्यर्थ न जाने दूंगा हरगिज रानी की कुरबानी को
फैलाऊंगा जन-मानस में उनकी शौर्य कहानी को
दिव्यदृष्टि उनके सपनों की बगिया फिर लहराएगी
जिसमें 'मक्कारों' की मैली ध्वजा नहीं फहराएगी
पुत्तर पाकिस्तान सा अमरीका सा बाप
मित्रो पाना है कठिन बेशक ढूंढ़ें आप
बेशक ढूंढ़ें आप चतुर्दिक दीप जलाये
ऐसा तोताचश्म कहीं भी नजर न आये
विश्व चक्षु में दिव्यदृष्टि जो झोंके गर्दा
लेकिन बेटे की हरकत पर डाले पर्दा
मंगलवार, 8 सितंबर 2009
मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
बंगला खुशबूदार भले होटल में पाएं
कौन करे भुगतान सही वे नहीं बताएं
दिव्यदृष्टि नाहक नुक्ताचीनी करता है
प्यारे मोटा माल मिनिस्टर ही चरता है
सोमवार, 7 सितंबर 2009
लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
नयन नचाते क्रोध से पूछे कठिन सवाल
पूछे कठिन सवाल, हमें बतलाओ भाया
भारत की सरहद में काहे 'ड्रैगन' आया
दिव्यदृष्टि सेना की बकरी कहां विचरती
लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
सुनकर बर्निंग क्वेश्चन दिव्यदृष्टि बेहाल
काला दीखा दाल में मन में उठा मलाल
मन में उठा मलाल नहीं यदि शायर होता
चीनी-चूहों पर फौरन ही 'फायर' होता
मिट जाती घुसपैठ याद आ जाती नानी
नहीं स्वप्न में करते फिर हरकत बचकानी
शनिवार, 5 सितंबर 2009
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
आदर सदा करें हम कर्तव्य है हमारा
तुमने पकड़ के ऊंगली पढ़ना हमें सिखाया
सम्मान के शिखर पर चढ़ना हमें सिखाया
अज्ञान के जलधि से तुमने हमें उबारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
हम हैं अबोध बालक तुम ज्ञान-बुद्धिदाता
कायम रहे धरा पर गुरु-शिष्य का ये नाता
शिक्षक दिवस समर्पित श्रद्धासुमन हमारा
भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
शुक्रवार, 4 सितंबर 2009
सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
फिर भी दीखें युद्धरत सत्ता के यमदूत
सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
खीं च-तान में लिप्त करें हरकत हत्यारी
दिव्यदृष्टि नैतिकता के नक्कारे गाफिल
हुआ नहीं ताबूत अभी रेड्डी को हासिल
गुरुवार, 3 सितंबर 2009
सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
बेड़े से बाहर करें जल्द उसे श्रीमान
जल्द उसे श्रीमान नसीहत मानें मोरी
सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
दिव्यदृष्टि रेड्डी जैसों की जान बचायें
नहीं चीलगाड़ी घातक भारत में लायें
बुधवार, 2 सितंबर 2009
बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
फिर भी भूखे पेट ले इंतकाम का नाम
इंतकाम का नाम, सचाई को झुठलाए
बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
दिव्यदृष्टि जो खुद ही मरने को आमादा
उस मूरख को कौन भला समझाए दादा
मंगलवार, 1 सितंबर 2009
सैनिक खाली पेट जीतता जंग न बेटा
लेकिन अपनी कैफियत भूल रहा है चीन
भूल रहा है चीन, बिके ज़ालिम के दाने
अर्थव्यवस्था चौपट फिर भी मुक्का ताने
'दिव्यदृष्टि' यह तथ्य नहीं कतई सपरेटा
सैनिक 'खाली पेट' जीतता जंग न बेटा
सोमवार, 31 अगस्त 2009
राजनाथ के साथ 'राम' का भजन कीजिए
अत: आडवाणी तजें पॉलिटिक्स का डांस
पॉलिटिक्स का डांस, गेरुआ करके धारण
ग्रहण करें 'संन्यास' तभी हो कष्ट निवारण
दिव्यदृष्टि अनमोल मशवरा 'मुफ्त' लीजिए
राजनाथ के साथ 'राम' का भजन कीजिए
शनिवार, 29 अगस्त 2009
बहुत भाजपा में बढ़ी जब जूतम पैजार
चिंता में घुलने लगा तभी संघ परिवार
तभी संघ परिवार भागवत दिल्ली आए
स्वयंसेवकों को जमकर उपदेश सुनाए
दिव्यदृष्टि जो भी नेता बन रहा समस्या
वही छोड़ दे कुर्सी जाकर करे तपस्या
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
बसपा को बदनाम करे चंदे का धंधा
माया दीदी ने दिया 'वर्कर' को पैगाम
वर्कर को पैगाम, बर्थडे भले मनाओ
पर गरीब इंजीनियरों को नहीं सताओ
दाताओं का दिव्यदृष्टि देखो दृढ़ कंधा
बसपा को बदनाम करे चंदे का धंधा
गुरुवार, 27 अगस्त 2009
मान गए 'मी लॉर्ड' करें जाहिर प्रॉपर्टी
पेश कर दिए देश में अपने उच्च विचार
अपने उच्च विचार, नेक है जीवन सादा
यह भारत की नीति यही इसकी मर्यादा
दिव्यदृष्टि इसलिए छोड़कर नीयत डर्टी
मान गए 'मी लॉर्ड' करें जाहिर प्रॉपर्टी
बुधवार, 26 अगस्त 2009
बीजेपी में बेसुरा बजा बगावत राग
देतीं ताल वसुंधरा जस्सू गाएं फाग
जस्सू गाएं फाग, भैरवी छेड़ें शौरी
लिए नई करताल नाचते हैं खंडूरी
दिव्यदृष्टि सारे विद्रोही 'गारी' गाएं
देख दुर्दशा राजनाथ भारी पछताएं
सोये सुख की सेज सजन के संग किशोरी
बिजली का है हिन्द में कतई नहीं अकाल
कतई नहीं अकाल, भरी हो अगर तिजोरी
सोये सुख की सेज सजन के संग किशोरी
दिव्यदृष्टि मनमोहन लें 'पावर-फुल' भीखें
चंपू चिरकुट लाल नित्यप्रति नाहक चीखें
मंगलवार, 25 अगस्त 2009
फौरन कटी पतंग की संघ थाम ले डोर
फौरन कटी पतंग की संघ थाम ले डोर
संघ थाम ले डोर, जोर का मारे झटका
मठाधीश जो बने उसी का फोड़े मटका
दिव्यदृष्टि अनुशासन का डंडा फटकारे
कूड़ा-करकट छाप बदल दे नेता सारे
सोमवार, 24 अगस्त 2009
छुटभैयों के हाथ ज्यों आई मोटर कार
रोज रेज का बढ़ गया त्यों ही कारोबार
त्यों ही कारोबार, कृष्ण धन लाये गर्मी
सहनशीलता घटी कुचालक भूले नर्मी
दिव्यदृष्टि दुर्बल को जो भी दुष्ट सताए
हर हालत में पुलिस उसे औकात बताए
शनिवार, 22 अगस्त 2009
जिस अडवानी के लिए बोला मैंने झूठ
उसने ही कमजोर की 'दल' में मेरी मूठ
दल में मेरी मूठ, मुझे करवाया 'फायर'
मैं भी उस पर केस करूं जनता में दायर
दिव्यदृष्टि मैं राम कसम सच ही बोलूंगा
है यह दीगर बात पोल उनकी खोलूंगा
शुक्रवार, 21 अगस्त 2009
अद्भुत भारतवर्ष में न्यायालय का सीन
सोहें जज की 'पीठ' पर नर संवेदनहीन
नर संवेदनहीन, परिन्दों की भी पेशी
मांगें न्यायाधीश अजब कानून स्वदेशी
भले कोर्ट में दिव्यदृष्टि चिडि़या मर जाएं
फिर भी वे इंसाफ नहीं हासिल कर पाएं
गुरुवार, 20 अगस्त 2009
मन राखी सावंत का बहुत रहा है डोल
दूल्हे के प्रति दोस्तो बदले उनके बोल
बदले उनके बोल, हो रही है यह चर्चा
उठा न पायेगा इलेश दुल्हन का खर्चा
दिव्यदृष्टि पहले वह ढूंढ़े कोई 'खोली'
तभी चढ़े बारात सजे शादी की डोली
पेट भरें किस भांति जुगत बतलाओ पुत्तर
पूछ रहे सरकार से 'जलता' हुआ सवाल
'जलता' हुआ सवाल दीजिए मोहन उत्तर
पेट भरें किस भांति जुगत बतलाओ पुत्तर
दिव्यदृष्टि जो महंगा करते नित्य 'निवाला'
कब तक उनका साथ निभाओगे तुम लाला
बुधवार, 19 अगस्त 2009
इसीलिए हो गए एक झटके में आउट
नहीं भाजपा को हुए सपने में स्वीकार
सपने में स्वीकार, न कोई इसमें डाउट
इसीलिए हो गए एक झटके में आउट
दिव्यदृष्टि जो भी छोड़ेगा भगवा रस्ता
बांध दिया जायेगा प्यारे उसका बस्ता
आये दिन ईमान बेचते अपना शातिर
इज्जत हिन्दुस्तान की खोते वो नादान
खोते वो नादान चन्द पैसे की खातिर
आये दिन ईमान बेचते अपना शातिर
दिव्यदृष्टि इसलिए यही पैगाम हमारा
दे दुष्टों को दण्ड दिखाएं दिन में तारा
मंगलवार, 18 अगस्त 2009
दिखलाया कप्तान ने धमकीवाला हाथ
डीडीसीए में उन्हें 'दैत्य' रहे अब दीख
अत: रुष्ट हो चौधरी वीरू बोले चीख
वीरू बोले चीख जेटली जज्बा सुनिए
भ्रष्टाचारविहीन सिलेक्टर उम्दा चुनिए
दिव्यदृष्टि यदि हटे न भ्रष्टाचारी रावन
रण-जी में थामेंगे हरियाणा का दामन
दिखलाया कप्तान ने धमकीवाला हाथ
फौरन हुए सपोर्ट में नेहरा-गौतम साथ
नेहरा-गौतम साथ, नहीं शरमा शरमाये
वह भी बागी बने अंतत: खुलकर आये
दिव्यदृष्टि दीवार अरुण की उन्हें ढहानी
अत: करप्शन की गढ़ बैठे राम कहानी
सोमवार, 17 अगस्त 2009
वही राइटर दुनिया में फौरन बिक जाए
कहते हैं जसवंत जी किए शब्द श्रृंगार
किए शब्द श्रृंगार लिखी है नूतन पोथी
भरीं अनर्गल बातें उसमें जमकर थोथी
दिव्यदृष्टि जो भी जिन्ना को ग्रेट बताए
वही राइटर दुनिया में फौरन बिक जाए
गुरुवार, 13 अगस्त 2009
दी हमको सरकार ने सौ दिन रोटी-दाल
दी हमको सरकार ने सौ दिन रोटी-दाल
सौ दिन रोटी-दाल मजे से धनिया खाये
बदले में मनमोहन के 'गोबर' गुण गाये
दिव्यदृष्टि नित खुशहाली ला रहा नरेगा
सुखिया बाकी साल भूख से भले मरेगा
मंगलवार, 11 अगस्त 2009
'पंचशील' का रोयेंगे तब पंडित दुखड़ा
भारत के टुकड़े करे जल्द नए दो-तीन
जल्द नए दो-तीन बागियों को बहकाए
'होम लैंड' की मांग शातिरों से उठवाए
दिव्यदृष्टि सीमाओं पर जब आग जलेगी
उसकी सेना लाल तोप को दाग चलेगी
सरहद पर जब देश की बिगड़ेंगे हालात
तभी 'कबूतरबाज' सब खा जाएंगे मात
खा जाएंगे मात, पड़ोसी मिल कर सारे
जमकर हमला करें तोड़ दें 'हाथ' हमारे
दिव्यदृष्टि जब हो जाएगा खंडित मुखड़ा
'पंचशील' का रोयेंगे तब पंडित दुखड़ा
निंदक को क्यों जान-बूझकर गले लगाये
बरनी से लिखवा लिए काहे आप किताब
काहे आप किताब संघ को समझ न आये
निंदक को क्यों जान-बूझकर गले लगाये
दिव्यदृष्टि 'दुश्मन' से यह अनुवाद कराना
करे नहीं स्वीकार कदाचित कभी 'घराना'
सोमवार, 10 अगस्त 2009
उन्हें बांग्लादेश तुरत वापस भिजवाए
अब उनके मन में उठी होम लैंड की चाह
होम लैंड की चाह, बढ़ा कर ताकत भारी
नए इलाके की करते शातिर तैयारी
दिव्यदृष्टि इसलिए न भारत देर लगाए
उन्हें बांग्लादेश तुरत वापस भिजवाए
शुक्रवार, 7 अगस्त 2009
करें शिष्ट व्यवहार कीमती समय बचाएं
नहीं रहेंगे सदन में वे प्रतिनिधि आबाद
वे प्रतिनिधि आबाद नसीहत देतीं मीरा
पब्लिक ने है चुना मानकर उनको हीरा
दिव्यदृष्टि इसलिए न ज्यादा शोर मचाएं
करें शिष्ट व्यवहार कीमती समय बचाएं
दिए दर्जनों मार तनिक भी लाज न आई
जमकर अजमल ने करी दिए दर्जनों मार
दिए दर्जनों मार तनिक भी लाज न आई
फिर भी होकर ढीठ मांगता मटन कसाई
दिव्यदृष्टि इसलिए नया नुस्खा अपनाओ
मारो पागल स्वान भूनकर उसे खिलाओ
गुरुवार, 6 अगस्त 2009
जब मांगे कश्मीर तमाचा मुंह पर धरिए
नीयत पाकिस्तान की मित्र नहीं है नेक
मित्र नहीं है नेक, जंगजू शिविर चलाए
हत्यारे, हथियार नित्य शातिर भिजवाए
दिव्यदृष्टि इसलिए दुष्ट से बात न करिए
जब मांगे कश्मीर तमाचा मुंह पर धरिए
बुधवार, 5 अगस्त 2009
भाई बनकर राखी से 'राखी' बंधवा लें
राखी के मन में अभी है उनका सम्मान
है उनका सम्मान भले वह बनी न बीवी
इज्जत फिर भी खूब उन्हें दिलवाए टीवी
दिव्यदृष्टि इसलिए नया रिश्ता अपना लें
भाई बनकर राखी से 'राखी' बंधवा लें
मंगलवार, 4 अगस्त 2009
जमकर भ्रष्टाचार कर रहे तेल मिनिस्टर
देते सतत मुकेश को अरबों का उपहार
अरबों का उपहार लाभ उसको पहुंचाएं
बदले में मुरली खुद 'मोटा माल' बनाएं
दिव्यदृष्टि आरोप मुलायम मढ़ें सिनिस्टर
जमकर भ्रष्टाचार कर रहे तेल मिनिस्टर
सोमवार, 3 अगस्त 2009
राखी ने चुन ही लिया दूल्हा आखिरकार
हुआ 'स्वयंवर' पूर्ण पर शादी से इनकार
शादी से इनकार, मगर 'डेटिंग' पर जाएं
जांच-परखकर ही विवाह का मूड बनाएं
दिव्यदृष्टि जब 'पूर्ण तसल्ली' होगी भाई
तभी बजेगी उनके घर-आंगन शहनाई
शनिवार, 1 अगस्त 2009
बूटा का बेटा गया पकड़ा लेते घूस
सरबजोत से कर रहे पूछताछ जासूस
पूछताछ जासूस छिपाओ नहीं सचाई
इतनी मोटी रकम कहां से कैसे आई
दिव्यदृष्टि वह बोला मेरी नहीं खता है
डैडी को इस बारे में सब साफ पता है
शुक्रवार, 31 जुलाई 2009
जीते कैसे जंग भला फिर फौजी दस्ता
उनमें से अधिकांश अब पड़े हुए बेकार
पड़े हुए बेकार, किसी की गोली गीली
लगा किसी को जंग तोप है कोई ढीली
दिव्यदृष्टि है हथियारों की हालत खस्ता
जीते कैसे जंग भला फिर फौजी दस्ता
गुरुवार, 30 जुलाई 2009
शीला की हट्टी गए लेने सस्ती दाल
शीला की हट्टी गए लेने सस्ती दाल
लेने सस्ती दाल, माल का टोटा भारी
हुई सुबह से शाम न दीखी कोई लारी
दिव्यदृष्टि जब नहीं एक भी दाना पाए
सिर धुनते पछताते लौटे मुंह लटकाए
बुधवार, 29 जुलाई 2009
महबूबा के हमलों का हो गया कबाड़ा
फंसे शोपियां कांड में जो नेता मुंहजोर
मचा रहे कश्मीर में वे ही शातिर शोर
वे ही शातिर शोर बेवजह करते चुगली
अत: उमर ने फेंकी इस्तीफे की गुगली
दिव्यदृष्टि नैतिकता का है बजा नगाड़ा
महबूबा के हमलों का हो गया कबाड़ा
मंगलवार, 28 जुलाई 2009
दाल-भात के बदले मुर्गी रोल मिलेगा
जरा गौर से वे करें खाने का उपयोग
खाने का उपयोग बंद पैकेट जो पाएं
पहले सूंघें, पढ़ें तभी वे उसको खाएं
दिव्यदृष्टि वर्ना लोगों का हृदय हिलेगा
दाल-भात के बदले मुर्गी रोल मिलेगा
सोमवार, 27 जुलाई 2009
महबूबा की मांग पर उमर न देते कान
घाटी में कानून का रोज गिर रहा मान
रोज गिर रहा मान खूब गुस्से में मुफ्ती
करें सदन में शोर देख सरकारी सुस्ती
'दिव्यदृष्टि' पीडीपी करती हल्ला-गुल्ला
मौज मनाएं मगर मस्त बैठे अब्दुल्ला
शनिवार, 25 जुलाई 2009
भेज रही कश्मीर में नित नफरत के नाग
जिनके विष से फैलती उग्रवाद की आग
उग्रवाद की आग, सज्जनों को झुलसाये
किंतु दुर्जनों के मन को काफी हुलसाये
दिव्यदृष्टि मक्कार बहुत आई एस आई
अमरीकी जनरल ने जग को बात बताई
शुक्रवार, 24 जुलाई 2009
चाटुकारिता चर्म पर है मित्रो आसीन
रोज सदन में बाजती बेशर्मी की बीन
बेशर्मी की बीन करें प्रतिनिधि हंगामा
नाम सुरक्षा का लेकर होता नित ड्रामा
समय कीमती नष्ट करें एमपी झगड़ालू
पर बैठे खामोश मुलायम-माया-लालू
पटना की घटना बहुत शर्मनाक है मित्र
उससे धूमिल हो रहा लोकतंत्र का चित्र
लोकतंत्र का चित्र, छेड़खानी जो करते
वह वैयक्तिक आजादी ज्वाला पर धरते
दिव्यदृष्टि युवती को कर देना निर्वसना
शर्मनाक है मित्र बहुत पटना की घटना
बुधवार, 22 जुलाई 2009
लोग कहें बेशर्म, बड़ी हरकत बचकानी
भारत में उसको अधिक लोग कहें बेशर्म
लोग कहें बेशर्म, बड़ी हरकत बचकानी
काफी महंगी पड़े हिन्द को वह नादानी
कोतवाल को दिव्यदृष्टि ज्यों डाकू डांटे
मार रहे गीलानी त्यों ही मुंह पर चांटे
फौरन ही उस पर गिरे पाबंदी की गाज
फौरन ही उस पर गिरे पाबंदी की गाज
पाबंदी की गाज, नौकरी खोयें शातिर
आसमान में रहें सदा महफूज मुसाफिर
नहीं प्लेन में दिव्यदृष्टि कतई चढ़ पाये
जो भी दारूबाज पायलट पकड़ा जाये
मंगलवार, 21 जुलाई 2009
कौन करे प्रतिरोध किसी में शेष न बूता
बहुत हुए उद्दंड वे सब अमरीकी स्वान
सब अमरीकी स्वान, सूंघते बटुआ जूता
कौन करे प्रतिरोध किसी में शेष न बूता
दिव्यदृष्टि उनकी बदनीयत को पहचानो
वर्ना देश गुलाम बने यह निश्चित जानो
सोमवार, 20 जुलाई 2009
बसपा शासन में खुलें फौरन उसके भाग
बसपा शासन में खुलें फौरन उसके भाग
फौरन उसके भाग, राग माया(वी)गाये
मुंह भर-भरकर रोज सियासी गन्ना खाये
दिव्यदृष्टि दरकार तरक्की की यदि भाई
अग्निकांड करने वालों की कर अगुवाई।
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
रोजगार की राशि किंतु हाथी खा जाये
नहीं नरेगा पर जरा है माया का ध्यान
है माया का ध्यान केन्द पैसा भिजवाए
रोजगार की राशि किंतु हाथी खा जाये
काम न कोई दिव्यदृष्टि कुछ दीखे दूजा
बुत बनवाएं रोज करें अपनी शव पूजा
गुरुवार, 16 जुलाई 2009
करे तरक्की देश निरंतर जय हो जय हो
कार्य संस्कृति में तभी आ पायेगा ज्वार
आ पायेगा ज्वार, खत्म हो दखलंदाजी
बनें न नौकरशाह, सियासी नेता काजी
दिव्यदृष्टि जब काम करेंगे हम निर्भय हो
करे तरक्की देश निरंतर जय हो जय हो
निन्दनीय करतूत बहुत ही उनकी भाई
उसका नहीं समाज में कतई कोई मोल
कतई कोई मोल, भावना जो भड़काए
उसे जेल की हवा खूब कानून खिलाए
दिव्यदृष्टि जिसने उनके घर आग लगाई
निन्दनीय करतूत बहुत ही उनकी भाई
बुधवार, 15 जुलाई 2009
कर ले प्राणायाम मिटे मरियल मोटापा
वे सारे जम कर करें भारी मेहनत, योग
भारी मेहनत, योग, मशवरा मन में धारें
तन की चर्बी घटे डंड-बैठक नित मारें
दिव्यदृष्टि तू तज प्यारे गोली का स्यापा
कर ले प्राणायाम मिटे मरियल मोटापा
सोमवार, 13 जुलाई 2009
साफ कहें मायावती करके लंबी नाक
साफ कहें मायावती करके लंबी नाक
करके लंबी नाक बताएं अनुभव सांचे
जहां मिले संकेत वहीं पर जाकर नाचे
दिव्यदृष्टि मत करो भरोसा इसपर भाई
कठपुतली नापाक केन्द की सीबीआई
रविवार, 12 जुलाई 2009
बेशक उनको लोग बिहारी बाबू बोलें
मगर मुंबई का बहुत लदा शत्रु पर कर्ज
लदा शत्रु पर कर्ज, यहीं से रोजी-रोटी
हासिल हुई प्रसिद्धि कमाई काफी मोटी
दिव्यदृष्टि इसलिए न उनकी नीयत तोलें
बेशक उनको लोग बिहारी बाबू बोलें
शुक्रवार, 10 जुलाई 2009
बादशाह से डाक्टर बने शाह रुख खान
मिला उन्हें इंग्लैंड में पीएच।डी. का दान
पीएच।डी. का दान बघारें जमकर शेखी
बॉलीवुड की शान आज दुनिया ने देखी
दिव्यदृष्टि इसलिए फिल्म में जो हकलाएं
सब 'मन्नत' में डिगरी हेतु कतार लगाएं
गुरुवार, 9 जुलाई 2009
पत्र-पत्रिका भेज बोरियत दूर कीजिए
अजमल आमिर का करें अत: आप सम्मान
अत: आप सम्मान 'अतिथि देवो भव' गाएं
जल्द करें उपलब्ध अल्पसंख्यक सुविधाएं
दिव्यदृष्टि सेवा उसकी भरपूर कीजिए
पत्र-पत्रिका भेज बोरियत दूर कीजिए
बुधवार, 8 जुलाई 2009
रीते मेघ निहार कर चिंतित हुए किसान
वर्षा के उसको कहीं दीखें नहीं निशान
दीखें नहीं निशान धान की रुकी बुआई
उपजा अगर न अन्न बढ़े भारी महंगाई
दिव्यदृष्टि आषाढ़ गया पहले ही रूखा
मरें भूख से लोग रहा यदि सावन सूखा
सोमवार, 6 जुलाई 2009
ज्यादातर बाजार प्रणव से दीखे आहत
उन सब के पल्ले जरा पड़ा नहीं कुछ खास
पड़ा नहीं कुछ खास, रही नाकाफी राहत
ज्यादातर बाजार प्रणव से दीखे आहत
दिव्यदृष्टि संसद में बेशक धाक जमा दी
पर प्यासे को महज ओस की बूंद थमा दी
गिरमिटियों के देश में पाये ज्यों ही जीत
सब को बतलाने लगे धोनी त्यों ही मीत
धोनी त्यों ही मीत तीत अब लगे न कोई
करें सभी से प्रीत नहीं कतई बदखोई
दिव्यदृष्टि विश्वास सभी के लिए जताएं
इसीलिए युवी को दल की रीढ़ बताएं
शनिवार, 4 जुलाई 2009
हुए पराजित गेल रह गए हक्का-बक्का
टीम इंडिया का मगर हुआ नहीं नुकसान
हुआ नहीं नुकसान इंडियन प्लेयर चमके
गौतम और दिनेश खेल दिखलाए जमके
दिव्यदृष्टि धोनी ने मारा जमकर धक्का
हुए पराजित गेल रह गए हक्का-बक्का
शुक्रवार, 3 जुलाई 2009
ममता दीदी ने किया ममता का इजहार
सुविधाओं का रेल में लगा दिया अंबार
लगा दिया अंबार, मुलम्मा नया चढ़ाया
नहीं किसी दर्जे का भाड़ा कहीं बढ़ाया
दिव्यदृष्टि दुखियों मजदूरों की बन आई
सब पायेंगे 'पास पचीसा' मासिक भाई
कहते अपने आपको राहुल नेक किसान
किन्तु लग्जरी मॉल में बैठे खोल दुकान
बैठे खोल दुकान, सियासी सौदा तोलें
शपथपत्र दे झूठ रोज पब्लिक से बोलें
दिव्यदृष्टि जनसेवक की है यही निशानी
'माल' बनाएं मॉल बताएं मगर किसानी
गुरुवार, 2 जुलाई 2009
चल मन्नू के साथ बढ़ा परिवार नियोजन
अब उन पर कानून की नहीं गिरे तलवार
नहीं गिरे तलवार, प्यार आपस में कर लें
बेपनाह खुशियां अपने जीवन में भर लें
दिव्यदृष्टि तू तज दे नैतिकता का रोदन
चल मन्नू के साथ बढ़ा परिवार नियोजन
बढ़े तेल के दाम, मुसीबत माथे आई
आम बजट के पूर्व ही बढ़े तेल के दाम
बढ़े तेल के दाम, मुसीबत माथे आई
महंगी हो हर चीज न पूरी पड़े कमाई
दिव्यदृष्टि दुखियारे प्यारे कर ले फाका
ले धीरज से काम झेल सरकारी डाका
बुधवार, 1 जुलाई 2009
मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला
इन्द्र देव ने की कृपा शीतल पड़ी फुहार
शीतल पड़ी फुहार चतुर्दिक बदली छाई
मिली धूप से मुक्ति घटा घनघोर सुहाई
दिव्यदृष्टि हरषाये तन मन उपवन गीला
मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला
मंगलवार, 30 जून 2009
खड़ी करें मनमोहन उसकी फौरन खटिया
उसे बचाने के लिए मंत्री बना दलाल
मंत्री बना दलाल, फोन करके धमकाए
उस पर ऐसा दोष नेक जज स्वयं लगाए
दिव्यदृष्टि की राय बड़ी ये हरकत घटिया
खड़ी करें मनमोहन उसकी फौरन खटिया।
शुक्रवार, 26 जून 2009
बादशाह वह पॉप का छोड़ गया अब सेज
बादशाह वह पॉप का छोड़ गया अब सेज
छोड़ गया अब सेज थमी पांवों की थिरकन
क्रूर काल ने छीनी उसके दिल की धड़कन
दिव्यदृष्टि खामोश हो गया गायक गुनिया
जक्सन को दे रही आज श्रद्धांजलि दुनिया
गुरुवार, 25 जून 2009
पढ़ने-लिखने में करें समय न बच्चे नष्ट
दसवीं में तो और ही होता उनको कष्ट
होता उनको कष्ट, साफ मंत्री जी कहते
नाहक माता-पिता मुफ्त टेंशन में रहते
दिव्यदृष्टि दे रहे अत: सिब्बल जी नारा
टेंथ बोर्ड से कर लें सब स्कूल किनारा
मंगलवार, 23 जून 2009
गत वर्षों की भांति नहीं हमको बहकाना
हो जाएगी तपन सब शुक्रवार को फ्यूज
शुक्रवार को फ्यूज, झमाझम बरसे पानी
खेत, बाग, वन सभी भिगोयें बरखा रानी
दिव्यदृष्टि हे मॉनसून जी वचन निभाना
गत वर्षों की भांति नहीं हमको बहकाना
मॉनसून मनहूस न लाए फिर भी सावन
मौसम का होने लगा त्यों ही गर्म मिजाज
त्यों ही गर्म मिजाज निरंतर तपते तन-मन
मॉनसून मनहूस न लाए फिर भी सावन
दिव्यदृष्टि फिर अल नीनो की फैली माया
होगी चौपट फसल बढ़ी सूखे की छाया
शुक्रवार, 19 जून 2009
राहुल बाबा बढ़े निरन्तर आयु तुम्हारी
देने को शुभकामना लेकर नीयत नेक
लेकर नीयत नेक, गा रहे कोरस भारी
राहुल बाबा बढ़े निरन्तर आयु तुम्हारी
दिव्यदृष्टि सब शुभचिंतक बोलें बौराये
मगर बर्थडे बॉय देश में नजर न आये
बुधवार, 17 जून 2009
ग्लोबल मंदी से रही जो दुनिया बेहाल
होने वाली है वही जल्दी ही खुशहाल
जल्दी ही खुशहाल विदेशी बैंक बताए
नहीं नौकरी का संकट अब कहीं सताए
दिव्यदृष्टि चहुँओर बढ़े जमकर सरमाया
नज़र न आए भूले से छंटनी की छाया
ओबामा जी जगत के जाहिर मक्खीमार
ओबामा जी जगत के जाहिर मक्खीमार
जाहिर मक्खीमार, उन्हें जो दुष्ट सताए
मक्खी की मानिंद जिंदगी वही गंवाए
दिव्यदृष्टि अब जो भी हठधर्मी धारेंगे
दारोगा जी उन्हें समझ मक्खी मारेंगे
मंगलवार, 16 जून 2009
रोज पड़े डाका भले आए दिन हो लूट
रोज पड़े डाका भले आए दिन हो लूट
आए दिन हो लूट, जान से प्रहरी जाएं
शीला रानी किंतु जीत का जश्न मनाएं
दिव्यदृष्टि महफूज नहीं हैं दिल्ली वाले
मिलीभगत में मस्त मगर बैठे रखवाले
लेकर लल्लू टीम गए ही थे क्यों भैया
इसीलिए इंग्लैंड में पिटे सभी बलवान
पिटे सभी बलवान दर्द से दूखी पसली
यही हार का मित्रो दीखे कारण असली
दिव्यदृष्टि था पता अगर डूबेगी नैया
लेकर लल्लू टीम गए ही थे क्यों भैया
सोमवार, 15 जून 2009
देना पड़ा 'लगान' लुटाकर लौटे खोखा
नहीं तनिक भी जम सके टी-20 में पांव
टी-20 में पांव, हाथ की हटी हरारत
खूब पिटे बलवान हार की लिखी इबारत
दिव्यदृष्टि इस बार दे गई किस्मत धोखा
देना पड़ा 'लगान' लुटाकर लौटे खोखा
शनिवार, 13 जून 2009
समझ न आएं अदाकारियां ये धोनी की
कभी शऊर, कभी ढंग वो बदलते हैं।।
अजीब आरजू, हसरत अजीब है उनकी,
जो शख्स करता उन्हें तंग वो बदलते हैं।
समझ न आएं अदाकारियां ये धोनी की,
पहले मैदान में गिरते हैं फिर सम्हलते हैं।
दिखा न ताव जरा दिव्यदृष्टि तू इतना,
नर्मजोशी से हक में जंग वो बदलते हैं।
शुक्रवार, 12 जून 2009
बीजेपी की हार से दुखी बड़े जसवंत
बीजेपी की हार से दुखी बड़े जसवंत
दुखी बड़े जसवंत, दर्द से फाटे छाती
देख दुर्दशा अपनी भेजी कड़वी पाती
दिव्यदृष्टि हे 'नाथ दीजिए फौरन उत्तर
क्योंकर पाये पद, पावर पंजाबी पुत्तर
गुरुवार, 11 जून 2009
सचमुच दिल्ली पुलिस ग्रेट है मेरे भाई
मगर महकमे में मजा मारें रिश्वतचन्द
मारें रिश्वतचन्द, 'मंथली' मोटी ऐंठें
बीट, डिवीजन में सब भ्रष्टाचारी बैठें
दिव्यदृष्टि दो नंबर की बढ़ रही कमाई
सचमुच दिल्ली पुलिस ग्रेट है मेरे भाई
बुधवार, 10 जून 2009
जींस टॉप छोड़ें कुडि़यां सब साड़ी पहनें
सारी टीचर, गर्ल्स यह सुनें दिलों को थाम
सुनें दिलों को थाम, तजें मोबाइल, गहने
जींस टॉप छोड़ें कुडि़यां सब साड़ी पहनें
बिन बाजू ब्लाउज पहने जो टीचर नारी
लगे कानपुर में उस पर जुर्माना भारी
त्याग तुगलकी फैसला ले सख्ती से काम
शासन गुण्डों पर कसे फौरन तेज लगाम
फौरन तेज लगाम, दिखाए ताकत असली
तुरत मनचलों की तोड़े वह हड्डी-पसली
दिव्यदृष्टि खामोश बैठ मत हाथ हिलाए
करके उनको कैद जेल की हवा खिलाए
गांधी जी के चेले कतई करें न हमला
किंतु रहें खामोश सब परदेसी मेहमान
परदेसी मेहमान, कहे सरकारी अमला
गांधी जी के चेले कतई करें न हमला
दिव्यदृष्टि बेशक वे चाकू छुरियां खाएं
फिर भी वे हथियार हाथ में नहीं उठाएं
साथ सहवाग के हुई जो भी,
किट उन्हें बेवजह पड़ी ढोनी।
चौधरी मुल्क आ गए वापस,
शक्ल-सूरत लिए हुए रोनी।।
दर्द कंधे से दिल में जा पहुंचा,
नीर नयनों का हो गया नोनी।
साथ सहवाग के हुई जो भी,
है बड़ी दर्दनाक वो होनी।
लोग बदनाम कर रहे नाहक,
खेल का जानते धरम धोनी।
दिव्यदृष्टि हया सलामत रख,
गर तुझे है नहीं शरम खोनी।
मंगलवार, 9 जून 2009
कंगारू अब क्रिकेट में नहीं रहे बेजोड़
उनको नींबू की तरह लंका गया निचोड़
लंका गया निचोड़, होड़ से बाहर आए
रिकी पॉन्टिंग वापस लौटे मुंह लटकाए
दिव्यदृष्टि जो बहुत मारते थे कल शेखी
आज उन्हीं की दशा न उनसे जाये देखी
रविवार, 7 जून 2009
पांच दशक तक मंच पर छाये रहे हबीब
पंच तत्व में ले गया आखिर उन्हें नसीब
आखिर उन्हें नसीब, हो गया पूरा नाटक
अंतिम पर्दा गिरा बंद जीवन का फाटक
दिव्यदृष्टि की दुआ यही जन्नत वह पायें
तन-मन से तनवीर थियेटर नया सजायें।
शुक्रवार, 5 जून 2009
सिसकें लालू-राबड़ी छूटी उनकी रेल
रोजाना घटता उधर लालटेन का तेल
लालटेन का तेल रास्ता कौन दिखाए
पलभर में दामाद गगन से भू पर आए
दिव्यदृष्टि फिर रहे भरे आखों में पानी
बनें नहीं हमदर्द मगर सोनिया भवानी
गुरुवार, 4 जून 2009
बाबू हिन्दुस्तान के काहिल, लापरवाह
रिश्वतखोरी की नहीं उनकी कोई थाह
उनकी कोई थाह, घूस जिससे ना पाएं
भ्रष्टाचार शिरोमणि उसको खूब सताएं
दिव्यदृष्टि बे-नोट रहेगी जो भी फाइल
नौ दिन में वह सरकेगी बस ढाई माइल
देवि सोनिया ने किया मीरा पर उपकार
महिला स्पीकर सदन पाया पहली बार
पाया पहली बार, कह रहे लोग सयाने
लोक सभा में गूंजेंगे सुर सुखद सुहाने
दिव्यदृष्टि जो लोग दिखाएंगे अब हेठी
उन्हें दनादन दंडित करे दलित की बेटी
सोमवार, 1 जून 2009
खाई प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया मात
खाई प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया मात
टीम इंडिया मात, भात भत्ता नहिं भाये
प्रथम कौर में ही मक्खी धोनी जी पाये
दिव्यदृष्टि आगाज देख आ रहा पसीना
क्या होगा अंजाम अभी तो शेष महीना
शनिवार, 30 मई 2009
नहीं चाहिए उनसे कोई 'सनद' मिठाई
बिगबी उससे लें नहीं मानद एक उपाधि
मानद एक उपाधि, इसे कंगारू सुन लें
उत्तम होगा यही प्रेम पथ फौरन चुन लें
दिव्यदृष्टि तुलबा की जो कर रहे पिटाई
नहीं चाहिए उनसे कोई 'सनद' मिठाई
शुक्रवार, 29 मई 2009
समझ नहीं पायें मन्नू के तर्क अजूबे
कम मंत्री पाए मगर यूपी और बिहार
यूपी और बिहार, बड़े ही दोनों सूबे
समझ नहीं पायें मन्नू के तर्क अजूबे
दिव्यदृष्टि जिनकी थी ज्यादा दावेदारी
आज हो गए लुप्त वही उत्तराधिकारी
नस्लभेद के हो रहे स्टूडेंट शिकार
जारी है परदेस में उन पर अत्याचार
उन पर अत्याचार, मार खाते बेचारे
धरे हाथ पर हाथ मगर बैठे हरकारे
दिव्यदृष्टि मनमोहन रोकें दुष्ट दुधारी
छात्र-छात्रा करें फजीहत वरना भारी
गुरुवार, 28 मई 2009
मंत्री की भरमार जेब पर बोझ बढ़ेगा
किंतु दूसरी तरफ है मंत्री की भरमार
मंत्री की भरमार जेब पर बोझ बढ़ेगा
आम आदमी का पारा दिनरात चढ़ेगा
दिव्यदृष्टि बेकाबू हो बेशक महंगाई
मन्नूभाई को फिर भी दे थोक बधाई
सोमवार, 25 मई 2009
दोनों ग्वाले आजकल दीख रहे मायूस
मनमोहन को लग रहे दोनों ही मनहूस
दोनों ही मनहूस मुलायम लालू शातिर
बिन मांगे दे रहे समर्थन कुर्सी खातिर
दिव्यदृष्टि राहुल का मन पहले ही खट्टा
ऐसे में अब कौन पिलाये उनको मट्ठा
शनिवार, 23 मई 2009
रन बरसा कर खूब बन गए गिल्ली नाहर
सेमी में लेकिन गई डक्कन उसको जीम
डक्कन उसको जीम किया मैदां से बाहर
रन बरसा कर खूब बन गए गिल्ली नाहर
दिव्यदृष्टि दिलशान बहुत ही जोर लगाए
फिर भी अपनी हार चौधरी बचा न पाए
कांग्रेस कर लेगी उससे फौरन कुट्टी
मंत्रालय खातिर उन्हें भाये नहीं कलेश
भाये नहीं कलेश करें बेशक फरमाइश
ब्लैकमेल की नहीं मगर कोई गुंजाइश
दिव्यदृष्टि जो नहीं पिये गठबंधन घुट्टी
कांग्रेस कर लेगी उससे फौरन कुट्टी
शुक्रवार, 22 मई 2009
पहले जैसे हैं नहीं मनमोहन 'कमजोर'
इस चुनाव में ऊर्जा काफी लिए बटोर
काफी लिए बटोर, नहीं कोई लाचारी
मिला समर्थन उन्हें बिना मांगे ही भारी
दिव्यदृष्टि यह सच्चाई करुणा पहचानें
कुनबे खातिर रार नहीं वह नाहक ठानें
गुरुवार, 21 मई 2009
मनमोहन से चल रहा मोलभाव का दौर
सब सहयोगी चाहते सुखद सियासी कौर
सुखद सियासी कौर, मांगते सभी रसीले
बिगड़ न जाए स्वाद अत: बन रहे हठीले
दिव्यदृष्टि कर रहे समर्थक शोर-शराबा
दो मनमाफिक माल, चलाना है यदि ढाबा
बुधवार, 20 मई 2009
ममता मैडम ने किया इच्छा का इजहार
उनको मंत्रालय मिलें मधुर मलाईदार
मधुर मलाईदार, रसायन, रेल, उर्वरक
दीजे लोहा हेल्थ रहे तृणमूल चकाचक
दिव्यदृष्टि 'करुणा' भी करते सौदेबाजी
मांग देखकर सन्न हुए मनमोहन पा'जी
मंगलवार, 19 मई 2009
लालटेन की हो गई बहुत रोशनी मंद
लालटेन की हो गई बहुत रोशनी मंद
बहुत रोशनी मंद, तेल का भारी टोटा
इसीलिए तो घटा मेल का प्यारे कोटा
ससम्मान यदि मनमोहन से करते यारी
नहीं भिखारी जैसी होती दशा तुम्हारी
सोमवार, 18 मई 2009
गाएं लालू-राबड़ी मिलकर गर्दिश गान
वोटर को भाई नहीं कतई उनकी तान
कतई उनकी तान गला दोनों ने फाड़ा
फोड़ दिए नीतीश बीच में मगर नगाड़ा
दिव्यदृष्टि सूने तम्बू किस भांति सजाएं
मिलकर गर्दिश गान राबड़ी-लालू गाएं
पासवान का कारवां छूट गया है दूर
पासवान का कारवां छूट गया है दूर
हाजीपुर में हार की मार पड़ी भरपूर
मार पड़ी भरपूर, नहीं ले पाए लोहा
फिर भी जोड़ें हाथ निरंतर गाएं दोहा
दिव्यदृष्टि ऐरा-गैरा कोई पद दीजे
मनमोहनजी मगर मंत्रिमंडल में लीजे
लीडर हाथी छाप बन गए सारे चींटी
पाई उसने सात में नहीं एक भी सीट
नहीं एक भी सीट, बजाई ऐसी सीटी
लीडर हाथी छाप बन गए सारे चींटी
दिव्यदृष्टि हे राम सहारा बनिए इनका
वरना बिखरेंगे बेचारे तिनका-तिनका
रविवार, 17 मई 2009
मतदाता के मन बसा मनमोहन का काम
इसीलिए उसने दिया पुरसुकून ईनाम
पुरसुकून ईनाम मिली इस बार तरक्की
कांग्रेस की नीव हुई पहले से पक्की
दिव्यदृष्टि भारत बुलंद हो रहा टनाटन
मनमोहन का काम बसा मतदाता के मन
शांत हो गया जोश फिरा किस्मत पर पानी
सॉलिड नेता के उड़े इस चुनाव में होश
इस चुनाव में होश, रोश में दीखे वोटर
पहुंची साउथ ब्लॉक नहीं बीजेपी मोटर
दिव्यदृष्टि परिणाम देख आहत अडवानी
शांत हो गया जोश फिरा किस्मत पर पानी
बीती ताहि बिसार, परस्पर माफ कीजिए
उसे भूलना ही भला, सबकी यही रटास
सबकी यही रटास, दिलों को साफ कीजिए
बीती ताहि बिसार, परस्पर माफ कीजिए
दिव्यदृष्टि हो रही एक-दूजे से विनती
आओ मिलकर करें पूर्ण जादू की गिनती
नहीं वरुण पर रासुका हेतु उचित आधार
किया उच्चतम कोर्ट ने व्यक्त यही उद्गार
व्यक्त यही उद्गार, खार खाए थीं माया
इसीलिए नन्हें गांधी को खूब सताया
दिव्यदृष्टि यदि यही राय पहले आ जाती
हमदर्दी का वोट भाजपा भी पा जाती।
अमर प्रेम से रुष्ट हैं भाई आजम खान
अमर प्रेम से रुष्ट हैं भाई आजम खान
भाई आजम खान जया की करें खिलाफत
हुए समर्थक बागी सिर पर आई आफत
दिव्यदृष्टि बेजार बहुत है फिल्मी नारी
देगी अपनी जान अगर हारी इस बारी
शनिवार, 9 मई 2009
पब्लिक पीलीभीत की फेंके उसे उखाड़
पब्लिक पीलीभीत की फेंके उसे उखाड़
फेंके उसे उखाड़, हमें अब वहां न रहना
जहां पड़े दुख-दर्द निरन्तर हमको सहना
दिव्यदृष्टि यह तथ्य जानती जनता सगरी
नहीं वरुण के रहने लायक माया नगरी
शुक्रवार, 8 मई 2009
एक घूंट पी शेन ने लौटाया ज्यों जाम
तभी मचाने लग गए छुटभैये कोहराम
छुटभैये कोहराम कौन उनको समझाए
शैम्पेन सम्मान सहित यदि मित्र पिलाए
दिव्यदृष्टि है मानवता का यही तकाजा
फौरन गीला करें गला जयपुरिया राजा
गुरुवार, 7 मई 2009
पुलिस प्रशासन देश का अति संवेदनहीन
पुलिस प्रशासन देश का अति संवेदनहीन
नैतिकता का ग्राफ नित छूने लगा जमीन
छूने लगा जमीन, रोज पब्लिक धिक्कारे
मगर महकमा मस्त बैठकर मक्खी मारे
दिव्यदृष्टि पीड़ित महिला ने जान गंवाई
फिर भी वह इंसाफ नहीं हासिल कर पायी
बुधवार, 6 मई 2009
मुरझाएगा 'कमल' खत्म हो राम कहानी
मगर न बोलें राम को मुसलमान का बाप
मुसलमान का बाप, नहीं नफरत फैलाएं
वरना सब सेकुलर वोटर बागी हो जाएं
दिव्यदृष्टि यदि 'शेर' नहीं त्यागे नादानी
मुरझाएगा 'कमल' खत्म हो राम कहानी
सोमवार, 4 मई 2009
भगा अखाड़ा छोड़कर बसपा कैंडिडेट
बिना लड़े ही हो गई हालत मटियामेट
हालत मटियामेट, सुनाएं किसे कहानी
हाजी को मक्कार कह रहीं माया रानी
दिव्यदृष्टि धोखेबाजी का बजा नगाड़ा
बसपा कैंडिडेट छोड़ कर भगा अखाड़ा
रविवार, 3 मई 2009
खुद अपनी ही टीम नई तैयार करेंगे
हीरोइन के साथ अब खोजेंगे एकांत
खोजेंगे एकांत, यही है दिली तमन्ना
एक बार बस हां बोले डेजी बोपन्ना
दिव्यदृष्टि उससे आजीवन प्यार करेंगे
खुद अपनी ही टीम नई तैयार करेंगे
शुक्रवार, 1 मई 2009
लिए चैन की सांस मिली मोदी को राहत
चुभे नहीं अब कंठ में तनिक बाहरी फांस
तनिक बाहरी फांस कोर्ट ने दया दिखाई
गुजराती रायट की हो 'घर में' सुनवाई
दिव्यदृष्टि इस निर्णय से प्रतिपक्षी आहत
लिए चैन की सांस मिली मोदी को राहत
गुरुवार, 30 अप्रैल 2009
मुर्गा तंदूरी मिले अफजल करता मांग
भूख मिटाने के लिए उसे दीजिए टांग
उसे दीजिए टांग वरुण गांधी को हैरत
उन्हें जेल में मिली सिर्फ लौकी बेलज्जत
दिव्यदृष्टि मेहमान बना लश्कर का गुर्गा
अफजल करता मांग मिले तंदूरी मुर्गा
बुधवार, 29 अप्रैल 2009
डीटीएच के संग जोड़ लें फौरन नाता
वीरानी पसरी हुई सीन हुआ विकराल
सीन हुआ विकराल दुखी दर्शक बेचारे
नई फिल्म के नहीं हो रहे कहीं नजारे
दिव्यदृष्टि मशवरा मुफ्त प्यारे बतलाता
डीटीएच के संग जोड़ लें फौरन नाता
मंगलवार, 28 अप्रैल 2009
पाकिस्तानी ढोर, तिकड़मी शोर मचाए
त्यों ही मिमियाने लगा पाकिस्तानी ढोर
पाकिस्तानी ढोर, तिकड़मी शोर मचाए
मगर भेडि़ये को भारत में कौन बचाए
दिव्यदृष्टि अब न्यायालय ने राय जताई
नहीं जरा भी नाबालिग जल्लाद कसाई
माया से करना नहीं कभी भूलकर प्यार
माया से करना नहीं कभी भूलकर प्यार
कभी भूलकर प्यार, नहीं छोड़े ये ठगिनी
पप्पी-झप्पी दो या बेशक बोलो भगिनी
दिव्यदृष्टि मुन्ना सीखो यह सबक सयाना
वरना जाओ जेल पड़े जमकर पछताना
सोमवार, 27 अप्रैल 2009
जान कैंसर रोग मांगता है कुर्बानी
नहीं लिए बिन छोड़ता जान कैंसर रोग
जान कैंसर रोग मांगता है कुर्बानी
दिव्यदृष्टि इसलिए छोड़कर दुनिया फानी
सज़दे में फिरोज खान ने मांगी मन्नत
अता करें अल्लाह उन्हें कदमों में जन्नत
मिस्टर धोनी हो गए एक बार फिर फेल
मिस्टर धोनी हो गए एक बार फिर फेल
एक बार फिर फेल हाथ आई मायूसी
हुए समर्थक खिन्न चल पड़ी कानाफूसी
दिव्यदृष्टि दक्कन के लड़के जमकर मारे
सुपरकिंग के शेर बने बकरी बेचारे
शनिवार, 25 अप्रैल 2009
लंगड़ी घोड़ी पर मनमोहन करें सवारी
नहीं देखते इसलिए पीएम पद का ख्वाब
पीएम पद का ख्वाब, बताएं कारण राहुल
बिन बहुमत सरकार रोज रहती है ढुलमुल
दिव्यदृष्टि युवराज करें जब तक तैयारी
लंगड़ी घोड़ी पर मनमोहन करें सवारी
गुरुवार, 23 अप्रैल 2009
जियो हजारों साल तुम नन्हे सचिन महान
तुम्हें समझ कर देवता पूजे सकल जहान
पूजे सकल जहान, करे श्रद्धावश आदर
नतमस्तक हों लोग समर्थन पाओ सादर
'आउट' करने की तुमको जो करे ढिठाई
दिव्यदृष्टि उसको भी देना केक-मिठाई
सुपर गेम में यूसुफ खेल दिखाए तगड़ा
दर्शक जमकर मैच का मजा लिए भरपूर
मजा लिए भरपूर, किसी को नींद न आई
देखा मुद्दत बाद मैच होते फिर टाई
सुपर गेम में यूसुफ खेल दिखाए तगड़ा
हो पाया तब कहीं शेन का भारी पलड़ा
खुली खूब तकदीर मुग्ध हैं माया रानी
न्यूजवीक मुखपृष्ठ पर छपते ही तस्वीर
छपते ही तस्वीर, फिरें इठलाती वामा
पेपर कहने लगे उन्हें जब से ओबामा
जोड़-तोड़ कर दिव्यदृष्टि पाएं परधानी
खुली खूब तकदीर मुग्ध हैं माया रानी
डेमोक्रेसी डांस का चला दूसरा दौर
ईवीएम की ताल पर नाच रहे सिरमौर
नाच रहे सिरमौर भुलाकर अपनी हस्ती
थिरके सुषमा शरद घूमकर बस्ती-बस्ती
पासवान रघुवंश कहीं पर राहुल मटके
वोटर करते कैद सभी के लटके-झटके
बुधवार, 22 अप्रैल 2009
पिटे पीटरसन, खूब चला रोहित का बल्ला
देख जुझारुपन करे विजय माल्या हर्ष
विजय माल्या हर्ष, टीम में ताकत आई
है यह दीगर बात, नहीं मंजिल छू पाई
दिव्यदृष्टि गिलक्रिस्ट इस कदर बोले हल्ला
पिटे पीटरसन, खूब चला रोहित का बल्ला
धोनी-भज्जी गौर से सुनें खोलकर कान
हासिल हुआ नसीब से तुम्हें पद्म सम्मान
तुम्हें पद्म सम्मान, मगर फिर भी इतराए
किया घोर अपमान नहीं उत्सव में आए
दिव्यदृष्टि है क्षम्य नहीं हरकत अनहोनी
सुनें खोलकर कान गौर से भज्जी-धोनी
व्यक्ति वर्ग से है बड़ा हर हालत में देश
स्थितियां प्रतिकूल हों या दूभर परिवेश
या दूभर परिवेश, कह गए लोग सयाने
देशभक्ति का भाव न कोई बंदिश माने
दिव्यदृष्टि यह सीख बखाने नीति सर्ग से
हर हालत में देश बड़ा है व्यक्ति वर्ग से
मंगलवार, 21 अप्रैल 2009
नहीं दिखाओ दुष्ट से ज्यादा प्यार-दुलार
केस कसाई पर चला डालो उसको मार
डालो उसको मार, यही इन्साफ जंचेगा
साथ सुरक्षा पर अरबों का खर्च बचेगा
आतंकी को दिव्यदृष्टि जल्दी निबटाओ
ज्यादा प्यार-दुलार दुष्ट से नहीं दिखाओ
सोमवार, 20 अप्रैल 2009
बीच राह में टूटी चैलंजर की बोतल
चंदनवन के मेमने खाकर गिरे पछाड़
खाकर गिरे पछाड़ बहुत रोये मिमियाए
फिर भी अपनी हार पिटरसन बचा न पाए
दिव्यदृष्टि रह गया सैकड़े से कम टोटल
बीच राह में टूटी चैलंजर की बोतल
रविवार, 19 अप्रैल 2009
मस्ती में जमकर पिए सचिन जीत का जाम
मस्ती में जमकर पिए सचिन जीत का जाम
सचिन जीत का जाम करके काम लासानी
दीखे परम प्रसन्न सहित पत्नी अंबानी
दिव्यदृष्टि चल नहीं सका चेन्नै का चक्का
लिए कलेजा थाम, लगा धोनी को धक्का
रजवाड़ों की रेल हुई साबित पैसेंजर
विजय माल्या झूमकर चढ़े आर सी मेल
चढ़े आर सी मेल, चली रॉयल चैलेंजर
रजवाड़ों की रेल हुई साबित पैसेंजर
दिव्यदृष्टि आधी मंजिल भी पहुंच न पाई
शेन सिसकते फिरे हुई जमकर रुसवाई
परेशान हैं प्रीति, सिसकतीं शिल्पा शेट्टी
टीमें उनकी पिट गईं मिली धूल में शान
मिली धूल में शान, हुई गुम सिट्टी-पिट्टी
परेशान हैं प्रीति, सिसकतीं शिल्पा शेट्टी
दिव्यदृष्टि फिर रहे शाह रुख मारे-मारे
सीजन-टू में गर्दिश में हैं सब के तारे
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
मंत्री बनने का उसे नहीं तनिक अधिकार
मंत्री बनने का उसे नहीं तनिक अधिकार
नहीं तनिक अधिकार तमाचा मुंह पर मारे
ऐसे जनप्रतिनिधि को जनमानस धिक्कारे
दिव्यदृष्टि शिवराज नसीहत मानें मेरी
बाहर करें निकाल मंत्रिमंडल से चेरी
फिर भी चारा चोर रोज पा रहे प्रतिष्ठा
सरेआम बेशक कटे मर्यादा की नाक
मर्यादा की नाक मिटे नैतिकता-निष्ठा
फिर भी चारा चोर रोज पा रहे प्रतिष्ठा
दिव्यदृष्टि गुंडई रही यदि यूं ही चालू
लोकतंत्र को लात रोज मारेंगे लालू
भरे तिजोरी माया की दे जमकर चंदा
ठोक रहे हैं आजकल बसपा में भुजदंड
बसपा में भुजदंड, कर रहे कसरत भारी
संसद जाने की हसरत ले मन में प्यारी
दिव्यदृष्टि बन जाएगा एमपी जो बंदा
भरे तिजोरी माया की दे जमकर चंदा
गुरुवार, 16 अप्रैल 2009
सपने में भी दूं नहीं कोई गलत बयान
सपने में भी दूं नहीं कोई गलत बयान
कोई गलत बयान करें विनती करजोरे
शपथपत्र दे वरुण यही कर रहे निहोरे
बावजूद इसके न्यायालय पटा नहीं है
मिला महज पेरोल रासुका हटा नहीं है
बुधवार, 15 अप्रैल 2009
मुस्लिम मां की याद राजनीतिक मजबूरी
रैली में आई उन्हें मुस्लिम मां की याद
मुस्लिम मां की याद राजनीतिक मजबूरी
अत: वोटरों को यह कहना बहुत जरूरी
दिव्यदृष्टि सुन लें शाहिद, इमरान, घसीटा
ले नर्गिस का नाम पुलिस ने मुझको पीटा
मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
दशा पालिर्यामेंट की फिर हो डावांडोल
दशा पालिर्यामेंट की फिर हो डावांडोल
फिर हो डावांडोल, न कोई बहुमत पाए
लुंज-पुंज सरकार पुन: भारत में आए
दिव्यदृष्टि हर गठबंधन को दीखें तारे
सब ओपिनियन पोल कर रहे यही इशारे
सोमवार, 13 अप्रैल 2009
अंग्रेजी तालीम को पड़े मुलायम लात
अंग्रेजी तालीम को पड़े मुलायम लात
पड़े मुलायम लात, पिटें यूपी में टीचर
नजर न आए दफ्तर में कोई कम्प्यूटर
दिव्यदृष्टि का खेत भले रह जाए परती
लेकिन नहीं मशीन जोत पाएगी धरती
मेरी नजरों में बहुत राहुल ब्रदर महान
पीएम होगा एक दिन देखे हिन्दुस्तान
देखे हिन्दुस्तान बोलती बहन प्रियंका
नहीं योग्यता में उसकी है कोई शंका
प्यारी बहना दिव्यदृष्टि दे रही दुआएं
परधानी पाने से पहले पति बन जाएं
शनिवार, 11 अप्रैल 2009
नेकनीयती से दिए उद्धव साफ बयान
नहीं मराठा बन सके कोई पंथ प्रधान
कोई पंथ प्रधान लोग जो करते दावा
वही मराठी मानुष से कर रहे छलावा
'दिव्यदृष्टि' सेना ने सबकी ताकत तोली
इसीलिए अडवानी के फेवर में बोली
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009
कल जो जूता जगत में था पैरों की शान
आज वही अपमान का बना सही सामान
बना सही सामान दुष्ट जिस पर चल जाए
उसी सियासी लीडर की औकात घटाए
दिव्यदृष्टि बुश, टाइटलर की शामत आई
लेकर उनसे सीख संभलिए जिंदल भाई
गुरुवार, 9 अप्रैल 2009
असर दीखता साफ हुए टाइटलर टाइट
जूतेबाजी का मगर असर दीखता साफ
असर दीखता साफ हुए टाइटलर टाइट
टिकट हाथ से गया मनाते गम डे-नाइट
दिव्यदृष्टि अब पूछ रहे पीड़ित नर-नारी
सज्जन पर कब कांग्रेस की चले कटारी
बुधवार, 8 अप्रैल 2009
लगी स्वयंवर सेल फटाफट दे दे अर्जी
टीवी शो में इसलिए खोजेंगी वह कंत
खोजेंगी वह कंत, खुशी से पांव दबाए
करे खुशामद रोज न घूंघट मगर उठाए
दिव्यदृष्टि यदि छोड़ सके प्यारे खुदगर्जी
लगी स्वयंवर सेल फटाफट दे दे अर्जी
मंगलवार, 7 अप्रैल 2009
कलमकार हो क्रुद्ध कर रहे जूतेबाजी
धैर्य टूटने के मिले तबसे ठोस प्रमाण
तबसे ठोस प्रमाण बढ़ी इतनी नाराजी
कलमकार हो क्रुद्ध कर रहे जूतेबाजी
दिव्यदृष्टि की राय सभी नेतागण मानें
जनमानस का दर्द दूर करने की ठानें
सोमवार, 6 अप्रैल 2009
उसके ऊपर मित्र रासुका कौन लगाए?
साफ समझना चाहिए उसके मन में घात
उसके मन में घात, कोड को धता बताए
जमकर तुष्टीकरण करे फिर वोट पटाए
दिव्यदृष्टि सुन कर चारा चोरों की बोली
धारण कर ले मौन कमीशन वाली टोली
बेच रहा है ब्लैक में रेल टिकट तत्काल
फिर भी है बेचैन वह करता फिरे मलाल
करता फिरे मलाल, खूब रोलर चलवाता
गृह मंत्री की कुर्सी यदि जालिम पा जाता
दिव्यदृष्टि जो स्वयं किंगमेकर कहलाए
उसके ऊपर मित्र रासुका कौन लगाए?
फिर भी सोई चैन से दिल्ली पुलिस महान
फिर भी सोई चैन से दिल्ली पुलिस महान
दिल्ली पुलिस महान, नहीं बदलेगी ढर्रा
बिके नाक के नीचे उसकी बेशक ठर्रा
दिव्यदृष्टि रिश्वत की चढ़ती रोज पतीली
निगल चुकी है जान कई दारू जहरीली
रविवार, 5 अप्रैल 2009
तुमने वह टकसाल कहां लगवाई भैया
पब्लिक को बतलाइए राहुल वही उपाय
राहुल वही उपाय, समर्थक भी तो जानें
कहां करें इनवेस्ट कौन सी खोदें खानें
दिव्यदृष्टि दिन-रात जहां से झरे रुपैया
तुमने वह टकसाल कहां लगवाई भैया
शनिवार, 4 अप्रैल 2009
माफी मांगें जल्द बहुत वरना पछताएं
तो कतई होता नहीं बड़बोला मगरूर
बड़बोला मगरूर , बोलता भाषा राइट
नहीं खिलातीं उसे जेल की माया डाइट
दिव्यदृष्टि इसलिए नहीं आंसू टपकाएं
माफी मांगें जल्द बहुत वरना पछताएं
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009
वरना लेता जान वरुण की दुष्ट कसाई
त्यों ही पीलीभीत को निकल पड़ा शैतान
निकल पड़ा शैतान, कत्ल का लिए इरादा
बीच राह में मगर गया पकड़ा वह प्यादा
दिव्यदृष्टि जासूसों ने चौकसी दिखाई
वरना लेता जान वरुण की दुष्ट कसाई
गुरुवार, 2 अप्रैल 2009
बाहुबली की नाक में डाले कौन नकेल
बाहुबली की नाक में डाले कौन नकेल
डाले कौन नकेल, निडर फिरते हत्यारे
हैं नख-दंत विहीन जांचकर्मी बेचारे
'दिव्यदृष्टि' जिसने दंगे में की अगुआई
उसे क्लीन चिट सौंप रही है सीबीआई
बुधवार, 1 अप्रैल 2009
कर लेंगे उनसे अडवानी सौदेबाजी
एनडीए की पहुंच से दूर रहेगा ताज
दूर रहेगा ताज, जरा आएं सीटें कम
फिर भी नहीं मलाल न हमको है कोई गम
दिव्यदृष्टि जीतेंगे जो छुटभैये काजी
कर लेंगे उनसे अडवानी सौदेबाजी
मुन्नाभाई भर रहे जमकर ठंडी आह
न्यायालय ने रोक दी संसद वाली राह
संसद वाली राह, नहीं दी कोई राहत
अर्जी खारिज हुई दिखे बेचारे आहत
'दिव्यदृष्टि' गांधीगिरी भी काम न आई
जमकर ठंडी आह भर रहे मुन्नाभाई
मंगलवार, 31 मार्च 2009
करें कसाई के लिए जो फांसी की मांग
भारत में कानून का छह दशकों से राज
छह दशकों से राज, भले आरोपी कातिल
कानूनी इमदाद उसे हो फिर भी हासिल
दिव्यदृष्टि अधिवक्ता बिन प्रक्रिया अधूरी
संविधान का आदर करना अत: जरूरी
करें कसाई के लिए जो फांसी की मांग
उन्हें खींचनी चाहिए नहीं नियम की टांग
नहीं नियम की टांग, करेंगे जब तक निंदा
तब तक उपजे क्रोध रहेगा कातिल जिंदा
दिव्यदृष्टि इसलिए न खुद बाधा बन जाएं
देकर उसे वकील दुष्ट को सजा दिलाएं।
सोमवार, 30 मार्च 2009
फर्जी डिग्री का सारा किस्सा खुल जाए
साफ नजर आने लगी उसकी सारी पोल
उसकी सारी पोल, खोलते हैं सहपाठी
कहें तथ्य से परे वरुण की है कदकाठी
'दिव्यदृष्टि' यदि शासन इसकी जांच कराए
फर्जी डिग्री का सारा किस्सा खुल जाए
खेल दिखा गंभीर नेपियर नाक बचाए
तोड़ी फॉलोऑन की जबरदस्त जंजीर
जबरदस्त जंजीर, रार राहुल ने ठानी
सचिन सहायक बने ठने युवी लासानी
दिव्यदृष्टि लक्ष्मण खूब ही नाच नचाए
खेल दिखा गंभीर नेपियर नाक बचाए
शनिवार, 28 मार्च 2009
बीजेपी के लिए चले वोटों की आंधी
हिन्दू रक्षण के लिए लेकिन हों कुरबान
लेकिन हों कुरबान, जेल जाने को तत्पर
वरुण मसीहा बने कह रहे लोग परस्पर
दिव्यदृष्टि हो गया कैद यदि नन्हा गांधी
बीजेपी के लिए चले वोटों की आंधी
गुरुवार, 26 मार्च 2009
किसी गधे को तुझे पड़ेगा बाप बनाना
तब तक हाउस में युवा पहुंचें कैसे मीत
पहुंचें कैसे मीत, विरासत हैं जो पाए
वही विधायक बने कहीं एमपी कहलाए
दिव्यदृष्टि यदि चाहे तू संसद में जाना
किसी गधे को तुझे पड़ेगा बाप बनाना
कांग्रेस की नाव में निकले करने छेद
कांग्रेस की नाव में निकले करने छेद
निकले करने छेद, मुलायम लालू भाई
नहीं परस्पर करें वोट की कहीं लड़ाई
दिव्यदृष्टि बेचैन दिखे बेहद जद वाले
हुए भुला मतभेद एकजुट दोनों ग्वाले
बुधवार, 25 मार्च 2009
नहीं शाह रुख टीम में सौरभ हों कप्तान
जॉन बुकानन ने किया निर्णय का ऐलान
निर्णय का ऐलान, कहें किस्मत का लेखा
या रूठे बिग बॉस किया जिसने अनदेखा
रास न आई दिव्यदृष्टि बेसुरी नफीरी
हुए समर्थक सन्न न दीखे दादागीरी
कहीं जुआरी डुबा न दें कल उसकी नैया
सट्टेबाजी का बढ़ा भारी त्यों ही चांस
भारी त्यों ही चांस, बढ़ी है गहमागहमी
मगर न पाले कांग्रेस कोई खुशफहमी
दिव्यदृष्टि जो आज दीखता आगे भैया
कहीं जुआरी डुबा न दें कल उसकी नैया
आम आदमी को दिया टाटा ने उपहार
ले आए बाजार में लाख टके की कार
लाख टके की कार पारकर बाधा सारी
वादा पूरा किया उठा कर घाटा भारी
दिव्यदृष्टि जो नैनो से ममता दिखलाएं
मोदी नन्हीं कार उन्हीं के घर भिजवाएं
सोमवार, 23 मार्च 2009
अगर विषवमन से मिले बीजेपी को वोट
तो भाषा में वरुण की उसे न दीखे खोट
उसे न दीखे खोट, चोट बेशक हो गहरी
सुने न फिर भी चीख बीजेपी गूंगी-बहरी
दिव्यदृष्टि पा गए अगर अडवानी सत्ता
लोकलाज, नैतिकता का कट जाए पत्ता
रविवार, 22 मार्च 2009
धोनी ने बतला दिया टीम इंडिया बेस्ट
धोनी ने बतला दिया टीम इंडिया बेस्ट
टीम इंडिया बेस्ट, सचिन सेंचुरी जमाए
हैमिल्टन में हाथ हरभजन खूब दिखाए
दिव्यदृष्टि सब फेल हुए कीवी हथकंडे
जीता पहला टेस्ट किया काबू में वन डे
शुक्रवार, 20 मार्च 2009
सर्वश्रेष्ठ है क्रिकेट में तारा सचिन महान
लगा रहा है एकजुट नारा सकल जहान
सर्वश्रेष्ठ है क्रिकेट में तारा सचिन महान
तारा सचिन महान, सेंचुरी जब भी ठोके
चीखें बॉलर खूब किसी से रुके न रोके
दिव्यदृष्टि प्रतिमान नए नित बना रहा है
नारा सकल जहान एकजुट लगा रहा है
गुरुवार, 19 मार्च 2009
कल जो बेटी थी गई अडवानी से रूठ
वही दुबारा खुश हुई सच मानें या झूठ
सच मानें या झूठ, सियासी पहने जेवर
उमा भारती दिखलातीं नित नूतन तेवर
दिव्यदृष्टि अब सिंधी पीएम खातिर बेकल
अडवानी से रूठ गई थी बेटी जो कल।
भड़काऊ भाषा नहीं वरुण बोलिए आप
मठाधीश आयोग के वर्ना देंगे शाप
वर्ना देंगे शाप , पाप उसको मानेंगे
बदले में मुट्ठी कसकर फौरन तानेंगे
दिव्यूदृष्टि दे रहे सीख पॉटिलिकल ताऊ
वरुण बोलिए आप नहीं भाषा भड़काऊ
सोमवार, 16 मार्च 2009
हुआ न जल्दी दूर अगर रैगिंग का रोना
हो जाएगी कोर्ट फिर सख्ती को मजबूर
सख्ती को मजबूर, सजा वह शासन पाए
तुरत कारगर कदम राज्य जो नहीं उठाए
दिव्यदृष्टि सूना होगा कॉलिज का कोना
हुआ न जल्दी दूर अगर रैगिंग का रोना
शुक्रवार, 13 मार्च 2009
होश फिजां के उड़ गए शादी हुई हलाक
होश फिजां के उड़ गए शादी हुई हलाक
शादी हुई हलाक, सुनाएं किसको दुखड़ा
महबूबा का गांव साल के भीतर उजड़ा
दिव्यदृष्टि छह माह नहीं यारी चल पाई
मिला धूल में प्यार हाथ आई रुसवाई
गुरुवार, 12 मार्च 2009
तभी समर्थन पर लगे बीएसपी की छाप
तभी समर्थन पर लगे बीएसपी की छाप
बीएसपी की छाप, बोलतीं माया मैडम
वरना है बेकार मोर्चे की सब तिकड़म
दिव्यदृष्टि ऐलान यही हाथी-रानी का
करिए पहले आप फैसला परधानी का
आखिर तो लूजर-गेनर दोनों अंबानी
दुनिया वाले हो रहे नाहक ही हैरान
नाहक ही हैरान, अनिल सहमे यूं बोलें
मुझे छोड़ मेरे भाई को लोग टटोलें
'दिव्यदृष्टि' प्यारे दौलत तो आनी-जानी
आखिर तो लूजर-गेनर दोनों अंबानी
खूब दिखाए चौधरी हैमिल्टन में हाथ
दिया दूसरे छोर से गौतम ने भी साथ
गौतम ने भी साथ, पिटे कीवी बेचारे
साठ गेंद में शतक दनादन वीरू मारे
दिव्यदृष्टि सीरीज टीम की झोली आई
मस्त अजहरुद्दीन पिएं जमकर ठण्डाई
सोमवार, 9 मार्च 2009
जो रैगिंग के नाम पर ले साथी की जान
उसको सभ्य समाज में मिले नहीं स्थान
मिले नहीं स्थान, डॉक्टर बन भी जाए
तो भी वह शैतान कसाई ही कहलाए
दिव्यदृष्टि लानत भेजो ऐसी मस्ती को
ले साथी की जान नाम पर रैगिंग के जो
लेक्चर देने आ गए बेशक हिन्दुस्तान
मियां मुशर्रफ को मगर मिला न पूरा मान
मिला न पूरा मान, शान-शौकत में घाटा
मुसलमान नाराज दूर से कहते टाटा
दिव्यदृष्टि मनमोहन ने भी कतरे हैं पर
बेशक हिन्दुस्तान आ गए देने लेक्चर
सानी कोई सचिन का नहीं विश्व में आज
अपने करतब से बने दिग्गज बल्लेबाज
दिग्गज बल्लेबाज, फील्ड में रन बरसाए
वाह-वाह कर सभी क्रिकेट प्रेमी हरसाए
गेंदबाज सब दिव्यदृष्टि कह रहे कहानी
नहीं विश्व में आज सचिन का कोई सानी
जान बचाए टीम की जब से मियां खलील
श्रीलंकाई तभी से करें बहुत गुड फील
करें बहुत गुड फील, फरिश्ता उसको मानें
दस्तावेजी तथ्य मगर वे लोग न जाने
'दिव्यदृष्टि' जो आज बना आंखों का तारा
उसका भाई गया फौज के हाथों मारा
बुधवार, 4 मार्च 2009
साठ साल में देश को बना दिया स्लमडाग
भूख, गरीबी, गन्दगी जहां खेलते फाग
जहां खेलते फाग, आग को चूल्हे तरसें
मिले न पानी साफ भले ही बादल बरसें
दिव्यदृष्टि घट रही नौकरी चढ़ता पारा
कांग्रेस किसकी जय हो का देती नारा?
सोमवार, 2 मार्च 2009
लेकर नाम जिहाद का हुए सिरफिरे चुस्त
किन्तु सुरक्षा पाक की दीखे नहीं दुरुस्त
दीखे नहीं दुरुस्त, फेल सरकारी अमला
करें जंगजू जब चाहें मनमाफिक हमला
दिव्यदृष्टि हुक्काम करें बातें बड़बोली
है यह दीगर बात खिलाड़ी खाएं गोली
सारी दुनिया तथ्य यह साफ गई है जान
कठमुल्लों के हाथ में सिमटा पाकिस्तान
सिमटा पाकिस्तान, बेअसर हैं जरदारी
गिला करें गीलानी लश्कर पढ़ता भारी
दिव्यदृष्टि इसलिए न हमदर्दी दिखलाओ
दहशतगर्दों को सख्ती से सबक सिखाओ।
रविवार, 1 मार्च 2009
राजनाथ से करें युद्ध की सब तैयारी
आया मन में फिजां के त्यों ही भारी ताव
त्यों ही भारी ताव , देख कर घटती शोहरत
चलीं गाजियाबाद लिए लड़ने की हसरत
दिव्यदृष्टि नर , किन्नर या परित्यक्ता नारी
राजनाथ से करें युद्ध की सब तैयारी
शनिवार, 28 फ़रवरी 2009
उसे बाप ने बना दिया झुग्गी में जीरो
उसे पिता ने पीटकर लाल कर दिए गाल
लाल कर दिए गाल , पुत्र की हुई धुनाई
किंतु न उसका दर्द किसी को पड़ा सुनाई
दिव्यदृष्टि जो दुनिया में कहलाए हीरो
उसे बाप ने बना दिया झुग्गी में जीरो
मेजबान ने इस कदर मारी उनको मार
गए दूसरा मैच भी धोनी साहब हार
धोनी साहब हार, फिरें बेजार रुआंसे
फेल हुई हर चाल पड़े उल्टे सब पांसे
दिव्यदृष्टि हो गई सत्य सौरव की बानी
अत: नई रणनीति उन्हें होगी अपनानी
बुधवार, 25 फ़रवरी 2009
बेशर्म साजिशों को जो सहेज रहे हैं
अतिवादियों को दे वही दहेज रहे हैं
जितने मिले सबूत जराये से मुख्तलिफ,
नफरत से पड़ोसी की वो लबरेज रहे हैं
बाजाब्ता हथियारबंद ट्रेण्ड जंगजू,
नित पाक आर्मी के लोग भेज रहे हैं
उनका यकीन दिव्यदृष्टि किस तरह करे,
जो झूठ बोलने में बहुत तेज रहे हैं।
मंगलवार, 24 फ़रवरी 2009
मिलिनेअर के प्रति बढ़ा दुनिया में अनुराग
मिलिनेअर के प्रति बढ़ा दुनिया में अनुराग
दुनिया में अनुराग, चला रहमानी जादू
जय हो-जय हो कहते दर्शक देते दादू
दिव्यदृष्टि एकत्र हुआ मस्ती का सामां
देखेंगे इसलिए उसे जाकर ओबामा
रविवार, 22 फ़रवरी 2009
आठ ऑस्कर झटक कर लोग रहे हैं झूम
आठ ऑस्कर झटक कर लोग रहे हैं झूम
लोग रहे हैं झूम, खुशी से 'जय हो' गाएं
गीतकार गुलजार बेस्ट शायर कहलाएं
दिव्यदृष्टि रहमान रहे उम्दा म्युजीशन
दो-दो मिले अवार्ड बढ़ी जग में पोजीशन
देख छिछोरी हरकतें हुए सोम दा रुष्ट
शोर मचाऊ सांसद लगते उनके दुष्ट
लगते उनको दुष्ट कड़ी फटकार लगाई
पब्लिक का पैसा मत व्यर्थ गंवाओ भाई
दिव्यदृष्टि जो जाम करे संसद का चक्का
उसे हराए जनता मारे जमकर धक्का
फिर भी शरद पवार की चले सजाने सेज
फिर भी शरद पवार की चले सजाने सेज
चले सजाने सेज अगर पाएं परधानी
सपा समर्थन करे अमर की साफ बयानी
दिव्यदृष्टि जोकर को तो है नाच दिखाना
जो दे हलवा-पुड़ी उसका साथ निभाना
शनिवार, 14 फ़रवरी 2009
भारत को इस करतब से भगवान बचाए
वैलंटाइंस दिवस पर छोड़ी अद्भुत छाप
छोड़ी अद्भुत छाप, पाप कर चोरी-चोरी
पढ़ने की वय में ममी बन गई किशोरी
टीन एज में दिव्यदृष्टि बच्चा हो जाए
भारत को इस करतब से भगवान बचाए
शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009
हाथी को जो कर सके चीते में तब्दील
वही मवेशी डॉक्टर करे रेल को डील
करे रेल को डील, चाल में तेजी लाए
हमें ब्लैक में आरक्षण तत्काल दिलाए
दिव्यदृष्टि सरकार कमाई करती काली
जेब यात्री की बेशक हो जाए खाली
चली पार्लामेंट में चटक चुनावी रेल
राहत की गठरी लिए आई लालू मेल
आई लालू मेल, खेल यादव का जारी
बुलट ट्रेन पटना ले जाने की तैयारी
दिव्यदृष्टि सारे गरीब रथ पर चढ़ जाएं
रहें स्वयं पिछड़े पर नेताजी बढ़ जाएं
बुधवार, 11 फ़रवरी 2009
कोलंबो में कर दिया लंका का निपटान
बने आखिरी वक्त में खतरनाक तूफान
कोलंबो में कर दिया लंका का निपटान
लंका का निपटान, पठानी पारी खेली
मार करारी सिंहलियों की टोली झेली
दिव्यदृष्टि लग गई पार धोनी की नैया
यादगार करतब दिखलाए दोनों भैया
मंगलवार, 10 फ़रवरी 2009
यह नौटंकी कुछ समझ न आई
उस पर कैसे डाल दे सीबीआई हाथ
सीबीआई हाथ, माथ बेशक झुक जाए
मगर दूध का धुला मुलायम को बतलाए
दिव्यदृष्टि यह नौटंकी कुछ समझ न आई
अत: अदालत ने जमकर फटकार लगाई।
करने लगे अनिष्ट, मान-मर्यादा तजकर
तोड़फोड़ से सदन में करने लगे अनिष्ट
करने लगे अनिष्ट, मान-मर्यादा तजकर
राज्यपाल पर फेंकें माइक, गोले डटकर
दिव्यदृष्टि हों जहां विधायक ऐसे पाजी
लोकलाज को त्याग वहां हो ढेलेबाजी
सोमवार, 9 फ़रवरी 2009
अपने मिस्टर कूल को मिली छोकरी नर्म
अपने मिस्टर कूल को मिली छोकरी नर्म
मिली छोकरी नर्म, टर्म सुन्दर सुखदायी
स्वयं 'साक्षी' ने जग को यह बात बताई
दिव्यदृष्टि इसलिए न कतई देर लगाओ
शहनाई कब बजे फटाफट हमें बताओ।
शनिवार, 7 फ़रवरी 2009
माया मैडम मगर मजे से मौज मनाएं
मुखिया से कल्याण का अमर कराए मेल
यूपी में चलने लगा जोड़तोड़ का खेल
जोड़तोड़ का खेल, सियासी हल्लागुल्ला
उधर हो रहे रुष्ट मुलायम से कठमुल्ला
सपा-भाजपा दिव्यदृष्टि नुकसान उठाएं
माया मैडम मगर मजे से मौज मनाएं
गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009
क्रिकेट में पा रहे प्लेयर मोटे दाम
मचा हुआ है देश में मंदी का कोहराम
किन्तु क्रिकेट में पा रहे प्लेयर मोटे दाम
प्लेयर मोटे दाम, विदेशी सभी खिलाड़ी
लाखों डालर की पाएंगे उच्च दिहाड़ी
दिव्यदृष्टि इसलिए छोड़ मंदी का रोना
किसी टीम में तू भी हथिया कोई कोना
त्वचा बदल देने का नुस्खा भेजो सारे
सेहत मंत्री जल्द ही तोड़ें उसका ड्रीम
तोड़ें उसका ड्रीम, पूछकर प्रश्न करारे
त्वचा बदल देने का नुस्खा भेजो सारे
दिव्यदृष्टि यदि प्रूफ नहीं दे पाए पक्का
रामदास हो कुपित बैन का मारें छक्का
मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009
धोनी का डंका बजा मिली तीसरी जीत
माहेला के शेर सब दीख रहे भयभीत
दीख रहे भयभीत, मार मंडिस ने खाई
महारूफ मुरली कुलशेखर सहे पिटाई
दिव्यदृष्टि युवराज जलाए उनकी लंका
मिली तीसरी जीत बजा धोनी का डंका
चुम्बन ले मैरिड कपल बड़े शौक से खूब
इंटरवेंशन पुलिस की नहीं कहीं मतलूब
नहीं कहीं मतलूब, अदालत मारे कोड़े
हों आलिंगनबद्ध मगर मर्यादित जोड़े
दिव्यदृष्टि हों नए मियां-बीवी यदि राजी
वर्दी वाला बने वहां क्यों नाहक काजी
बिलावजह मत करें चावला की बदनामी
उसे हटा सकती नहीं किसी तरह सरकार
किसी तरह सरकार, सुनें गोपाला स्वामी
बिलावजह मत करें चावला की बदनामी
दिव्यदृष्टि मिल गया हंस का स्नेहिल साया
करके सोच-विचार काम पर जिसे लगाया
रविवार, 1 फ़रवरी 2009
जोड़-तोड़ कर मंत्री बन जा फौरन भाई
पीएमओ इस प्रश्न पर करे घोर आपत्ति
करे घोर आपत्ति, मिनिस्टर बेशक लूटें
फिर भी उनकी बंद गांठ के पेंच न छूटें
दिव्यदृष्टि यदि करना चाहे भ्रष्ट कमाई
जोड़-तोड़ कर मंत्री बन जा फौरन भाई
शनिवार, 31 जनवरी 2009
लगा बदलने बात फिर पाजी पाकिस्तान
जालिम कहे सबूत में नहीं दीखती जान
नहीं दीखती जान, बोलता झूठ दरिन्दा
करता फिरे प्रचार नहीं है अजमल जिंदा
दिव्यदृष्टि जो हठधर्मी से बाज न आए
उसके ऊपर हिन्द कारगर कदम उठाए
गुरुवार, 29 जनवरी 2009
रे राजू श्रीवास्तव मत बन तंजनिगार
वरना पाकिस्तान के गुंडे देंगे मार
गुंडे देंगे मार, जान यदि तुझको प्यारी
छोड़ उड़ानी हंसी सीख ले दुनियादारी
दिव्यदृष्टि यदि श्रोता को चाहे समझाना
बोल उसे नापाक दुष्ट जालिम नादाना
देशवासियों को मिली गजब इलेक्शन गिफ्ट
घट जाए कुछ इस तरह महंगाई की रिफ्ट
महंगाई की रिफ्ट तेल के दाम घटाए
शायद भोला मतदाता फिर से पट जाए
दिव्यदृष्टि फिर पार लगाए वोटर नैया
तोहफों की बौछार इसलिए आई भैया
बुधवार, 28 जनवरी 2009
होगा जिसके पर्स में जितना ज्यादा कैश
वही लड़कियां करेंगी पब में जाकर ऐश
पब में जाकर ऐश , तैश मत खाओ प्यारे
ग्लोबलाइजेशन के देखो मस्त नजारे
दिव्यदृष्टि इसलिए राम की सुन ले सेना
निजी मामले से उसका क्या लेना-देना
मंगलवार, 27 जनवरी 2009
आए कोई पद्मिनी बस जाए परिवार
आए कोई पद्मिनी बस जाए परिवार
बस जाए परिवार , दूसरा मौका पाएं
नाचें-गाएं यार झूम कर रंग जमाएं
दिव्यदृष्टि भी पा जाए सोणी भौजाई
देता है एडवांस इसलिए उन्हें बधाई
शनिवार, 24 जनवरी 2009
मिले नहीं बाजार में कोई सस्ती चीज
चाहे रोटी-दाल हो चाहे पेंट-कमीज
चाहे पेंट कमीज फ्लैट या मोटरगाड़ी
बेचें महंगा पान और सिगरेट पनवाड़ी
दिव्यदृष्टि अंबर पर पहुंचे चांदी-सोना
फिर भी रोएं लोग रोज मंदी का रोना
शुक्रवार, 23 जनवरी 2009
पीएम का दिल दें बना जबर्दस्त मजबूत
पीएम का दिल दें बना जबर्दस्त मजबूत
जबर्दस्त मजबूत सिंह की माफिक गरजे
रुक जाए घुसपैठ सियारों का पग लरजे
दिव्यदृष्टि की दुआ बढ़े सांसों की गिनती
सर्जन सभी सपूत गौर से सुन लें विनती
गुरुवार, 22 जनवरी 2009
बीजेपी के बाग में लगा सियासी आग
गाते हैं कल्याण जी मधुर मुलायम राग
मधुर मुलायम राग अमर उल्लास जगाए
राजनाथ , माया की लेकिन नींद भगाए
दिव्यदृष्टि जब दो दुश्मन कर बैठें यारी
करें तीसरे पर हमला मिल बारी-बारी
बुधवार, 21 जनवरी 2009
ओबामा ने विश्व को साफ दिया संदेश
नजर नहीं आए कहीं उग्रवाद का क्लेश
उग्रवाद का क्लेश, टेरर की होगी छुट्टी
जो दे उसे पनाह करेंगे उससे कुट्टी
बदले पाकिस्तान रवैया फौरन अपना
वरना यूएस हैल्प उसे बन जाए सपना
सारी दुनिया शांति से रोज मनाए ईद
पहले ही वक्तव्य से जगी यही उम्मीद
जगी यही उम्मीद, सियासी मंजर बदले
नहीं खून का प्यासा कोई खंजर मचले
दिव्यदृष्टि जज्बात जगाए जग का गुनिया
रोज मनाए ईद शांति से सारी दुनिया
मंगलवार, 20 जनवरी 2009
फिल्मों में गांधीगिरी जमा गई कुछ धाक
लोकतंत्र से इसलिए फूहड़ करें मजाक
फूहड़ करें मजाक, नाक नियमों की काटें
अमर-मुलायम संजय-सा अभिनेता छांटें
दिव्यदृष्टि जो स्वयं अदालत में है हारा
उसे बनाने चली सपा आंखों का तारा
सोमवार, 19 जनवरी 2009
राष्ट्रपति के नाम पर चली सियासी चाल
सेंटर जिससे पा सके झारखंड में ढाल
झारखंड में ढाल, यही होता प्रतिबिंबित
असेंबली इसलिए वहां पर रखी निलंबित
दिव्यदृष्टि जिस दिन भी सौदा पट जाएगा
प्रतिभा देवीसिंह का शासन हट जाएगा
शुक्रवार, 16 जनवरी 2009
शासन ऐसे शख्स के खींचे फौरन कान
शासन ऐसे शख्स के खींचे फौरन कान
खींचे फौरन कान, जेल के करे हवाले
बाहर से मजबूत ठोक दे उस पर ताले
दिव्यदृष्टि सुप्रीम कोर्ट की राय न भूलो
दंगा करने वाले दल से रकम वसूलो
गुरुवार, 15 जनवरी 2009
रेप मामलों के लिए बने सख्त कानून
बचे नहीं रेपिस्ट फिर कोई अफलातून
कोई अफलातून कुड़ी को हाथ लगाए
तुरत सलाखों के पीछे वह भेजा जाए
दिव्यदृष्टि यदि करे दुबारा हरकत टोली
करो कोरिया भांति नपुंसक देकर गोली
दुनिया माने सचिन को क्रिकेट का भगवान
दुनिया माने सचिन को क्रिकेट का भगवान
पर, आईसीसी उन्हें समझे नहीं महान
समझे नहीं महान, दीखती नीयत खोटी
भेदभाव की है दिमाग पर चर्बी मोटी
दिव्यदृष्टि नन्हा-मुन्ना जगजाहिर गुनिया
क्रिकेट का भगवान सचिन को माने दुनिया
बुधवार, 14 जनवरी 2009
भैरों बाबा चल रहे पहले ही नाराज
मोदी पर अब कर रहे अंबानी जी नाज
अंबानी जी नाज, झूमकर मित्तल बोले
पीएम पद के लिए भाजपा उन्हें टटोले
दिव्यदृष्टि दमदार बताएं उनको प्राणी
सुन उनकी तारीफ हाथ मलते अडवाणी
मंगलवार, 13 जनवरी 2009
पीएफ का पैसा गए न्यायाधीश डकार
पीएफ का पैसा गए न्यायाधीश डकार
न्यायाधीश डकार, कराई घर की सज्जा
मोबाइल विडियोग्राफी में कैसी लज्जा
दिव्यदृष्टि जब मुंसिफ ही मगरूर बनेंगे
चोर, उठाईगीर भला किस तरह डरेंगे।
सोमवार, 12 जनवरी 2009
म्युजिशन रहमान को मिला गोल्डन ग्लोब
हिन्दुस्तानी पॉप का जमा विश्व पर रोब
जमा विश्व पर रोब, एक से एक सुरीली
धुन करते कम्पोज नाचती दुनिया फूली
दिव्यदृष्टि है सात सुरों का ऐसा जादू
पब्लिक देती दाद लोग होते बेकाबू
शुक्रवार, 9 जनवरी 2009
लड़ें मान्यता मैडम करें मुलायम चर्चा
दिखा रहे हैं अमर सिंह उससे जबरन प्यार
उससे जबरन प्यार, सपा की कोशिश जारी
कांग्रेस में नकब लगाने की तैयारी
दिव्यदृष्टि यदि रद्द हुआ मुन्ना का पर्चा
लड़ें मान्यता मैडम करें मुलायम चर्चा
हे लखटकियो देश से करो नहीं यूं घात
हे लखटकियो देश से करो नहीं यूं घात
करो नहीं यूं घात, खूब मिल रहा रुपैया
फिर भी करते लोभ अकारण मेरे भैया
दिव्यदृष्टि भोली जनता को नहीं सताओ
सुनो हमारी बात काम पर फौरन आओ
गुरुवार, 8 जनवरी 2009
जो भी बोले पाक में जितना ज्यादा झूठ
उतनी उसकी हाथ में हो पावर की मूठ
हो पावर की मूठ, सचाई जो भी बोले
करके बेड़ा गर्क प्रशासन उसको तोले
दिव्यदृष्टि इसलिए कीजिए गलतबयानी
वरना हो बर्खास्त हुए जैसे दुर्रानी
बुधवार, 7 जनवरी 2009
अपने घर में शेर बन भौंक रहा है स्वान
सीधे-सच्चे साक्ष्य पर नहीं दे रहा कान
नहीं दे रहा कान, कहे उनको नाकाफी
जालिम चाहे दुनिया दे-दे उसको माफी
दिव्यदृष्टि थू-थू होती हर गली, शहर में
भौंक रहा है स्वान शेर बन अपने घर में
मंगलवार, 6 जनवरी 2009
नहीं चलेगा क्लास में गजनी का स्टंट
नहीं चलेगा क्लास में गजनी का स्टंट
गजनी का स्टंट, शीश पर केस बढ़ाओ
बेशक उसके बाद आप कक्षा में आओ
दिव्यदृष्टि जो छात्र करेगा हुकुमउदूली
उसको फौरन टीचर जी टांगेंगे सूली
सोमवार, 5 जनवरी 2009
ले दुनिया को साथ दुष्ट पर हमला करिए
ठुकराए सब पाक ने जालिम बना कपूत
जालिम बना कपूत, एक भी तथ्य न माने
बस अपनी ही बातों को वह सत्य बखाने
दिव्यदृष्टि इस हठधर्मी पर कान न धरिए
ले दुनिया को साथ दुष्ट पर हमला करिए
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
चले चिदम्बर आप चाटने बुश का तलवा
मगर बताएं देश को यह तो माई-बाप
यह तो माई-बाप, सामने क्या मजबूरी?
जिसके कारण यूएस जाना हुआ जरूरी
दिव्यदृष्टि हो गया खत्म भारत का जलवा
चले चिदम्बर आप चाटने बुश का तलवा
अमरीका सब पाक की समझ रहा करतूत
फिर भी देने चल पड़े उसको आप सबूत
उसको आप सबूत, मानकर नाहक काजी
कभी न हो मरदूद सजा देने को राजी
दिव्यदृष्टि नापाक पालतू पूत उसी का
समझ रहा करतूत पाक की सब अमरीका
गुरुवार, 1 जनवरी 2009
अमरीका के सामने लेकिन पढ़े नमाज
हिन्दुस्तानी साक्ष्य को करे नजरअंदाज
अमरीका के सामने लेकिन पढ़े नमाज
लेकिन पढ़े नमाज, ताज कदमों में डाले
मान खुदा का हुक्म जंगजू करे हवाले
दिव्यदृष्टि नापाक नमूना पाकिस्तानी
करे नजरअंदाज साक्ष्य को हिन्दुस्तानी
यह मैं हूं

ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2009
(292)
-
▼
दिसंबर
(9)
- दिल्ली आना है अगर दीजे एंट्री फीस
- तेलंगाना पर लिए चिदम्बरम यू-टर्न
- नहीं किसी की भी गली झारखंड में दाल
- जब तबना रहेगा लक सरकारी मेहमान
- हे सुंदरियो झाड़ दो विज्ञापन की गर्द
- मिस्टर धोनी पर लगा दो मैचों का बैन
- अपने पूर्व बयान से मुकर गया जल्लाद
- तेलंगाना बन गया कांग्रेस की फांस
- राजकोट में रनों का लगा दिया अंबार
-
►
नवंबर
(21)
- मराठियों के बन रहे 'बाला' ठेकेदार
- किस मजबूरी में भाया परदेसी काजी
- खामोशी से देख नित्य शीला की लीला
- रामलला के साथ कर गया कौन अजूबा
- हो जाए कल्याण भागवत दीजे भिच्छा
- अमरीका-इंग्लैंड के आएगा जो काम
- प्रतिभा को सरकार दिखाये दिन में तारे
- ऐशपरस्ती में मगर कहीं न कोई झोल
- नहीं गुण्डई से कभी बनते लोग महान
- मन्नू मेरा यार मगर मस्ती में सोये
- करती महाविनाश रूप धर प्रलयंकारी
- लगे न उसकी पार कभी सपने में नैया
- दीख रहे बेजार बन गया 'बैरी' बब्बर
- उसको सभ्य समाज तो करे नहीं स्वीकार
- बादशाह भी 'नाकाबिल' पांवों में गिरते
- ताज भले जाए मगर मत बनिए मोहताज
- पत्रकारिता को दिए नूतन नित्य प्रकाश
- बोलें 'वंदे-मातरम्' पाएं 'शिव' वरदान
- उसे बीनने पड़ रहे भटक-भटक कर बेर
- क्रूर कैबिनेट कंचुकी कामयाब कहलाय
- डीएनए को बाध्य नहीं हैं तनिक तिवारी
-
►
अक्तूबर
(21)
- सकते में है आजकल शीला की सरकार
- असंतुष्ट हैं फिर भी 'उनके' साथ रहेंगे
- हाकिम है बेदर्द सुना मत करुण कहानी
- पांच साल अब और नहीं बन पाये दाढ़ी
- चौटाला चलने लगे चतुर सियासी चाल
- फिर सत्ता से दूर रहे चोटिल चौटाला
- लूट भतीजा गया खूब चाचा की खोली
- नहीं चिरौरी का प्यारे अब रहा जमाना
- कोई पूछे तो खुद को सेकुलर बतलाओ
- आइए दीपावली पर हम जलाएं वह ' दिया '
- तभी लोकप्रिय होते जस्टिस गुंडा स्वामी
- 'सरेआम' क्यों भिजवाई ठर्रे की बोतल
- झटपट एक करोड़ 'रंगदारी' भिजवाओ
- उन्हें भला शिक्षा से क्या है लेना-देना
- सुलगे अगर समाज में असंतोष की आग
- फिर भी वेंकटरमन कोटिश: तुम्हें बधाई
- बन कर 'भागीदार' समस्या दर्ज कराएं
- जनप्रतिनिधि गिरेबान में अपने झांकें
- उसे राज की फिक्र सताती है डेनाइट
- कांग्रेस छलका रही दलित-प्रेम का जाम
- ले बापू का नाम गोल्डन कलम खरीदो
-
►
सितंबर
(26)
- रिश्तेदारों को 'दलाल' मत बोलो मेरे भाई
- काटी पहले मैच में जिसने जमकर नाक
- बड़े शौक से चांद पर जल ढूंढे सरकार
- मना बर्थडे केक हमारे घर भिजवाएं
- यूएस से आई खबर मिले ट्रिपल खैरात
- बिना सूचना के ही चढ़ते उनकी छाती
- फूल खिले लंका खुशबू भारत में महके
- पांच बरस तक आप ढूंढ़ते रह जाओगे
- बेदी पर कर्तव्य की देकर अपने प्राण
- हुआ नपुंसक राजनय नेता बने सियार
- मन्नू ने बनवा दिया मंत्री उन्हें जरूर
- आलिंगन की चाह स्वयं होंठों पर आए
- बल्ला देता सचिन का फौरन उन्हें जवाब
- किंतु परम 'संतुष्ट' हमारी शीला अंटी
- देख जवाबी गोली मूसक बिल में भागे
- तुरत कीजिए चोट लगाकर वहां निशाना
- मार-मार मुक्का करे बैरी को बेहाल
- झांसी वाली रानी के 'वंशज' अब भूखे मरते हैं
- पुत्तर पाकिस्तान सा अमरीका सा बाप
- मंत्रीजी को चाहिए बंगला खुशबूदार
- लाल हुई किस तरह मित्र लद्दाखी धरती
- भगवान से भी ऊंचा दर्जा यहां तुम्हारा
- सत्ता के यमदूत, किए धारण मक्कारी
- सौदेबाजी में अब तजें कमीशनखोरी
- बापू को बेटा बम की ताकत दिखलाए
- सैनिक खाली पेट जीतता जंग न बेटा
-
►
अगस्त
(27)
- राजनाथ के साथ 'राम' का भजन कीजिए
- बहुत भाजपा में बढ़ी जब जूतम पैजार
- बसपा को बदनाम करे चंदे का धंधा
- मान गए 'मी लॉर्ड' करें जाहिर प्रॉपर्टी
- बीजेपी में बेसुरा बजा बगावत राग
- सोये सुख की सेज सजन के संग किशोरी
- फौरन कटी पतंग की संघ थाम ले डोर
- छुटभैयों के हाथ ज्यों आई मोटर कार
- जिस अडवानी के लिए बोला मैंने झूठ
- अद्भुत भारतवर्ष में न्यायालय का सीन
- मन राखी सावंत का बहुत रहा है डोल
- पेट भरें किस भांति जुगत बतलाओ पुत्तर
- इसीलिए हो गए एक झटके में आउट
- आये दिन ईमान बेचते अपना शातिर
- दिखलाया कप्तान ने धमकीवाला हाथ
- वही राइटर दुनिया में फौरन बिक जाए
- दी हमको सरकार ने सौ दिन रोटी-दाल
- 'पंचशील' का रोयेंगे तब पंडित दुखड़ा
- निंदक को क्यों जान-बूझकर गले लगाये
- उन्हें बांग्लादेश तुरत वापस भिजवाए
- करें शिष्ट व्यवहार कीमती समय बचाएं
- दिए दर्जनों मार तनिक भी लाज न आई
- जब मांगे कश्मीर तमाचा मुंह पर धरिए
- भाई बनकर राखी से 'राखी' बंधवा लें
- जमकर भ्रष्टाचार कर रहे तेल मिनिस्टर
- राखी ने चुन ही लिया दूल्हा आखिरकार
- बूटा का बेटा गया पकड़ा लेते घूस
-
►
जुलाई
(29)
- जीते कैसे जंग भला फिर फौजी दस्ता
- शीला की हट्टी गए लेने सस्ती दाल
- महबूबा के हमलों का हो गया कबाड़ा
- दाल-भात के बदले मुर्गी रोल मिलेगा
- महबूबा की मांग पर उमर न देते कान
- भेज रही कश्मीर में नित नफरत के नाग
- चाटुकारिता चर्म पर है मित्रो आसीन
- पटना की घटना बहुत शर्मनाक है मित्र
- लोग कहें बेशर्म, बड़ी हरकत बचकानी
- फौरन ही उस पर गिरे पाबंदी की गाज
- कौन करे प्रतिरोध किसी में शेष न बूता
- बसपा शासन में खुलें फौरन उसके भाग
- रोजगार की राशि किंतु हाथी खा जाये
- करे तरक्की देश निरंतर जय हो जय हो
- निन्दनीय करतूत बहुत ही उनकी भाई
- कर ले प्राणायाम मिटे मरियल मोटापा
- साफ कहें मायावती करके लंबी नाक
- बेशक उनको लोग बिहारी बाबू बोलें
- बादशाह से डाक्टर बने शाह रुख खान
- पत्र-पत्रिका भेज बोरियत दूर कीजिए
- रीते मेघ निहार कर चिंतित हुए किसान
- ज्यादातर बाजार प्रणव से दीखे आहत
- गिरमिटियों के देश में पाये ज्यों ही जीत
- हुए पराजित गेल रह गए हक्का-बक्का
- ममता दीदी ने किया ममता का इजहार
- कहते अपने आपको राहुल नेक किसान
- चल मन्नू के साथ बढ़ा परिवार नियोजन
- बढ़े तेल के दाम, मुसीबत माथे आई
- मानसून जी रखना सावन सरस सुरीला
-
►
जून
(23)
- खड़ी करें मनमोहन उसकी फौरन खटिया
- बादशाह वह पॉप का छोड़ गया अब सेज
- पढ़ने-लिखने में करें समय न बच्चे नष्ट
- गत वर्षों की भांति नहीं हमको बहकाना
- मॉनसून मनहूस न लाए फिर भी सावन
- राहुल बाबा बढ़े निरन्तर आयु तुम्हारी
- ग्लोबल मंदी से रही जो दुनिया बेहाल
- ओबामा जी जगत के जाहिर मक्खीमार
- रोज पड़े डाका भले आए दिन हो लूट
- लेकर लल्लू टीम गए ही थे क्यों भैया
- देना पड़ा 'लगान' लुटाकर लौटे खोखा
- समझ न आएं अदाकारियां ये धोनी की
- बीजेपी की हार से दुखी बड़े जसवंत
- सचमुच दिल्ली पुलिस ग्रेट है मेरे भाई
- जींस टॉप छोड़ें कुडि़यां सब साड़ी पहनें
- गांधी जी के चेले कतई करें न हमला
- साथ सहवाग के हुई जो भी,
- कंगारू अब क्रिकेट में नहीं रहे बेजोड़
- पांच दशक तक मंच पर छाये रहे हबीब
- सिसकें लालू-राबड़ी छूटी उनकी रेल
- बाबू हिन्दुस्तान के काहिल, लापरवाह
- देवि सोनिया ने किया मीरा पर उपकार
- खाई प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया मात
-
►
मई
(26)
- नहीं चाहिए उनसे कोई 'सनद' मिठाई
- समझ नहीं पायें मन्नू के तर्क अजूबे
- नस्लभेद के हो रहे स्टूडेंट शिकार
- मंत्री की भरमार जेब पर बोझ बढ़ेगा
- दोनों ग्वाले आजकल दीख रहे मायूस
- रन बरसा कर खूब बन गए गिल्ली नाहर
- कांग्रेस कर लेगी उससे फौरन कुट्टी
- पहले जैसे हैं नहीं मनमोहन 'कमजोर'
- मनमोहन से चल रहा मोलभाव का दौर
- ममता मैडम ने किया इच्छा का इजहार
- लालटेन की हो गई बहुत रोशनी मंद
- गाएं लालू-राबड़ी मिलकर गर्दिश गान
- पासवान का कारवां छूट गया है दूर
- लीडर हाथी छाप बन गए सारे चींटी
- मतदाता के मन बसा मनमोहन का काम
- शांत हो गया जोश फिरा किस्मत पर पानी
- बीती ताहि बिसार, परस्पर माफ कीजिए
- नहीं वरुण पर रासुका हेतु उचित आधार
- अमर प्रेम से रुष्ट हैं भाई आजम खान
- पब्लिक पीलीभीत की फेंके उसे उखाड़
- एक घूंट पी शेन ने लौटाया ज्यों जाम
- पुलिस प्रशासन देश का अति संवेदनहीन
- मुरझाएगा 'कमल' खत्म हो राम कहानी
- भगा अखाड़ा छोड़कर बसपा कैंडिडेट
- खुद अपनी ही टीम नई तैयार करेंगे
- लिए चैन की सांस मिली मोदी को राहत
-
►
अप्रैल
(39)
- मुर्गा तंदूरी मिले अफजल करता मांग
- डीटीएच के संग जोड़ लें फौरन नाता
- पाकिस्तानी ढोर, तिकड़मी शोर मचाए
- माया से करना नहीं कभी भूलकर प्यार
- जान कैंसर रोग मांगता है कुर्बानी
- मिस्टर धोनी हो गए एक बार फिर फेल
- लंगड़ी घोड़ी पर मनमोहन करें सवारी
- जियो हजारों साल तुम नन्हे सचिन महान
- सुपर गेम में यूसुफ खेल दिखाए तगड़ा
- खुली खूब तकदीर मुग्ध हैं माया रानी
- डेमोक्रेसी डांस का चला दूसरा दौर
- पिटे पीटरसन, खूब चला रोहित का बल्ला
- धोनी-भज्जी गौर से सुनें खोलकर कान
- नहीं दिखाओ दुष्ट से ज्यादा प्यार-दुलार
- बीच राह में टूटी चैलंजर की बोतल
- मस्ती में जमकर पिए सचिन जीत का जाम
- रजवाड़ों की रेल हुई साबित पैसेंजर
- परेशान हैं प्रीति, सिसकतीं शिल्पा शेट्टी
- मंत्री बनने का उसे नहीं तनिक अधिकार
- फिर भी चारा चोर रोज पा रहे प्रतिष्ठा
- भरे तिजोरी माया की दे जमकर चंदा
- सपने में भी दूं नहीं कोई गलत बयान
- मुस्लिम मां की याद राजनीतिक मजबूरी
- दशा पालिर्यामेंट की फिर हो डावांडोल
- अंग्रेजी तालीम को पड़े मुलायम लात
- मेरी नजरों में बहुत राहुल ब्रदर महान
- नेकनीयती से दिए उद्धव साफ बयान
- कल जो जूता जगत में था पैरों की शान
- असर दीखता साफ हुए टाइटलर टाइट
- लगी स्वयंवर सेल फटाफट दे दे अर्जी
- कलमकार हो क्रुद्ध कर रहे जूतेबाजी
- उसके ऊपर मित्र रासुका कौन लगाए?
- फिर भी सोई चैन से दिल्ली पुलिस महान
- तुमने वह टकसाल कहां लगवाई भैया
- माफी मांगें जल्द बहुत वरना पछताएं
- वरना लेता जान वरुण की दुष्ट कसाई
- बाहुबली की नाक में डाले कौन नकेल
- कर लेंगे उनसे अडवानी सौदेबाजी
- मुन्नाभाई भर रहे जमकर ठंडी आह
-
►
मार्च
(26)
- करें कसाई के लिए जो फांसी की मांग
- फर्जी डिग्री का सारा किस्सा खुल जाए
- खेल दिखा गंभीर नेपियर नाक बचाए
- बीजेपी के लिए चले वोटों की आंधी
- किसी गधे को तुझे पड़ेगा बाप बनाना
- कांग्रेस की नाव में निकले करने छेद
- नहीं शाह रुख टीम में सौरभ हों कप्तान
- कहीं जुआरी डुबा न दें कल उसकी नैया
- आम आदमी को दिया टाटा ने उपहार
- अगर विषवमन से मिले बीजेपी को वोट
- धोनी ने बतला दिया टीम इंडिया बेस्ट
- सर्वश्रेष्ठ है क्रिकेट में तारा सचिन महान
- कल जो बेटी थी गई अडवानी से रूठ
- भड़काऊ भाषा नहीं वरुण बोलिए आप
- हुआ न जल्दी दूर अगर रैगिंग का रोना
- होश फिजां के उड़ गए शादी हुई हलाक
- तभी समर्थन पर लगे बीएसपी की छाप
- आखिर तो लूजर-गेनर दोनों अंबानी
- खूब दिखाए चौधरी हैमिल्टन में हाथ
- जो रैगिंग के नाम पर ले साथी की जान
- लेक्चर देने आ गए बेशक हिन्दुस्तान
- सानी कोई सचिन का नहीं विश्व में आज
- जान बचाए टीम की जब से मियां खलील
- साठ साल में देश को बना दिया स्लमडाग
- लेकर नाम जिहाद का हुए सिरफिरे चुस्त
- राजनाथ से करें युद्ध की सब तैयारी
-
►
फ़रवरी
(20)
- उसे बाप ने बना दिया झुग्गी में जीरो
- मेजबान ने इस कदर मारी उनको मार
- बेशर्म साजिशों को जो सहेज रहे हैं
- मिलिनेअर के प्रति बढ़ा दुनिया में अनुराग
- आठ ऑस्कर झटक कर लोग रहे हैं झूम
- देख छिछोरी हरकतें हुए सोम दा रुष्ट
- फिर भी शरद पवार की चले सजाने सेज
- भारत को इस करतब से भगवान बचाए
- हाथी को जो कर सके चीते में तब्दील
- कोलंबो में कर दिया लंका का निपटान
- यह नौटंकी कुछ समझ न आई
- करने लगे अनिष्ट, मान-मर्यादा तजकर
- अपने मिस्टर कूल को मिली छोकरी नर्म
- माया मैडम मगर मजे से मौज मनाएं
- क्रिकेट में पा रहे प्लेयर मोटे दाम
- त्वचा बदल देने का नुस्खा भेजो सारे
- धोनी का डंका बजा मिली तीसरी जीत
- चुम्बन ले मैरिड कपल बड़े शौक से खूब
- बिलावजह मत करें चावला की बदनामी
- जोड़-तोड़ कर मंत्री बन जा फौरन भाई
-
►
जनवरी
(25)
- लगा बदलने बात फिर पाजी पाकिस्तान
- रे राजू श्रीवास्तव मत बन तंजनिगार
- देशवासियों को मिली गजब इलेक्शन गिफ्ट
- होगा जिसके पर्स में जितना ज्यादा कैश
- आए कोई पद्मिनी बस जाए परिवार
- मिले नहीं बाजार में कोई सस्ती चीज
- पीएम का दिल दें बना जबर्दस्त मजबूत
- बीजेपी के बाग में लगा सियासी आग
- ओबामा ने विश्व को साफ दिया संदेश
- फिल्मों में गांधीगिरी जमा गई कुछ धाक
- राष्ट्रपति के नाम पर चली सियासी चाल
- शासन ऐसे शख्स के खींचे फौरन कान
- रेप मामलों के लिए बने सख्त कानून
- दुनिया माने सचिन को क्रिकेट का भगवान
- भैरों बाबा चल रहे पहले ही नाराज
- पीएफ का पैसा गए न्यायाधीश डकार
- म्युजिशन रहमान को मिला गोल्डन ग्लोब
- लड़ें मान्यता मैडम करें मुलायम चर्चा
- हे लखटकियो देश से करो नहीं यूं घात
- जो भी बोले पाक में जितना ज्यादा झूठ
- अपने घर में शेर बन भौंक रहा है स्वान
- नहीं चलेगा क्लास में गजनी का स्टंट
- ले दुनिया को साथ दुष्ट पर हमला करिए
- चले चिदम्बर आप चाटने बुश का तलवा
- अमरीका के सामने लेकिन पढ़े नमाज
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दिसंबर
(9)